Ratan Tata Net Worth: भारत के सुप्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया हैं, उन्होंने टाटा को एक बेहतरीन और वैश्विक ब्रांड बनाने में बहुत योगदान दिया हैं, जिसे भुलाया नहीं जा सकता हैं, हालांकि रतन टाटा सिर्फ एक अरबपति ही नहीं, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने टाटा समूह के साथ इस देश और यहा के करोड़ों लोगों के लिए बहुत कुछ दिया हैं, और यहीं कारण हैं कि रतन टाटा के निधन से हर कोई दुखी हैं, उन्हें संयमित जीवनशैली और टाटा ट्रस्ट के माध्यम से परोपकारी कार्यों के प्रतिबद्धता के लिए भी जाना जाता हैं। वही उनके इस दुनिया से जाने के बाद अब ये सवाल उठ रहा हैं कि अब उनकी संपत्ति का उत्तराधिकारी कौन होगा? क्योंकि करीब 3800 करोड़ रुपये की नेटवर्थ के मालिक रतन टाटा जीवन भर अविवाहित रहे हैं।
वहीं रतन टाटा के उत्तराधिकारी को लेकर आज ही ये चर्चा शुरू नहीं हुई हैं, बल्कि पीछले काफी दिनों से ये चर्चा होती आ रही हैं। वहीं टाटा परिवार में एन चंद्रशेखर टाटा संस के 2017 से चैयरमैन हैं, उनके अलावा टाटा ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों से ऐसे बहुत से लोग हैं, जो भविष्य में टाटा समूह में अलग-अलग जिम्मेदारी निभाते नजर आ रहे हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नोएल टाटा बने टाटा ट्रस्ट्स के नए चेयरमैन बनाया गया है। बताया जा रहा है कि सर्वसम्मति से ये फैसला लिया गया है।
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कैसे चुना जाएगा रतन टाटा का उत्तराधिकारी? Ratan Tata Net Worth
रतन टाटा के बाद टाटा ग्रुप कौन चलाएगा, इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा सवाल पूछे जा रहे हैं, रतन टाटा ने अपना कोई उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं किया हैं, ऐसे में उनके उत्तराधिकारी का चुनाव टाटा ट्रस्ट करेगा, टाटा ट्रस्ट टाटा ग्रुप की पैरंट संस्था हैं, टाटा सन्स में इसकी हिस्सेदारी करीब 66 फीसदी हैं, बता दें कि टाटा के 7 ट्रस्ट हैं, जिसमें से 2 ट्रस्ट अहम हैं, इन दोनों ट्रस्ट के 13 सदस्य हैं, रतन टाटा इन दोनों ग्रुप को लीड कर रहे थे। टाटा का बार्ड ऑफ ट्रस्ट टाटा के उत्तराधिकारी का चुनाव करेगी, जरा टाटा ग्रुप के दोनों प्रमुख ट्रस्ट के बारे में कुछ बातें हैं, जो आपको बताते हैं। दरअसल रतन टाटा, टाटा ग्रुप के 2 मुख्य ट्रस्ट को लीड कर रहे थे, पहला है, सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट ( इसके 6 ट्रस्टी हैं) दूसरः रतन टाटा ट्रस्ट( इसके 7 ट्रस्टी हैं)। इसके अलावा टाटा ग्रुप के 5 ट्रस्ट और भ हैं, टाट संन्स में ट्रस्ट की हिस्सेदारी 66 पर्सेट के करीब हैं।
रतन टाटा के नेतृत्व मे टाटा ग्रुप की ग्रोथ | Ratan Tata Net Worth
रतन टाटा ने टाटा ग्रुप में अपना सफर एक अदने से कर्मचारी के तौर पर शुरू किया था, वे मालिक के बेटे थे, लेकिन टेल्कों में वह असिस्टेंट के तौर पर जुड़े, कंपनी के काम को गहराई से समझने के बाद वह 1991 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने। इसके बाद 2012 तक वे टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहें, इस दौरान टाटा ग्रुप में जबर्दस्त तरक्की की। टाटा ने जब 1991 में टाटा ग्रुप की कमान संभाली थी, तब कंपनी 4 बिलियन डॉलर की थी, और जब उन्होंने कंपनी से रिटायरमेंट लिया तब वे कंपनी को करीब 100 बिलियन डॉलर के मुकाम तक पहुंचा चुके थे, इस दौरान टाटा ने कई बोल्ड डील्स की, इसमें से 2008 में जगुआर के साथ की गई डील काफी अहम थी, इसके साथ ही टी-बैग्स बनाने वाली कंपनी टेटेली के साथ भी उनकी डील काफी बोल्ड रही, जगुआर ने तो टाटा के कारों के ऐसी रफ्तार दी कि आज सड़कों पर हर दूसरी गाडी टाटा की नजर आती हैं।
टाटा ने 21 साल में कौन-कौन सी बड़ी डील्स की?
2000 में टाटा ग्लोबल ने टी बैग्स बनाने वाली कंपनी टेटली को 440 मिलियन डॉलर में खरीदा, 2007 में टाटा स्टील ने 13 बिलियन डॉलर में यूरोप के सबसे बड़ी स्टील कंपनी कोर्स को खरीदा, इस साल 2.3 बिलियन डॉलर में जगुआर-लैंड रोवर का अधिग्रहण किया, 2008 में टाटा केमिकल ने इसी साल 1 बिलियन डॉलर में अमेरिकी कंपनी जनरल केमिकल्स को खरीदा। 2008 में TCS ने 512 मिलियन डॉलर में सिटीग्रुप ग्लोबल सर्विस को खरीदा।
कौन बनेगा टाटा का उत्तराधिकारी?
बता दें कि रतन टाटा के पिता नवल टाटा की दूसरी शादी सिमोन से हुई थी, उनके बेटे नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं, रतन टाटा की विरासत हासिल करने के लिए यह संबंध उन्हें एक प्रमुख दावेदार बनाता हैं, नोएल टाटा के 3 बच्चे हैं, जिनमें माया, नेविल और लीह हैं, और संबंध के कारण ये रतन टाटा के उत्तराधिकारी हो सकते हैं।
माया टाटाः- इनमें से माया टाटा 34 साल की हैं, और टाटा समूह में लगातार प्रगति कर रही हैं, बेयस बिजनेस स्कूल और वारविक यूनिवर्सिटी से शिक्षा हासिल करने के बाद माया टाटा ने टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड और टाटा डिजिटल में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया हैं, इस दौरान माना के रणनीतिक कौशल और दूरदर्शिता ने टाटा नियो एक को लॉन्च करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
नेविल टाटाः- नेविल टाटा की उम्र 32 साल है और वे अपने पारिवारिक बिजनेस को नई ऊचाइंया देने में व्यस्त हैं, नेविल टाटा ने टोयोटा किर्लोस्कर समूह की मानसी किर्लोस्कर से शादी की और वह ट्रेंट लिमिटेड की प्रमुख हाइपरमार्केट चेन स्टार बाजार के प्रमुख हैं।
लीह टाटाः- नोएल टाटा की सबसे बड़ी बेटी लीह टाटा 39 साल की हैं, वह टाटा समूह के हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में अपनी विशेषज्ञता साबित कर रही हैं, स्पेन के आईई बिजनेस स्कूल में पढ़ी लीह ने ताज होटल रिसॉटर्स और पैलेसेस में महत्वपूर्ण योगदान दिया और पिछले 10 सालों से वह होटल इंडस्ट्री से जुड़ी हैं, माया, नेविल और लीह को टाटा मेडिकल सेंट्र ट्रस्ट का ट्रस्टी बनाया गया हैं, पहली बार टाटा समूह से जुड़ी किसी परोपकारी संस्था में युवाओं को जोडा गया हैं।
उत्तराधिकारी की रेस में कौन है सबसे आगे?
वहीं अब सवाल ये उठता हैं कि रतन टाटा के बाद उनके उत्तराधिकारी की रेस में सबसे आगे कौन हैं? रतन टाटा के परिवार में उनके भाई नोएल टाटा और दोनों टाटा के दे प्रमुख ट्रस्टों, सर दोराबजी टाटा और सर रतन टाटा ट्रस्ट में शामिल हैं, इसके अलावा कई कंपनी के बोर्ड में शामिल हैं। इनमें से नोएल टाटा, जो कि रतन टाटा के सौतेले भाई हैं, उन्हें रेस में सबसे आगे माना जा रहा हैं, वैसे तो टाटा ट्रस्ट के बोल्ड में उपाध्यक्ष भी हैं, लेकिन माना जा रहा हैं कि किसी पारसी को ही कमान सौंपी जाएगी, टाटा ट्रस्ट का इतिहास देखे तो अभी तक कोई पारसी ही चेयरमैन बना हैं, कुछ चेयरमैन का टाइटल टाटा नहीं था, लेकिन वह पारसी समुदाय से ही आए, ऐसे में नोएल टाटा ही रतन टाटा का अगला उत्तराधिकारी माना जा रहा हैं।
उत्तराधिकारी से जुड़े सवाल
रतन टाटा सिर्फ टाटा समूह की बिजनेस स्ट्रेटजी का ही मार्गदर्शन नहीं करते थे, बल्कि समूह की परोपकारी पहलों से भी बेहद करीब से जुड़े थे, ऐसे में उत्तराधिकारी को लेकर यह बुनियादी सवाल हैं कि क्या टाटा समूह में नवाचार, उसका सामाजिक प्रभाव और अखंडता को बनाए रखने के लिए वह जिम्मेदारी उठाने के काबिल है या नहीं?