गंभीर वायरल संक्रमण है खसरा, दुनियाभर के 57 देशों में फैलने की आंशका
(सच कहूँ/डॉ. संदीप सिंहमार)। Viral Infection: कोविड-19 का दर्द अभी कम भी नहीं हुआ है कि अब दुनियाभर में एक ओर महामारी का संकेत मिल रहा है। जिसका नाम है-मीसल्स, जिसे हिंदी में खसरा कहते हैं, एक गंभीर वायरल संक्रमण है जो मुख्यत: बच्चों को प्रभावित करता है, लेकिन यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। वैश्विक स्तर पर खसरा कोई नया नाम नहीं है। इससे पहले भी खसरा समय-समय पर लोगों को अपना शिकार बन पाया है। लेकिन खसरा की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन होने के बाद इसके खतरे कम होने लगे थे। चिंता की बात यह है कि भारत जैसे घनी आबादी के देश में वैक्सीनेशन में कमी आई है, यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट है। Measles Disease
संगठन ने अपनी रिपोर्ट में चेताया कि भारत में खसरा की वैक्सीनेशन में कमी आने के कारण ज्यादा संक्रमण फैलने की आशंका है। यदि खसरा का संक्रमण फैलने लगा दो दुनिया भर के 57 देश में भारत का दूसरा स्थान होगा, यह सबसे बड़ी चिंता की बात है। इससे भी बड़ी बात यह है कि यह सब लापरवाही की वजह से होगा,क्योंकि दुनियाभर में खसरा की वैक्सिनेशन उपलब्ध होने के बाद भी भारत में सबको वैक्सिनेशन नहीं मिल सकी। इसकी पुष्टि भी डब्लूएचओ ने की है। इस बीमारी की खतरे को समझना जरूरी है, क्योंकि यह आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। यदि शुरुआती तौर पर ध्यान नहि दिया तो यह बीमारी से महामारी होते देर नहीं लगाएगी। हाल ही में डब्लूएचओ की रिपोर्ट में भारत को खसरे की बीमारी के प्रकोप में दूसरा स्थान मिला है। Measles Disease
57 देशों में फैले इस महामारी के संदर्भ में ये रिपोर्ट चिंताजनक है। इस रिपोर्ट भी भी साफ तौर पर कहा गया है कि खसरे के मामलों में वृद्धि के पीछे टीकाकरण में आई कमी भी एक बड़ा कारण है। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में खसरे के 10.3 मिलियन मामले दर्ज किए गए हैं और वैश्विक स्तर पर संक्रमण की घटनाओं में 20 फिसफी वृद्धि देखी गई है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है, क्योंकि खसरे से पिछले साल की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक मौतें हुईं, जो वैश्विक स्तर पर 107,500 तक पहुंच गई हैं। खसरे की रोकथाम के लिए टीकाकरण अनिवार्य है और इसे बढ़ावा देना आवश्यक है। महामारी को रोकने के लिए जन जागरूकता भी बढ़ानी होगी ताकि इस घातक बीमारी को नियंत्रित किया जा सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य स्वास्थ्य संगठनों का सहयोग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीतियां इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। खसरे के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए टीकाकरण कवरेज बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की आवश्यकता है। जागरूकता अभियानों और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से आम जनता तक पहुंचने की जद्दोजहद जरूरी है। इस प्रयास के बिना खसरे से बचाव में सफलता हासिल नहीं की जा सकती।
ऐसे किया जा सकता है बचाव | Measles Disease
अगर किसी को खसरा है, तो लक्षणों को नियंत्रित करना और वायरस के प्रसार को रोकना बहुत ज़रूरी है। जिस प्रकार कोविड-19 के दौरान रोगी को अलग रख जाता था, उसी तरह रोगी को अलग रखना चाहिए। ताकि संभावित खतरे से परिवार के अन्य सदस्यों को बचाया जा सके। वायरस को फैलने से रोकने के लिए संक्रमित व्यक्ति को दूसरों से अलग रखें। वैसे तो दुनिया भर में खसरे का कोई इलाज नहीं है। लेकिन इसके दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूर करना चाहिए। निदान की पुष्टि करने और लक्षणों के प्रबंधन पर पेशेवर मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए तुरंत चिकित्सा सलाह लें।
खसरे के संभावित मरीजों में कोविड-19 या फ्लू की तरह सबसे पहले बुखार होता है। बुखार को नियंत्रित करने के लिए एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) या इबुप्रोफेन जैसी बुखार कम करने वाली दवाइयों का उपयोग करें। रेये सिंड्रोम के जोखिम के कारण बच्चों को एस्पिरिन देने से बचें। इन सभी दावों का प्रयोग भी चिकित्सकों की सलाह से ही करना चाहिए। इस दौरान सुनिश्चित करें कि मरीज हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब सारा तरल पदार्थ पीता रहे। निर्जलीकरण से लक्षण और भी खराब हो सकते हैं और रिकवरी धीमी हो सकती है। प्रतिरक्षा प्रणाली को सहारा देने के लिए स्वस्थ आहार प्रदान करें। सुनिश्चित करें कि रोगी को पर्याप्त विटामिन और खनिज मिलें। शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करने के लिए भरपूर आराम करने को प्रोत्साहित करें। अपने आप को आइसोलेट कर जितना आराम करेंगे उतना जल्दी मरीज की ठीक होने की उम्मीद है। अगर मरीज़ को रोशनी से एलर्जी है तो कमरे में मंद रोशनी रखें और तेज़ रोशनी से बचें।
त्वचा में किसी भी तरह की जलन होने पर, अच्छी स्वच्छता बनाए रखें और आरामदायक कपड़े पहनें। लक्षणों पर नज़र रखें, खास तौर पर निमोनिया या कान के संक्रमण जैसी जटिलताओं के संकेतों पर। अगर लक्षण बिगड़ते हैं तो डॉक्टर से मदद लें। निरंतर निगरानी और टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ सभी अनुवर्ती नियुक्तियों में भाग लें, यदि पहले से नहीं हुआ है। सुनिश्चित करें कि परिवार के सदस्यों और निकट संपर्कों को टीका लगाया गया है और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करें। शीघ्र चिकित्सा और सहायक देखभाल से जटिलताओं के जोखिम को कम करते हुए खसरे का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने में मदद मिल सकती है।
बच्चे को खसरे का टीका जरूर लगवाए | Measles Disease
खसरे से बचाव के लिए समय रगते अपने बच्चे को खसरे की वैक्सीन जरूर लगवाए। इसके लिए सरकारी स्वास्थय केंद्रों के साथ-साथ किसी भी बाल रोग विशेषज्ञ से भी मिला जा सकता है। वे खसरे के टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दे सकते हैं और आपकी किसी भी चिंता का समाधान कर सकते हैं। आम तौर पर, खसरे का टीका एमएमआर (खसरा, कण्ठमाला और रूबेला) टीके के हिस्से के रूप में दिया जाता है। पहली खुराक आमतौर पर तब दी जाती है, जब बच्चा 12 से 15 महीने का होता है, और दूसरी खुराक 4 से 6 साल की उम्र के बीच दी जाती है। अपने बच्चे के टीकाकरण रिकॉर्ड अपने साथ ले जाएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे पहले भी अन्य सभी तरह की वैक्सीन ले चुके हैं या नही। अपने बच्चे को होने वाली किसी भी एलर्जी या चिकित्सा स्थिति के बारे में स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से चर्चा करें।
यह टीका सुरक्षा के बारे में किसी भी गलत धारणा को स्पष्ट करने का एक अच्छा अवसर भी है। यदि प्रारंभिक टीकाकरण शेड्यूल छूट गया हो, तो आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता एक वैकल्पिक शेड्यूल बनाने में मदद कर सकता है। विश्वसनीय स्रोतों या स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं से टीकाकरण के संबंध में किसी भी अपडेट या अनुस्मारक के बारे में जानकारी रखें। किसी भी अप्रत्याशित लागत से बचने के लिए अपने स्वास्थ्य बीमा प्रदाता से संपर्क करके सुनिश्चित करें कि टीकाकरण आपकी योजना के अंतर्गत कवर किया गया है। नियमित रूप से टीकाकरण कराना न केवल आपके बच्चे की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि खसरे जैसे संक्रामक रोगों के प्रसार को रोककर समुदाय की भी सुरक्षा करता है। Measles Disease
यह भी पढ़ें:– Kisan News: किसानों का बड़ा ऐलान, इस तारीख से किसान दिल्ली करेंगे कूच