हैदराबाद (एजेंसी)। Hyderabad News: तेलंगाना के यदाद्री-भोंगीर जिले में अडानी के प्रस्तावित सीमेंट कारखाने को स्थापित करने को लेकर रामन्नापेट के करीब 10 गांवों के लोगों ने बुधवार को कड़ा विरोध जताया। ग्रामीणों ने अडानी अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री की स्थापना का विरोध किया। उन्हें डर है कि फैक्ट्री से निकलने वाली धूल और राख उनके हरे-भरे खेतों को तबाह कर देगी, जिससे उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा। Hyderabad News
ग्रामीणों ने रमन्नापेट में रैलियां निकालीं, जहां तेलंगाना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीजीपीसीबी) बुधवार को प्रस्तावित सीमेंट फैक्ट्री पर जन सुनवाई कर रहा है। बड़ी संख्या में लोगों के आने की आशंका के चलते इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के स्थानीय नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे फैक्ट्री नहीं लगने देंगे, क्योंकि इससे लोगों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। Hyderabad News
गौरतलब है कि अभूपाल रेड्डी, गदरी किशोर कुमार और चिरुमार्थी लिंगैया सहित पूर्व बीआरएस विधायकों को जन सुनवाई में शामिल होने से रोकने के लिए उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया। इस बीच, बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव ने जन सुनवाई से पहले रमन्नापेट में अडानी-अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे बीआरएस नेताओं और पर्यावरण कार्यकतार्ओं को घर में नजरबंद करने और हिरासत में लेने की कड़ी निंदा की।
रामाराव ने कांग्रेस सरकार से उनकी तत्काल रिहाई की मांग की कि और आरोप लगाया कि वह बीआरएस नेताओं को पर्यावरण प्रभाव आकलन पर एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक सुनवाई में शामिल होने से रोक रही है। उन्होंने गिरफ्तारियों को कांग्रेस सरकार की दमनकारी नीतियों का सबूत बताया। उन्होंने कहा, “ऐसी प्रतिबंधात्मक स्थितियों के तहत पर्यावरण प्रभाव आकलन करने का कोई मतलब नहीं है।” Hyderabad News
यह भी पढ़ें:– जालंधर में दो किलो अफीम के साथ दो गिरफ्तार