Gold vs Silver: नई दिल्ली (एजेंसी)। त्यौहारों पर घरेलू जरूरत की वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगते हैं और बात यदि सोना एवं चांदी की हो तो बात अलग ही होती है। दिवाली के त्यौहारी सीजन के दौरान भारत में सोने और चांदी की कीमतें उच्चतम स्तर से भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर कारोबार कर रही हैं। एमसीएक्स पर सोने की कीमतें बढ़कर 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गई हंै, जबकि चांदी की कीमत इस महीने की शुरूआत में 1,00,000 रुपये के स्तर को पार करने के बाद लगभग 99,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। Silver Price
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले साल धनतेरस के बाद से सोने ने 33.5% से अधिक का अच्छा रिटर्न दिया, जोकि 20,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से अधिक की वृद्धि है। हालांकि, इसी अवधि में चांदी ने सोने से बेहतर कारोबार किया है, जिसमें 40.5% से अधिक की उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि, भारत में दिवाली के त्यौहार पर सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं को खरीदना शुभ माना जाता है और भारत की इसी परंपरा के बलबूते देश भर में खुदरा मांग में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले एक साल में चांदी ने इतना रिटर्न दिया है कि उसने सोने को भी पछाड़ दिया है। अब सवाल उठता है कि क्या यह रुझान आगामी संवत वर्ष 2081 में भी जारी रहेगा?
आपको सोना और चांदी दोनों में से क्या खरीदना चाहिए? | Silver Price
एक मीडिया रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार पिछले दो सालों में, चांदी ने सोने से ज्यादा रिटर्न दिया हैै। विश्लेषकों को उम्मीद है कि अगले साल भी सोना और चांदी दोनों ही अपना रिकॉर्ड-तोड़ कारोबार जारी रखेंगे। हम आगामी दो-तीन साल की अवधि के लिए चांदी पर ज्यादा आशावादी हैं। कई कारकों के मद्देनजर चांदी की कीमतें बुनियादी और तकनीकी रूप से सोने से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अच्छी स्थिति में हैं। हालांकि, निकट भविष्य में सोने की कीमतों में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है, लेकिन निवेशकों को 2025 की दूसरी छमाही में सोने को लेकर सतर्क रहना पड़ सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 2-3 सालों में चांदी की कीमतें 70 डॉलर प्रति औंस से ज्यादा हो सकती हैं, जो कि बढ़ती आपूर्ति कमी, फोटोवोल्टिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे क्षेत्रों से बढ़ती औद्योगिक मांग और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव जैसे प्रमुख कारकों से प्रेरित हो सकती है। वैश्विक इन्वेंट्री में कमी, खदान उत्पादन चुनौतियों और मुद्रा में उतार-चढ़ाव के साथ, ये बुनियादी बातें चांदी को ऊपर की ओर बढ़ने के लिए मजबूत समर्थन प्रदान करती हैं। विशेषज्ञों की उम्मीद के अनुसार अगले एक साल में एमसीएक्स सोने की कीमतें लगभग 85,000 रुपये प्रति 10 ग्राम होगी, जबकि एमसीएक्स चांदी की कीमतों का लक्ष्य 1,30,000 प्रति किलोग्राम रखा गया है।
चांदी की कीमतों में वृद्धि की ज्यादा संभावनाएं | Silver Price
विशेषज्ञों की मानें तो 2024 में 215.3 MOZ की वैश्विक आपूर्ति घाटे में वृद्धि और फोटोवोल्टिक्स (232 एमओजेड) और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे क्षेत्रों से मजबूत औद्योगिक मांग के कारण चांदी की कीमतों में वृद्धि की ज्यादा संभावनाएं जताई जा रही है। ग्रीन टेक्नोलॉजी के लिए चांदी की खपत में चीन की 44% की वृद्धि ने आपूर्ति पर और दबाव डाला है, जबकि खदान उत्पादन में गिरावट आई है और इन्वेंट्री कम हो रही है। भू-राजनीतिक तनाव, सट्टा मांग और सख्त चांदी-से-सोने का अनुपात भी तेजी के रुझान का समर्थन करता है। इलेक्ट्रॉनिक्स, पावर ग्रिड और ईवी में बढ़ते उपयोग के साथ-साथ कमजोर अमेरिकी डॉलर के साथ, चांदी की कीमतें संभावित रूप से लंबी अवधि में $72 तक पहुंच सकती हैं।
सोने की कीमतें चांदी से कम क्यों रह सकती है
अगले एक साल सोने की कीमतें चांदी से कम क्यों रह सकती है, इस पर विशेषज्ञों की राय के अनुसार अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में धीमी कटौती की उम्मीद, सट्टेबाजों द्वारा शॉर्ट्स में वृद्धि, उत्पादकों द्वारा हेजिंग गतिविधि में वृद्धि और अन्य तकनीकी कारकों जैसे प्रमुख कारणों का उल्लेख किया गया है।
विशेषज्ञों द्वारा संग्रह किए गए ऐतिहासिक डेटा से पता चलता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के बाद सोने की कीमतें सुधारी हैं। साथ ही मौजूदा तकनीकी संकेतों में आरएसआई 80 से ऊपर है और सोने की दरों पर मुनाफावसूली का संकेत है। विशेषज्ञों की राय में अमेरिकी डॉलर में मजबूती से बुलियन की कीमतें और प्रभावित हो सकती है। यह हमें 2025 की दूसरी छमाही में सोने की कीमतों को लेकर सतर्क रहने का संकेत देता है। इन सभी कारकों के मद्देनजर विशेषज्ञ लंबी अवधि के लिए चांदी में निवेश करने की सलाह देते हैं क्योंकि चांदी सोने को पछाड़कर बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।
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