Kisan News: पारंपरिक खेती छोड़ किसान इस खेती से कमा रहे लाखों रूपए

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Kisan News: पारंपरिक खेती छोड़ किसान इस खेती से कमा रहे लाखों रूपए

Matar ki Kheti: मटर की बुवाई का सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में किसान अगर सही तरीके से इसकी खेती करेंगे तो भरपूर पैदावार हो सकती है और किसान मालामाल हो सकते हैं। अक्टूबर में हरियाणा में सब्जियां लगाने का मौसम होता है। ऐसे में किसान अगर सही तरीके से बिजाई करते हैं तो फसल के अच्छे उत्पादन का फायदा उठा सकते हैं। कई बार किसान जानकारी ना होने पर सब्जियों की उन्नत किस्म का चयन नहीं कर पाते हैं और वैज्ञानिक तरीके से बुवाई नहीं कर पाते जिससे आने वाली फसल पर खासा असर पड़ता है। Kisan News

कब करें मटर की बिजाई:

किसी भी फसल के बेहतर उत्पादन के लिए उसके बिजाई के वक्त को सबसे अहम माना गया है। मटर की अगर बात करें तो अक्टूबर के दूसरे हफ्ते से ही इसकी बिजाई शुरू हो जाती है। अगर किसान अक्टूबर महीने में ही मटर की बुवाई करता है तो बिल्कुल सही समय पर वो फल देना शुरू कर देता है जिससे इसकी पैदावार काफी अच्छी होती है और मंडी में मटर की फसल का भाव भी अच्छा मिलता है। इसलिए हरियाणा में जो भी किसान मटर की बुवाई करना चाहते हैं तो उनके लिए 30 अक्टूबर तक का सही समय है।

कौन सी किस्मों का करें इस्तेमाल | Kisan News

कृषि बागवानी अधिकारी ने बताया कि हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने मटर की कई किस्मों को रिलीज किया है, जो अच्छा उत्पादन देती है। हरियाणा में लगाई जाने वाली किस्में आरकेल, बॉर्नविले, पीएच 1, पंजाब 89 है जो हरियाणा समेत उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्र में आसानी से लगाई जा सकती है और अच्छा उत्पादन देती है। हरियाणा समेत उत्तर भारत में कई हाइब्रिड किस्में भी किसान लगा रहे हैं, जिससे किसान अच्छा उत्पादन लेते हैं। मटर की मुख्य किस्म पंत मटर 155 है, जो काफी अच्छा उत्पादन देती है। ये सभी किस्म करीब 60 दिन की होती है।

कैसे करें मटर की बिजाई:

पहले किसान सीड ड्रिल के जरिए बिजाई करते थे, जिससे पैदावार पर खासा असर पड़ता था, लेकिन अब मटर प्लांटर मशीन से बुवाई की जाती है, जिससे किसानों को खासा फायदा होता है। इस मशीन में मटर का बीज और खाद डालकर बुवाई की जाती है। पहले रोटावेटर के साथ खेत को समतल कर लें, उसके बाद मशीन के साथ मटर की बिजाई करनी चाहिए

बिजाई के वक्त खास सावधानी:

मटर की बिजाई लाइनों में होती है। कृषि विभाग ने इसमें बीज से बीज की दूरी को निर्धारित किया है, जिससे पौधा अंकुरित होकर अच्छे से फलता-फूलता है। साथ ही इससे बीमारियां और कीड़े आने का खतरा भी कम हो जाता है। साथ ही अगर बिजाई करने वाले क्षेत्र में बारिश हो जाती है तो उससे मटर के पौधे खराब होने का खतरा भी कम रहता है।

खाद का कैसे करें इस्तेमाल:

बिजाई करने से पहले खेत में गोबर की देसी खाद डालें और फिर बिजाई करते वक्त एक बैग यूरिया और एक बैग डीएपी खाद का डालें। खरपतवार के लिए समय-समय पर कृषि विशेषज्ञ से सलाह लेकर उसका नियंत्रण करें ताकि पैदावार प्रभावित न हो। अगर बिजाई के बाद कोई बीमारी या कीट फसल में लगता है तो वक्त रहते कृषि विशेषज्ञ से सलाह लेकर उसका निदान करना चाहिए।

कहां से खरीदें बीज | Kisan News

कृषि विश्वविद्यालय की बताई गई किस्मों के अलावा बाजार में कुछ हाईब्रिड बीज भी हैं, जिनकी पैदावार इससे भी ज्यादा निकलती है। इसलिए किसान ज्यादातर हाईब्रिड किस्म का चयन करते हैं और अच्छी पैदावार लेते हैं। आप चाहे तो स्थानीय स्तर पर मटर की खेती करने वाले किसान से भी बीज खरीद सकते हैं या फिर जिला कृषि बागवानी विभाग में जाकर भी मटर के बीज खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप राष्ट्रीय बीज निगम से भी बीज आॅनलाइव खरीद सकते हैं।

डबल फायदा:

हरियाणा में ज्यादातर किसान मटर की 60 दिन वाली वैरायटी बोई जाती हैं, जिससे किसानों को इस फसल से शुरुआत से ही फलियां लगनी शुरु हो जाती है। जिस समय फल आता है, उस समय किसानों को उसका दाम भी अच्छा मिल जाता है। 60 दिन पूरे होने के बाद उसको खेत से उखाड़ कर दूसरी फसल की बिजाई भी कर सकते हैं। ऐसे में किसान दो फसल ले सकते हैं। किसान मटर की खेती के बाद गेहूं की फसल या कोई और सब्जी भी लगा सकते हैं। Kisan News

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