Black Asthma Symptoms: गुरुग्राम (संजय कुमार मेहरा)। बढ़ते प्रदूषण के बीच अस्थमा व काला दमा के मरीजों के बढ़ोत्तरी हो रही है। सर्दियों के मौसम में इसके मरीज और बढ़ जाते हैं। अगर हम खुद को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो प्रदूषण से तो बचना ही होगा, साथ ही धूम्रपान से भी दूर बनानी होगी। शराब जैसे नशों को भी छोड़ दें, नहीं तो यह बीमारी जीवन को खतरे में डाल देगी। Asthma Symptoms
बाहर निकलना मजबूरी है तो मास्क जरूर लगाएं
सर्दियों के मौसम में लोगों को कई तरह की बीमारियां परेशान करती हैं। इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से सर्दियों में मौसम में ब्लैक अस्थमा (सीओपीडी) या क्रोनिक आॅब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। ब्लैड अस्थमा फेफड़ों की ऐसी बीमारी है, जो सर्दियों के मौसम में तापमान कम होने की वजह से बढ़ जाता है। कई बार ब्लैक अस्थमा जैसी बीमारी हवा में मौजूद प्रदूषण और धूल के कणों से भी होती है।
अस्थमा के कई प्रकार होते हैं। एलर्जिक अस्थमा, नॉन-एलर्जिक अस्थमा, सिजनल अस्थमा और अकुपेशनल अस्थमा के प्रकार हैं। जब भी अस्थमा का दौरा आए तो तुरंत इन्हेलर लेना चाहिए। अस्थमा से बचाने के लिए हमें कुछ उपाय करने चाहिए। प्रदूषण, धूल, मिट्टी और हवा के गंदे कणों से बचने के लिए चेहरे पर मास्क लगाएं। अगर किसी को पुरानी खांसी या फेफड़ों से संबंधित कोई बीमारी है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या है बीमारी
बात करें काला दमा की तो इसे सीओपीडी भी कहा जाता है। यह एक क्रॉनिक फेफड़ों की बीमारी है। इसमें सांस की नलियां सिकुड़ जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है। अस्थमा का दौरा तब पड़ता है, जब वायु मार्ग सूजने के साथ ही सिकुड़ जाता है। इस कारण से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। अस्थमा के दौरे के दौरान लक्षण बहुत खराब हो जाते हैं। गंभीर अस्थमा से पीड़ित लोगों को अक्सर अस्थमा के दौरे पड़ते हैं। सामान्य तौर पर शरीर की रक्षा प्रणाली सक्रमण से लड़ने में मदद करती है। कुछ लोगों में प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण सूजन पैदा होती है। ऐसा होने पर वायुमार्ग सूज जाते हैं और ज्यादा बलगम बनता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ | Asthma Symptoms
यहां सेक्टर-15 स्थित नारायणा अस्पताल से एक्सपर्ट डा. हनीष बजाज के मुताबिक वायुमार्ग के आसपास की मांसपेशियां भी कठोर हो सकती हैं। इससे सांस लेना और भी कठिन हो जाता है। अस्थमा का सही कारण पता न होने के कारण अस्थमा को रोकना मुश्किल है। अस्थमा अक्सर तब होता है, जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित हो रही हो। एक रिसर्च के अनुसार आप अस्थमा को बढ़ने से रोकने के लिए घर को नमी और फफूंदी से मुक्त रखने के साथ ही वायु प्रदूषण से बचने जैसे कदम उठा सकते हैं। बहुत से लोग अस्थमा के साथ अच्छा जीवन जीते हैं। डॉक्टर आपके अस्थमा का प्रबंधन करने के लिए बेहतर तरीका ढूंढने में मदद कर सकते हैं।
डा. हनीष बजाज सर्दी के मौसम में इन बीमारियों से बचाव के लिए जागरुक करते हुए हैं कि इन दिनों में खांसी, जुकाम के मरीजों में काफी बढ़ोतरी हो रही है। प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। ऐसे में बीमार ना हों, इसलिए सुबह की सैर तो तुरंत बंद कर देनी चाहिए। विशेषकर बड़े-बुजुर्गों को इसका ध्यान रखना चाहिए। अगर बाहर निकलना जरूरी है तो मास्क जरूर पहनकर निकलें। क्यों बहुत अधिक प्रदूषण वातावरण में है। एयर प्यूरीफायर का भी उपयोग करें। फ्लू वैक्सीन लगवाएं।
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