गांव सुरजाखेड़ा में हुआ पहला शरीरदान, माता हरमती इन्सां बनी पहली शरीरदानी

Body Donation
Body Donation: मेडिकल शोध के लिए पार्थिव शरीर को रवाना करती साध-संगत व मां की अर्थी को कंधा देती हुई बेटी, पुत्रवधू पौत्री और पौत्रवधू। माता हरमती इन्सां की फाइल फोटो।

मेडिकल रिसर्च के लिए माता हरमती इन्सां के पार्थिव शरीर को किया दान | Body Donation

नरवाना (सच कहूँ/राहुल)। Narwana News: पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा चलाई ‘अमर सेवा’ मुहिम का साक्षी बना ब्लाक नरवाना का गांव सुरजाखेड़ा जहां 76 वर्षीय डेरा अनुयायी माता हरमती इन्सां के पार्थिव शरीर को मेडिकल रिसर्च के लिए सरस्वती मेडिकल कॉलेज, उन्नाव, उत्तर प्रदेश में भेजा गया। गांव में यह पहला शरीरदान है। इस अनोखी मुहिम का साक्षी बनने के लिए पूरा गांव ही मानो उमड़ पड़ा। हर कोई इस लम्हे का साक्षी बना और माता हरमती इन्सां की सोच को सलाम करते हुए उसे अंतिम विदाई दी। ग्रामीणों ने पूज्य गुरुजी द्वारा चलाई इस विलक्षण मुहिम की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कहा कि मरने के बाद मनुष्य का शरीर भी किसी के काम आ सकता है यह डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों से ही सीखा जा सकता है। Body Donation

बता दें कि हरमती इन्सां ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षा का अनुसरण करते हुए मरणोपरांत शरीरदान का प्रण किया हुआ था। जिसके चलते परिजनों ने उनका पार्थिव शरीरदान किया। अंतिम यात्रा के दौरान शरीरदानी माता हरमती इन्सां अमर रहे के नारों से आसमान गूंज उठा। इससे पूर्व शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर संगठन के सेवादार भाई-बहनों ने ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ इलाही नारा व अरदास का शब्द बोलकर मृतदेह को एंबुलेंस में विदा किया। जिसके बाद परिजनों, रिश्तेदारों व समस्त साध-संगत ने नम आंखों से एंबुलेंस को सरस्वती मेडिकल कॉलेज, उन्नाव, उत्तर प्रदेश के लिए रवाना किया।

इस मौके पर 85 मैंबर राकेश इन्सां, चांदीराम इन्सां, वजीर इन्सां, रामफल मोर इन्सां, ब्लॉक प्रेमी सेवक कृष्ण इन्सां, 15 मैंबर डॉ कुलदीप इन्सां, बलदेव इन्सां, जापान इन्सां, अजमेर इन्सां, सुखजीत इन्सां, मोहित इन्सां, जगमोहन इन्सां, अमरनाथ इन्सां, प्रेमी सेवक संजय इन्सां, बहन अंग्रेजो इन्सां, शिलो इन्सां ’सहित शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर संगठन के सेवादार, ब्लाक की साध-संगत व रिश्तेदार संबंधी मौजूद थे। Body Donation

नेक कार्य करना वास्तव में चमत्कार से कम नहीं

डेरा सच्चा सौदा ने रक्तदान, नेत्रदान व शरीदान के क्षेत्र में इतिहास रचा है। बिना किसी लोभ-लालच के आज कलयुग में इस प्रकार के नेक कार्य करना वास्तव में किसी चमत्कार से कम नहीं है। पूज्य गुरु संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन वचनों को मानते हुए सृष्टि की भलाई के लिए ये सभी कार्य किए जा रहे हैं।
                                                                                                                                                                                                                             – रामफल मोर इन्सां, 85 मैंबर दिल्ली

ब्लॉक में 7वां और गांव में पहला शरीरदान

डेरा सच्चा सौदा द्वारा मानवता भलाई के कार्यों में अमर सेवा मुहिम के तहत ब्लॉक नरवाना में सातवां और गांव सूरजाखेड़ा के इतिहास में पहला शरीरदान सचखंडवासी माता हरमती इन्सां का किया है। ये सभी कार्य पूज्य गुरु संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की प्रेरणा अनुसार किए जा रहे हैं।                                                                                                                                               – राकेश इन्सां, 85 मैंबर हरियाणा

 

मां पर गर्व, जिसने अंतिम समय में अपने शरीर को भी मानव सेवा में समर्पित कर दिया

मेरी माता जी ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए जीते जी मरणोपरांत शरीरदान करने का प्रण लिया हुआ था। जिसके चलते मेरी माता हरमती इन्सां का पार्थिव शरीर सरस्वती मेडिकल कॉलेज उन्नाव उत्तर प्रदेश में शरीरदान किया है। हमें हमारी मां पर गर्व है जिन्होंने पूज्य गुरुजी की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए जीते जी सेवा कार्य किए और अंतिम समय में अपने शरीर को भी मानव सेवा के समर्पित कर दिया।
                                                                                                        – राम सिंह इन्सां, बेटा

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