आलू उत्पादन में विश्व में भारत का है अग्रणी स्थान: डॉ. सीबी सिंह
कुरुक्षेत्र (सच कहूँ/देवीलाल बारना)। Aalu: आलू की नई किस्मों से थाली के स्वाद में जहां परिवर्तन हुआ है वहीं इसके साथ साथ किसानों को फसलों में अधिक लाभ भी हुआ है। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. सीबी सिंह ने कहा कि आलू की नई उन्नत किस्में आने के बाद इन्हें लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है और स्वाद में भी परिवर्तन नहीं होता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक कृषि तकनीकों में कई परिवर्तन हुए हैं। किसान कृषि विशेषज्ञों एवं कृषि वैज्ञानिकों के सही परामर्श से अधिक उत्पादन ले सकते हैं। Potato
सब्जी उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान
डॉ. सीबी सिंह ने आलू की नई एवं उन्नत किस्मों पर चर्चा करते हुए कहा कि कृषि वैज्ञानिकों, कृषि अधिकारियों एवं विशेषज्ञों द्वारा आलू की नई किस्मों और बीजों का गहन अनुसंधान के उपरांत किसानों को जानकारियां उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सब्जी उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। यह कृषि वैज्ञानिकों एवं किसानों की मेहनत से संभव हुआ है। डॉ. सिंह के अनुसार आलू का उत्पादन अन्य फसलों के मुकाबले कई गुणा है। आज किसान नई किस्म के आलू के बीजों के लिए हर समय प्रयत्नरत रहते हैं और विभिन्न कृषि संस्थाओं से बीजों के लिए संपर्क करते हैं।
अभी नई किस्म का बीज उपलब्ध करवाने की आवश्यकता | Potato
डॉ. सिंह का कहना है कि अभी भी देश की आबादी के अनुसार अच्छी किस्म के बीज उपलब्ध करवाने की आवश्यकता है। इसके लिए कृषि वैज्ञानिक अधिक से अधिक अनुसंधान में जुटे रहते हैं। उन्होंने अधिक उत्पादन के लिए वर्तमान में नई किस्म के आलू के बीजों पर चर्चा की। डा. सिंह ने कहा कि आलू के उन्नत बीज किस्मों के साथ उपचार भी बहुत जरूरी है। देश के केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के लिए अब तक अनेकों आलू की प्रजातियां विकसित की हैं। इन प्रजातियों को देश के अलग-अलग क्षेत्रों में लगाया जाता है। देश की जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियां के अनुसार पूरे साल भर कहीं न कहीं आलू की खेती होती रहती है।
विभिन्न क्षेत्रों मे होती आलू की बंपर पैदावार
देश के कई प्रदेशों में आलू का काफी उत्पादन किया जाता है। इनमें हरियाणा, यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब और हिमाचल आलू के उत्पादन में अग्रणी राज्य माने जाते हैं। बता दें कि हरियाणा के कई इलाकों में आलू की बंपर पैदावार की जाती है। कुरुक्षेत्र जिला में काफी आलू का उत्पादन होता है। यहां के शाहाबाद क्षेत्र में तो सारे खेत ही आलू की फसल से ढ़के मिलते हैं। इसके अलावा थानेसर व रादौर में भी ज्यादातर किसान आलू का उत्पादन करते हैं।
हर परिवार में किसी न किसी रूप में होता है उपयोग | Potato
आलू एक प्रमुख फसल है जोकि हर परिवार में यह किसी न किसी रूप में उपयोग किया जाता है। इसमें स्टार्च, प्रोटीन, विटामिन-सी और खनिज लवण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। अधिक उपज देने वाली किस्मों की समय से बुआई, संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग, समुचित कीटनाशक, उचित जल प्रबंधन के जरिये आलू का अधिक उत्पादन कर अपनी आय बढ़ाई जा सकती है। आलू की खेती के लिए दोमट व बलुई दोमट भूमि जिसमें जीवांश की प्रचुर मात्रा हो, उपयुक्त रहता है। मध्य समय की किस्में- कुफरी पुखराज, कुफरी अरुण, कुफरी लालिमा, कुफरी बहार आदि को नवंबर के प्रथम सप्ताह में बुआई करने से अच्छा उत्पादन होता है।
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