गोरीवाला/सरसा(सच कहूँ/अनिल)। एक जरूरतमंद परिवार की बेटियों की शादी की सूचना पाकर डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु बेटियों को स्त्रीधन व अन्य मदद करने के लिए फरिश्ता बन पहुंच गए और परिवार की बेटी की शादी में जरूरत का सामान भेंट किया तो परिवारजनों की आंखों से खुशी के आंसू छलक आए। परिवार ने कहा कि धन्य हैं डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां, जिनकी प्रेरणा पर चलते हुए सेवादार हमेशा दीन-दुखियों की मदद कर उनके परिवारों में खुशियां भर रहे हैं। Sirsa News
निभाया इंसानियत का धर्म | Sirsa News
जी हां,बात कर रहे हैं ब्लॉक देसूजोधा-चोरमार के गांव मलिकपुरा की। जहां विधवा सीमा देवी की दो बेटियों कंचन व कोमल की शादी 6 नवम्बर को तय हुई। लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्हें बेटियों की शादी में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा था। गांव मलिकपुरा के सेवादारों को जब इस बात का पता चला तो सेवादारों ने बिना देरी किए परिवार की मदद करने की ठानी।
सेवादारों ने बेटियों की शादी में दो डबल बैड, दो अलमारी, दो कुलर, दो वाशिंग मशीन, फ्रीज, एलईडी, दो सिलाई मशीनें, दो हैंड ग्रेडर, 61 बर्तन से लेकर बर्तन, सूट व अन्य सामान भेंट किया। जानकारी देते हुए प्रेमी सेवक गुरजीत सिंह इन्सां ने बताया कि उन्हें गांव में आयोजित नामचर्चा के माध्यम से जानकारी मिली कि गांव में एक जरूरतमंद परिवार की दो बेटियों की शादी है और परिवार शादी करने में सक्षम नही है,ऐसे में गांव की साध संगत व सेवादारों ने परिवार के पास स्वयं जाकर उनकी मदद की है। सेवादारों ने शादी में जरूरत का सामान भेंट किया है।
इन्सानियत के कार्यों में हमेशा अग्रणी रहते हैं डेरा सच्चा सौदा के सेवादार
गांव के प्रेमी सेवक व 15 मैंबर प्रेमी समिति सदस्यों ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा के सेवादार पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की शिक्षाओं पर चलते हुए हमेशा इन्सानियत के कार्यों में अग्रणी रहते हैं। इसी के तहत गांव की साध-संगत ने गरीब व जरूरतमंद दो कन्याओं के हाथ पीले करने में मदद की है। साध-संगत द्वारा उन्हें घरेलू जरूरत का सारा सामान दिया गया है।
लड़कियों की दादी कौशल्या ने भावुक होते हुए बताया कि उनके पास रोजी रोटी का कोई साधन नहीं है। ऐसे में शादी करने में वह सक्षम नहीं थी। आज डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने उसकी बेटी को अपनी बेटी समझते हुए शादी में दिए जाने वाला जरूरत का सामान भेंट किया है। मेरे लिए तो ये सेवादार फरिश्ता बनकर आए हैं। बता दें कि लड़कियों के पिता जगदीश की 2018 में करंट लगने से मौत हो गई थी। उनके बाद परिवार के पास आय का कोई साधन न रहा। गांव की साध-संगत निरंतर पीड़ित परिवार को हर माह राशन देकर मदद भी करता आ रहा है।