पंजाब के एक जिले में पूरे हरियाणा से ज्यादा मामले
- हरियाणा के 5 जिलों में कोई केस नहीं
- पराली निस्तारण के लिए एक लाख 55 हजार 726 किसानों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया
कैथल (सच कहूं/कुलदीप नैन)। Air Pollution: दिल्ली एनसीआर समेत पूरा हरियाणा वायु प्रदूषण की चपेट है। अधिकतर लोग इसके लिए किसानो को दोष देते नजर आते है कि किसानों द्वारा फसल अवशेष जलाने से प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि पिछले सालो के मुकाबले इस साल फसल अवशेष जलाने में बड़ी कमी आई है। पिछले साल 21 नवंबर तक हरियाणा में।पराली जलाने के 2123 मामले सामने आए थे जोकि इस साल घटकर सिर्फ 1183 रह गए। Kaithal News
इस हिसाब से इस साल बहुत कम मात्रा में फसल अवशेष जले है। हरियाणा के किसान पराली (धान के फसल अवशेष) के निस्तारण के लिए जागरूक हो रहे हैं। हरियाणा राज्य के 5 जिले गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, रेवाड़ी, मेवात ऐसे है जिनमें एक भी केस पराली जलाने का नहीं आया। वहीं भिवानी में सिर्फ दो केस और झज्जर में 5 मामले सामने आए है।
पंजाब के एक जिले में पूरे हरियाणा से ज्यादा मामले | Kaithal News
वहीं पंजाब की बात की जाए तो पंजाब के सिर्फ एक जिले में पूरे हरियाणा से ज्यादा पराली जलाने के केस पाए गए है। बता दे कि पंजाब के फिरोजपुर जिले में 1235 मामले सामने आए है और हरियाणा में 1183 मामले मिले है। पूरे पंजाब में अब तक 10104 जगह पर पराली जलती हुई मिली है। पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो वर्ष 2020 में 21 नवंबर तक 3884, 2021 में 6464, 2022 में 3491 स्थानों पर पराली जलाई गई थी। यानी कि पराली जलाने के मामलों में तेजी से गिरावट आई है।
एक लाख 55 हजार 726 किसानो ने करवाया पंजीकरण
पराली निस्तारण के लिए इस साल अभी तक पूरे हरियाणा में एक लाख 55 हजार 726 किसानों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। जिनमें सबसे आगे कुरुक्षेत्र जिला है जिसके 20169 किसानो ने आवेदन किया है। कैथल जिला तीसरे नंबर पर है जिसके 18680 किसानो ने पंजीकरण करवाया है। पराली प्रोत्साहन योजना के तहत फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए आवेदन को किसानों के पास अभी 30 नवंबर तक का समय है। पंजीकृत सभी किसानों को एक हजार रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। Kaithal News
1029 किसानो के नाम रेड एंट्री में दर्ज
फसल अवशेष जलाने पर पोर्टल पर 1029 किसानो की रेड एंट्री की गई है। जो आगामी दो सीजन तक एमएसपी पर फसल नहीं बेच सकेंगे। यहां भी जींद और कैथल जिला पहले दो स्थानों पर है। जींद के 186 तो कैथल के 134 किसानो के नाम इसमें दर्ज है। तीसरे नंबर पर फतेहाबाद जिला आता है जिसके 141 किसानो के नाम दर्ज है।
21 नवंबर नवम्बर तक पराली जलाने के मामले
वर्ष जींद कैथल हरियाणा पंजाब
- 2024 – 158 – 190 – 1183 – 10104
- 2023 – 314 – 259 – 2123 – 35093
- 2022 514 – 637 – 3491 – 49293
- 2021 833 – 1143 – 6464 – 70856
- 2020 336 – 831 – 3884 – 82147
फसल अवशेष जलाने वाले जिले
सबसे ज्यादा
- कैथल 190
- जींद 163
- कुरुक्षेत्र 131
- फतेहाबाद 120
- सरसा 112
पोर्टल पर किसानो की रेड एंट्री
- कुल 1029
- जींद 186
- कैथल 134
- फतेहाबाद 141
- करनाल 119
- कुरुक्षेत्र 91
पिछले साल के मुकाबले हरियाणा के साथ जिले में भी कम मामले सामने आए है। पिछली साल अब तक 259 मामले थे जोकि इस बार घटकर 190 रह गए है। किसानो को लगातार जागरूक किया जा रहा है। एक्ससीटू और इनसीटू मशीनों से फसल अवशेष प्रबंधन किया जा रहा है। लगभग 9 लाख मीट्रिक तक पराली का प्रबंधन कर लिया गया है।
-जगदीश मलिक, सहायक कृषि अभियंता, कैथल
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