Dengue: मलेरिया से भी गंभीर है डेंगू का दंस

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Dengue: Dengue: मलेरिया से भी गंभीर है डेंगू का दंस

Dengue: डेंगू, एक वायरल संक्रमण, जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है, पिछले कुछ वर्षों में हमारे देश में एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बनकर उभरा है। मलेरिया की तुलना में, डेंगू का प्रभाव अब कहीं अधिक खतरनाक और व्यापक हो चुका है। विशेष तौर पर शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में यह समस्या विकराल रूप ले चुकी है। डेंगू न केवल शारीरिक पीड़ा देता है, बल्कि स्वास्थ्य तंत्र पर भी भारी बोझ डालता है, जिससे इस बीमारी से निपटना बेहद चुनौतीपूर्ण बन गया है।

मलेरिया और डेंगू (Dengue) दोनों ही मच्छर जनित बीमारियां हैं, लेकिन इनके लक्षण और प्रभाव अलग-अलग होते हैं। मलेरिया एक परजीवी द्वारा फैलता है, जो प्लास्मोडियम नामक प्रोटोजोआ का परिणाम है। इसके विपरीत, डेंगू एक वायरस द्वारा फैलता है, जिसे चार प्रमुख प्रकारों में बांटा जाता है। मलेरिया में बुखार के साथ कंपकंपी और पसीना आता है, जबकि डेंगू में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द के साथ त्वचा पर लाल चकत्ते दिखाई देते हैं।

मलेरिया, हालांकि गंभीर हो सकता है, परन्तु उसके लिए समय पर निदान और उपचार संभव है। इसके इलाज के लिए औषधियां उपलब्ध हैं, जैसे कि क्लोरोक्विन और आटीर्मीसिनिन। लेकिन डेंगू के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार उपलब्ध नहीं है। डेंगू के इलाज में मुख्यत: लक्षणों को प्रबंधित करने पर ध्यान दिया जाता है, जैसे बुखार और दर्द निवारण, और शरीर के तरल पदार्थों को बनाए रखना। गंभीर मामलों में, डेंगू हेमोरेजिक फीवर और डेंगू शॉक सिंड्रोम जानलेवा साबित हो सकते हैं।

डेंगू (Dengue) का दंश अब केवल ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शहरी क्षेत्रों में भी तेजी से फैल रहा है। जलभराव, खराब स्वच्छता और अनियंत्रित शहरीकरण इस बीमारी के प्रसार में प्रमुख कारक बने हुए हैं। एडीज मच्छर साफ पानी में पनपता है, जो घरों के आसपास के क्षेत्र में खुले में रखे पानी के बर्तनों या अन्य जलस्त्रोतों में आसानी से मिल जाता है। यही कारण है कि डेंगू का प्रकोप विशेषकर मानसून के मौसम में अधिक देखने को मिलता है।

डेंगू (Dengue) के कारण न केवल व्यक्तियों को शारीरिक कष्ट होता है, बल्कि यह देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी दबाव भी डालता है। अस्पतालों में बिस्तरों की कमी, रक्त प्लेटलेट्स की भारी मांग और इलाज के लिए अत्यधिक खर्च ने इस बीमारी को और भी जटिल बना दिया है। डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए तत्काल और ठोस उपाय करने की आवश्यकता है। सबसे पहला कदम है मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करना। इसके लिए स्वच्छता अभियान चलाना, जलभराव को रोकना और घरों के आस-पास साफ-सफाई बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। मच्छरदानी का उपयोग, पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना और मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल भी डेंगू से बचने के उपाय हैं। सरकार को चाहिए कि वह लोगों के बीच डेंगू से जुड़ी जागरूकता बढ़ाए और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करे। साथ ही, टीकाकरण और अनुसंधान पर जोर दिया जाना चाहिए ताकि डेंगू जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने के लिए कारगर उपाय विकसित किए जा सकें।

डेंगू (Dengue) का बढ़ता प्रकोप यह संकेत देता है कि मलेरिया से कहीं अधिक ध्यान इस पर देने की जरूरत है। यह सिर्फ एक स्वास्थ्य संकट नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक समस्या भी बन चुकी है, जिसके लिए एकजुटता और जागरूकता की आवश्यकता है। समय रहते अगर डेंगू पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो इसके दीर्घकालिक परिणाम और भी घातक साबित हो सकते हैं।
(यह लेखक के अपने विचार हैं)

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