वायरल के मरीजों की बढ़ रही संख्या, कैथल का एक्यूआई 233 | Kaithal News
कैथल (सच कहूं/कुलदीप नैन)। Kaithal News: एक तरफ तो बदलता मौसम दूसरी तरफ वातावरण में फैला प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य को बिगाड़ रहा है। इसका असर ये है कि वायरल इंफेक्शन के साथ-साथ सांस व गले सहित आंखों के रोग भी बढ़ गए हैं। वायु में प्रदूषण का स्तर लगातर घट बढ़ रहा है। रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 233 दर्ज किया गया। हालांकि कुछ दिन पहले एक्यूआई 400 तक पहुंच गए थे लेकिन पिछले 3 से 4 दिन में एक्यूआई औसत 200 से 225 तक रहा है। Kaithal News
वहीं मौसम परिवर्तन के चलते अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बच्चों से लेकर व्यस्क व बुजगों तक इसका प्रभाव है। वायरल का प्रकोप होने से लोग बीमार पड़ रहे हैं। पिछले 7 दिन में जिला अस्पताल में वायरल से पीड़ित ओपीडी की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसका कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच अधिक अंतर आना है। छोटे बच्चे डायरिया से पीड़ित हो रहे हैं। मौसम में नमी की मात्रा भी अधिक है। वायरल इंफेक्शन होने के सामान्य लक्षणों में जुकाम होना, शरीर में दर्द, सिरदर्द शामिल है। वायरल इंफेक्शन इतना खतरनाक है कि इसको ठीक होने में भी 8 से 9 दिन लग रहे हैं। Kaithal News
एक्यूआई स्तर स्वास्थ्य पर प्रभाव | Kaithal News
- 00-50 अच्छा कोई नुकसान नही
- 51-100 सामान्य स्तर बीमार लोगों के लिए थोड़ा नुकसान
- 101-200 थोड़ा खराब सांस के रोगियों के लिए नुकसान
- 201- 300 खराब सामान्य लोगों को सास लेने में परेशानी
- 301- 400 ज्यादा खराब आखों में जलन और सास लेने की परेशानी
डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषित वातावरण का बच्चों और बुजुगों की सेहत पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है, हालांकि ये वयस्कों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। घरों से बाहर निकलते समय सभी के लिए मास्क पहनना जरूरी है। इसके अलावा बच्चों को स्कूल भेजते समय माता-पिता को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
नागरिक अस्पताल के सचिन मांडले ने कहा कि कैथल की आबो हवा अभी भी खराब श्रेणी में है। ऐसे में पर्यावरण प्रदूषण सांस व एलर्जी के मरीजों के लिए खतरनाक होता है। अभी भी वृद्ध सुबह व शाम के समय सैर से परहेज करें।
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