
नगर परिषद व जनस्वास्थ्य विभाग की नहीं ली इजाज़त
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। बीते दिवस कंगनपुर रोड स्थित भारत नगर में गुजरात गैस पाइप लाइन (Gas Pipeline leakage) लीकेज हो गई थी। लेकिन पाइप लाइन को जोड़ने के लिए संबंधित एजेंसी ने नगर परिषद व जनस्वास्थ्य विभाग से अनुमति नहीं ली। इतना ही नहीं एजेंसी ने इस कार्य के लिए अनुभवहीन कर्मियों को लगा दिया। अनुभवहीन कर्मियों ने पाइप को जोड़ने के लिए लोहे की 6 इंची चार लेयर पाइप लाइन में ड्रील से सुराग करने शुरू कर दिया,जिससे 6 किलोमीटर लंबी मुख्य लाइन खाली हो गई। Sirsa News
लापरवाही उजागर होने पर अमृतसर से बुलाई एक्सपर्ट टीम | Sirsa News
बताया जा रहा है कि करीबन 10 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान गैस लीक होने से कंपनी को हुआ है तथा जोड़ने के दौरान गैस लीक ना होती तो उसे करीब एक सप्ताह तक सप्लाई दी जा सकती थी। लापरवाही सामने आने पर गुजरात गैस एजेंसी द्वारा पाइप को जोड़ने वाली एक्सपर्ट टीम अमृतसर से बुलाई गई है। अमृतसर की टीम द्वारा पाइप लाइन को जोड़ने का कार्य किया जाएगा और खराब हुए टुकड़े काटकर बदलेगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गैस पाइप को जोड़ने में जुटे कर्मियों ने गुजरात गैस पाइप लाइन के उपर लिखा हुआ चेतावनी बोर्ड तक हटाकर रख दिया। गनीमत रही कि ड्रील के दौरान कोई चिंगारी नहीं उठी। अगर चिंगारी उठती तो शहर में बड़ा हादसा हो सकता था तथा कई लोगों की जान भी जा सकती थी। Sirsa News
यह अनुमति लेना होता है अनिवार्य
जन स्वास्थ्य विभाग से अनुमति नियमानुसार पेयजल व सीवरेज कनेक्शन लेने के लिए आवेदन फार्म विभाग में जमा करवाना होता है। उसकी फीस विभाग द्वारा जमा करवाई जाती। वहां से रसीद मिलती है और विभाग के अनुभवी प्लंबर के नंबर भी उपलब्ध करवाए जाते है। क्योंकि उन्हें जानकारी होती है कि कहां पर किस जगह लाइन बिछाई गई है। नगर परिषद से अनुमति नगर परिषद द्वारा बनाई गई किसी भी सड़क को तोड़ने या खोदने से पूर्व अनुमति लेनी होती है। जन स्वास्थ्य विभाग के अनुमति पत्र के साथ ही नगरपरिषद की इंजीनियरिंग शाखा में आवेदन किया जाता है। वहां पर गड्ढे या कट की लंबाई, चौड़ाई व मेटिरियल के हिसाब से पैसा जमा करवा जाता है। इसके बाद अनुमति दी जाती है।
हमारे पास पेयजल और सीवरेज लाइन बिछाने को लेकर कोई शहरवासी अनुमति लेने के लिए नहीं आता है। नियमानुसार जन स्वास्थ्य विभाग से अनुमति लेने के बाद नगर परिषद से रोड कट की अनुमति लेनी होती है। ऐसा कोई नहीं करता है। यहीं, कारण है कि नगर परिषद की बनाई सड़क समय से पहले टूट जाती है।
-प्रवीण शर्मा, जेई, नगर परिषद।
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