कारगर हथियार के रूप में ‘इस्तेमाल’ होने लगा है ‘पलायन’

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फ़ाइल फोटो

पुलिस-प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए कुछ लोग लिखवा रहे है ‘यह मकान बिकाऊ है’

  • वर्ष-2016 में दिवंगत सांसद बाबू हुकुम सिंह ने उठाया था कैराना में पलायन का मुद्दा

कैराना (सच कहूँ न्यूज़)। Kairana News: आजकल ‘पलायन’ शब्द का इस्तेमाल राजनीतिक महत्वकांक्षाओं की पूर्ति अथवा अपनी बात मनवाने की लिए खूब इस्तेमाल किये जाने लगा है। कुछ लोग पुलिस-प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए भी अपने घरों पर ‘यह मकान बिकाऊ है’ लिखवा रहे है। वर्ष-2016 में दिवंगत सांसद बाबू हुकुम सिंह द्वारा उठाया गया पलायन का मुद्दा देश-विदेश में मीडिया की सुर्खियों का केंद्र रहा था। Kairana News

पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के शामली जिले में स्थित कैराना नगर एक बार फिर चर्चाओं में है। विगत दो-तीन दिनों से पलायन के शोर ने कैराना को मीडिया की सुर्खियों में ला दिया है। इस बार दलित समाज के लोगो ने कैराना से पलायन का राग अलापा है, जिससे राजनीति के झंडाबरदार अचानक सक्रिय हो गए है। हालांकि इस बार परिस्थितियों बदली हुई है। वर्ष-2016 में दिवंगत भाजपा सांसद बाबू हुकुम सिंह द्वारा उठाए गए तथा वर्तमान में उठे पलायन के मुद्दे में काफी भेद है। Kairana News

उस वक्त भाजपा सांसद ने कैराना व कांधला से सैकड़ों हिन्दू परिवारों के पलायन के मुद्दे को उठाया था, जिसमें काफी संख्या में व्यापारी वर्ग के लोगो के नाम शामिल थे। इस बार पलायन का इस्तेमाल कैराना कस्बे के मोहल्ला बिसातयान में खटीक समाज के लोगो ने किया है। खटीक समाज के लोग दूसरे समुदाय के कुछ लोगो पर मारपीट तथा उत्पीड़न करने का आरोप लगा रहे है। वह पुलिस कार्यवाही से असंतुष्ट है, जिसके चलते उन्होंने आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए पलायन का सहारा लिया है।

यह है पूरा मामला….

विगत 31 अक्टूबर को कस्बे के मोहल्ला बिसातयान निवासी नितिन खटीक नामक युवक के साथ में दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने उस वक्त मारपीट कर दी थी, जब वह मोहल्ले में ही स्थित एक दंत चिकित्सक के क्लीनिक के बाहर कुर्सी पर बैठा हुआ था। मामले में नितिन की तहरीर पर पुलिस ने कस्बे के मोहल्ला खैलकलां निवासी फरमान, मोहल्ला अफगानान निवासी शाद व कफील व मोहल्ला कलानान निवासी सुहैल व अज्ञात लोगों के विरुद्ध मारपीट व एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपियों को शांति भंग होने की आशंका के चलते गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था, लेकिन पीड़ित पक्ष पुलिस कार्यवाही से संतुष्ट नही हुआ। Kairana News

पुलिस कार्यवाही से असंतुष्ट पीड़ित युवक अपने परिवार व समाज के दर्जनों लोगो के साथ में मोहल्ले में ही स्थित शिव मंदिर के सामने धरने पर बैठ गया था। उन्होंने मंदिर के द्वार पर पलायन करने की धमकी भरा बैनर भी लगा रखा था। अगले दिन पलायन की खबर समाचार-पत्रों की सुर्खियां बनते ही राजनीति शुरू हो गई, जिसके चलते भाजपा नेता विनीत शारदा ने मेरठ से कैराना पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की तथा समाजवादी पार्टी के स्थानीय सांसद व विधायक पर जमकर भड़ास निकाली। बुधवार को भारतीय खटीक महासभा के पदाधिकारियों ने भी सहारनपुर से कैराना आकर पीड़ित युवक व उसके परिजनों से मुलाकात की थी।

चार आरोपियों का शांति भंग की आशंका में चालान कर चुकी है पुलिस

कोतवाली पुलिस ने पीड़ित युवक नितिन की तहरीर पर दूसरे समुदाय के फरमान, शाद, कफील व सुहैल व कुछ अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा-191(2), 115(2) तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति नृशंसता निवारण अधिनियम-1989(संशोधन-2015) की धारा-3(1)(द) व 3(1)(घ) के तहत अभियोग दर्ज किया था। पुलिस ने मामले में नामजद चारों आरोपियों को शांति भंग होने की आशंका के चलते गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।

मामले में गिरफ्तारी का प्रावधान न होने के चलते पुलिस भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता(बीएनएसएस) की धारा-35(3) के तहत आरोपियों को अदालत से अपनी जमानत कराने हेतु नोटिस तामील करा चुकी है। पुलिस ने मामले में पीड़ित पक्ष के कुल पांच लोगों के मेडिकल कराया है, जिनमें से दो को चिकित्सकों ने एक्स-रे के लिए रेफर किया है। उधर, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक बिजेन्द्र सिंह रावत का कहना है कि एक्स-रे रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। रिपोर्ट प्राप्त होते ही अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

वर्ष-2016 में दिवंगत सांसद ने उठाया था पलायन मुद्दा | Kairana News

कैराना सीट से भारतीय जनता पार्टी के निवर्तमान सांसद बाबू हुकुम सिंह ने वर्ष-2016 में पलायन का मुद्दा खूब जोर शोर से उठाया था। उन्होंने मीडिया के सामने करीब 250 ऐसे हिन्दू परिवारों की सूची जारी की थी, जो गुंडों के भय से कैराना व कांधला से पलायन करके सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे। बाबू हुकुम सिंह ने हिंदुओं के पलायन के लिए प्रदेश की तत्कालीन सपा सरकार की घेराबंदी करते हुए जिम्मेदार ठहराया था।

कैराना से पलायन का मुद्दा देश-विदेश के समाचार-पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काफी समय तक छाया रहा था, जिसका लाभ भारतीय जनता पार्टी को वर्ष-2017 में प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में प्रत्यक्ष रूप से मिला था। परिणामस्वरूप, लंबे अरसे से सत्ता से दूर भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने प्रचंड बहुमत से सूबे में अपनी सरकार बनाई थी। Kairana News

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