Air Pollution: कैथल में वायु प्रदुषण से हल्की राहत तो जींद जिले में हालात ज्यो के त्यों

Kaithal News
Air Pollution: जींद में वायु प्रदुषण के बीच से गुजरता हुआ एक वाहन चालक

ग्रेप 4 लागू होने पर भी नहीं सुधरे हालात, 360 रहा एक्युआई

कैथल (सच कहूँ/कुलदीप नैन)। Jind News: जिले में पिछले पांच दिनों से जारी धुंध और स्मोग से मंगलवार को राहत मिली है। सुबह 8 बजे ही धूप खिली और वायु प्रदुषण का सस्त्र भी दिन चढने के साथ घटता रहा। जिससे आमजन को काफी राहत मिली है। सुबह 8 बजे जिले में एयर क्वालिटी इंडेक्स 293 था जोकि शाम होते होते 208 तक आ गया। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से ही कोहरा और धुंध छाने लगी थी।

इसके बाद सड़कों पर दृश्यता कम हो रही थी। इससे सड़कों पर वाहन एक दुसरे से भिड़ते हुए और रेंगते हुए दिखाई दे रहे थे। कोहरे से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। मंगलवार को जिले का अधिकतम 24.5 व न्यूनतम 12.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। Kaithal News

जींद जिले में अभी भी वायु प्रदुषण खतरनाक स्तर पर, ग्रेप 4 लागू होने पर भी नहीं सुधरे हालात

जिला प्रशासन की सख्ती के बावजूद जिले में प्रदूषण का स्तर घटने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) का अधिकतम स्तर फिर 500 तक रहा। वहीं औसतन स्तर 387 से घटकर 360 तक रहा, जो कि काफी खराब स्थिति मानी जाती है। एनसीआर में दम घोटू जहरीली हवा से बिगड़ रहे हालात की वजह से ग्रैप-4 लागू हो गया है। ऐसे में अब हाइवे निर्माण समेत अन्य कंस्ट्रक्शन कार्यों पर पाबंदी लग गई है। प्रदूषण को देखते हुए जिले के सभी राजकीय व निजी स्कूलों में बाहरवी कक्षा तक के बच्चों की छुट्टी करने के निर्देश जारी किए हैं। Kaithal News

प्रशासन की सख्ती के बावजूद भी फसल अवशेष भी लगातार जल रहे हैं। शाम के समय धुआं मुख्य मार्गों तक पहुंच जाता है। हालाँकि गांवों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगी हुई है लेकिन इसका ज्यादा असर नहीं दिखाई देता। 18 नवम्बर को भी जिले में 6 स्थानों पर पराली अवशेष जलते हुए मिले जिनमे गाँव लोन, कालवन , दो जगह सुलेहडा, गुलकनी, शिरीराग शामिल है। फसल अवशेष जलाने में हरियाणा में कैथल के बाद दूसरा स्थान जींद जिले का है।

जिले में एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन बनाया | Kaithal News

जिले में प्रदूषण कैसे बढ़ रहा और कौन इसके कारक हैं, इसको लेकर भी जिले में एकमात्र कंटीन्युअस एंबीएंट एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन बनाया गया है, जबकि करीब 2702 वर्ग किमी में फैले जींद के हिसाब से कम से पांच मॉनीटरिंग स्टेशन होने चाहिए। ऐसे में एकमात्र स्टेशन से प्रदूषण की मॉनीटरिंग नहीं हो पा रही है। जिले में धड़ल्ले से टायर फैक्टरी, लेड रिसाइकिल आदि इंडस्ट्रीज चल रही हैं। सेहत विशेषज्ञ डॉ. सतीश शर्मा का कहना है कि पॉल्यूशन का असर मनुष्य के फेफड़ों पर पड़ रहा है। अस्थमा व सांस रोगी बढ़ रहे हैं, जिससे अस्पतालों में ओपीडी ज्यादा हो रही है।

जिले में लागू हो चूका ग्रेप 4

जिले में सोमवार से ही ग्रैसड़प-4 के प्रतिबंध लागू हो गए हैं। एनसीआर में फ्लाइओवर सहित विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी गई है। ग्रुप-3 में गली व सड़क निर्माण, खोदाई जैसे कार्यों पर रोक थी। अब राजमार्गों, सडकों, फ्लाइओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन व दूरसंचार प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य पर भी रोक रहेगी। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड अधिकारियों की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में बॉयलर वाली करीब 35 फैक्टरी, 15 टायर फैक्टरी, 18 लेड रिसाइकिल फैक्टरी, करीब 10 कॉटन सर्जिकल फैक्ट्रियों के अलावा पोल्ट्री फीड मिल लगे हुए हैं। जिनमें से ज्यादातर इन दिनों भी चल रहे हैं। खास बात यह है कि ज्यादातर में तो एयर पॉल्यूशन कंट्रोलर डिवाइस तक नहीं लगाए गए हैं, जिससे प्रदूषण ज्यादा फैल रहा है। इसके अलावा 130 के करीब ईंट-भडे हैं, लेकिन वे पिछले समय से ही बंद पड़े हैं।

मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर | Kaithal News

   समय    जींद   कैथल

  • 08 बजे    379     293
  • 10 बजे    375     278
  • 12 बजे    370    252
  • 02 बजे   361     223
  • 04 बजे   358     208

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