पराली जलाने वाले 12 किसानों को नहीं दी जाएगी फसल पर एमएसपी
- लापरवाही बरतने पर कृषि विभाग के आठ कर्मियों को दिए नोटिस | Kaithal News
कैथल (सच कहूं/कुलदीप नैन)। Stubble Burning: जिले में शनिवार को पराली जलाने के छह और नए मामले सामने आए हैं। यह ढांड और पूंडरी में पाए गए हैं। अब पूरे जिले में पराली जलाने के कुल 112 मामले हो चुके हैं। वहीं, कृषि विभाग ने पराली जलाने की एक साथ दस एफआईआर दर्ज की है। इनमें से 5 पुंडरी में, 4 गुहला चीका में और एक कैथल में दर्ज की गई है। इसके साथ ही 12 ऐसे किसानों को चिन्हित किया गया है, जिन किसानों को फसल पर एमएसपी नहीं दी जाएगी। बता दे कि दो दिन पहले ही आदेश जारी हुए थे कि पराली जलाने वाले किसानों की फसल एमएसपी पर नहीं बिकेगी। जिस पर जिले में अब कार्रवाई होनी शुरू हो गई है। वहीं अभी तक जिले में कोई केस भी दर्ज नहीं किया गया था लेकिन शनिवार को पराली जलाने वाले 10 किसानो पर केस भी दर्ज किया गया है। Kaithal News
उधर, कृषि विभाग ने गांव स्तर पर पराली जलाने के मामलों में जागरूकता को लेकर लापरवाही बरती है। ऐसे में कृषि विभाग के आठ कर्मियों को नोटिस दिया गया है। जबकि इससे पहले पांच कर्मियों को भी नोटिस दिए गए थे। यह जानकारी कृषि विभाग कैथल के फसल अवशेष प्रबंधन के जिला नोडल अधिकारी सतीश नारा ने दी है।
सतीश नारा ने बताया कि कृषि विभाग ने अब पराली जलाने के मामलों में सख्ती लाना शुरू की है। जिला प्रशासन के आदेशों पर अब पराली जलाने के किसानों पर सीधा एफआईआर दर्ज की जाएगी। शनिवार को 10 एफआईआर दर्ज हो गई है। इसलिए किसानों से अपील है कि वे पराली न जलाकर विभाग का सहयोग करें। Kaithal News
बता दें कि शनिवार को कैथल में अब तक का सबसे अधिक वायु प्रदूषण का स्तर 370 दर्ज किया गया है। कैथल जिले में प्रदेश के सबसे अधिक पराली जलाने के मामले प्राप्त हुए है। वहीं एक्यूआई भी प्रदेश में सबसे ज्यादा कैथल का दर्ज किया गया है। वीरवार को कैथल में वायु प्रदूषण का स्तर 280 था जोकि शुक्रवार को बढ़कर 320 तक पहुंच गया था। ऐसे में कैथल जिला प्रशासन पराली जलाने वालों पर अब सख्ती दिखाता नजर आ रहा है। फिर वे चाहे कर्मचारी हो या किसान। अब देखना होगा आने वाले दिनों में इसका कितना असर धरातल पर देखने को मिलता है। Kaithal News
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