Treading News: बिलासपुर (एजेंसी)। नित विकसित होती नई तकनीकें हर क्षेत्र में क्रांति ला रही हैं। इंटरनेट व आॅनलाइन तकनीक ने तो दुनिया ही बदल दी है। इस तकनीक ने समय व देशों की दूरियां भी मिटा दी हैं। ऐसा ही एक उदाहरण यहां भी देखने को मिला जहां आनलाइन हुई शादी यानी निकाह ने मुस्लिम दूल्हे व दुल्हन पक्ष की समस्याओं को दूर करते हुए जहां दो दिलों को मिलाया वहीं दो परिवारों की दुविधा भी दूर कर दी। आॅनलाइन हुई इस शादी ने जहां एक इतिहास रच दिया है वहीं आने वाले समय में तेजी से बदलती इस दुनिया में समय की कमी से जूझते युवाओं को शादी करने का एक नया रास्ता भी दे दिया है।
किस्सा यूं है कि बिलासपुर शहर के रौड़ा सैक्टर-3 निवासी मुहम्मद रफी का बेटा अदनान तुर्की में एक कंपनी में कार्यरत है। उसका निकाह डुगराईं-मंडी की एक मुस्लिम युवती से तय हुआ। निकाह तो मुकर्रर हो गया लेकिन इस विवाह यानी निकाह को करने के लिए लड़के को घर आने के लिए छुट्टी नहीं मिली।
उधर, लड़की के दादा की तबीयत नासाज चल रही थी। दादा की इच्छा थी कि वे अपने जीते जी अपनी पोती का निकाह देख लें। दोनों ही पक्षों की दुविधा का हल आधुनिक तकनीक से निकला व दोनों ही पक्षों को आॅनलाइन निकाह करवा देने का उपाय सूझा।
दोनों ही पक्षों ने अपने रिश्तेदारों व काजी से बात की तथा आॅनलाइन निकाह की सहमति मिलने पर इस निकाह को करवा दिया गया। हालांकि बिलासपुर से पूरे रिवाजों के साथ बारात डुगराईं-मंडी गई व वहां दूल्हा अपने निकाह में आॅनलाइन जुड़ा। काजी ने निकाह करवाया व आॅनलाइन ही दूल्हे ने तीन बार कबूल है-कबूल है दोहरा कर इस निकाह को कबूल किया।
वहीं दुल्हन ने गवाहों की मौजूदगी में निकाह कबूल किया। दूल्हे मुहम्मद अदनान के ताया चार्टर्ड अकाऊंटेंट अकरम मुहम्मद ने बताया कि निकाह खुशीपूर्वक संपन्न हो गया व इस निकाह में दोनों परिवारों, रिश्तेदारों के साथ जामा मस्जिद बिलासपुर के प्रधान मोहम्मद हारून भी विशेष रूप से शामिल हुए।