खालसा कॉलेज ऑफ एजुकेशन श्री अमृतसर साहिब ने दिया सम्मान
बठिंडा (सच कहूँ/सुखजीत मान)। Bathinda News: खालसा कॉलेज ऑफ एजुकेशन श्री अमृतसर साहिब द्वारा पंजाब स्तर पर हर साल आयोजित किए जाने वाले ‘टीचर ऑफ द ईयर ऑफ पंजाब 2023’ अवार्ड को इस बार बठिंडा जिले के प्राथमिक शिक्षक राजिंदर सिंह इन्सां ने जीता है। इस उपलब्धि के साथ ही उन्होंने बठिंडा जिले और पूरे मालवे का नाम दूसरी बार रोशन किया है। यह अवार्ड खालसा कॉलेज के प्रबंधन द्वारा श्री अमृतसर साहिब में आयोजित एक शानदार समारोह के दौरान उन्हें प्रदान किया गया। Bathinda News
हाल ही में राजिंदर सिंह इन्सां को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान भी मिला था। खालसा कॉलेज द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वाले पंजाब भर के शिक्षकों से आवेदन प्राप्त किए गए थे, जिनमें से 10 श्रेष्ठ शिक्षकों का चयन किया गया। इनमें से 3 शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्तकर्ता और 8 राज्य पुरस्कार प्राप्तकर्ता थे। राजिंदर सिंह इन्सां ने अपने उत्कृष्ट योगदान और शिक्षा क्षेत्र में किए गए बेहतरीन कार्य के लिए इस अवार्ड को जीता। राजिंदर सिंह इन्सां को सम्मानित करते हुए खालसा कॉलेज आॅफ एजुकेशन के कोआॅर्डिनेटर सरबजीत सिंह ने कहा कि यह अवार्ड इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि मालवा क्षेत्र शिक्षा के क्षेत्र में अब काफी आगे बढ़ चुका है।
राजिंदर इन्सां पिछले 9 वर्षों से बठिंडा जिले के गोनियाना मंडी के गांव कोठे इंदर सिंह वाला में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उनका स्कूल कभी बच्चों की कमी के कारण बंद होने के कगार पर था, लेकिन उनकी मेहनत और समर्पण के चलते स्कूल में 16 बड़े गांवों से बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। इस छोटे से स्कूल ने जिले में कई बड़ी मुहिमों की शुरूआत की है और यह ‘स्कूल आॅफ एक्टिविटी’ के रूप में प्रसिद्ध है। Bathinda News
पारदर्शी तरीके से हुआ चयन: प्रिंसिपल
खालसा कॉलेज आॅफ एजुकेशन के प्रिंसिपल डॉ. खुशविंदर कुमार ने बताया कि संस्था द्वारा शॉर्टलिस्ट किए गए सभी शिक्षकों में से तीन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता और आठ राज्य पुरस्कार विजेता शिक्षकों की कड़ी चयन प्रक्रिया के बाद कॉलेज की अनुभवी जूरी द्वारा पारदर्शी तरीके से यह सम्मान शिक्षक राजिंदर इन्सां बठिंडा को दिया गया है।
इनामी राशि समाज सेवा पर खर्च करूंगा: राजिंदर
शिक्षक राजिंदर सिंह इन्सां ने ‘टीचर ऑफ द ईयर ऑफ पंजाब’ अवार्ड प्राप्त करने के बाद मंगलवार को स्कूल पहुंचने पर पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। शिक्षक ने अपनी एक लाख रुपये की इनामी राशि को समाज सेवा के कार्यों और विद्यार्थियों की शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए खर्च करने का संकल्प लिया है।
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