Ratan Tata Death News Live: डॉ. संदीप सिंहमार। भारतीय उद्योग जगत को वैश्विक तौर पर पहचान दिलाने वाले रतन नवल टाटा के निधन के बाद एक युग का अंत हो गया है। रतन टाटा भारत देश के उद्योगपति ही नहीं थे, बल्कि एक महान शख्सियत थे। वे एक ऐसे उद्योगपति थे, जिन्होंने भारत देश को विश्व पटेल पर एक अलग पहचान दिलाने का काम किया रतन नवल टाटा उद्योगपति से पहले देश के लिए महान सोच रखने वाले इंसान थे। उनके निधन से देश को क्षति हुई है, उसकी पूर्ति कभी भी नहीं की जा सकती। टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में रतन टाटा ने रणनीतिक अधिग्रहण, नवाचार और नेतृत्व के माध्यम से भारत को वैश्विक मान्यता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रतन टाटा ने कई प्रतिष्ठित वैश्विक कंपनियों का अधिग्रहण करने में समूह का नेतृत्व किया। उल्लेखनीय रूप से, 2008 में फोर्ड से जगुआर लैंड रोवर की खरीद और 2000 में टेटली टी के अधिग्रहण ने टाटा की अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति और ब्रांड प्रतिष्ठा को काफी हद तक बढ़ाया। उनके नेतृत्व में, टाटा मोटर्स ने 2008 में टाटा नैनो लॉन्च की, जिसे दुनिया की सबसे सस्ती कार के रूप में जाना जाता है। हालाँकि इसे व्यावसायिक रूप से मिली-जुली सफलता मिली, लेकिन इसने किफायती परिवहन के लिए अपने अभिनव दृष्टिकोण के लिए दुनिया भर का ध्यान आकर्षित किया। इसके साथ ही टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज दुनिया की सबसे बड़ी इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी सेवा फर्मों में से एक बन गई, जिसने प्रौद्योगिकी और सॉफ़्टवेयर सेवाओं के केंद्र के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया। इस विस्तार ने भारत की आईटी में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। Ratan Tata Death News Live
टाटा देश के एक ऐसे उद्योगपति रहे हैं, जिन्होंने नैतिकता और कॉर्पोरेट जिम्मेदारी पर ध्यान दिया। रतन टाटा ने नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पर जोर दिया, जिससे समूह की वैश्विक छवि मजबूत हुई और शासन में एक बेंचमार्क स्थापित हुआ। उनके नेतृत्व में स्टील, ऑटोमोबाइल, दूरसंचार और आतिथ्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों में टाटा समूह के विस्तार ने विविध औद्योगिक क्षेत्रों में भारत की क्षमता को प्रदर्शित किया। संचालन के इस व्यापक स्पेक्ट्रम ने भारत को एक विविध और बहुआयामी आर्थिक खिलाड़ी के रूप में चित्रित करने में मदद की। महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में टाटा की भागीदारी ने वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को बढ़ाया। समूह की कंपनियाँ प्रमुख परियोजनाओं के विकास में लगी हुई हैं, जिससे भारत के औद्योगिक विकास की कहानी को और बढ़ावा मिला है। ब्रांडिंग और गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करके, रतन टाटा ने सुनिश्चित किया कि समूह के उत्पाद और सेवाएं उच्च मानक बनाए रखें, जिससे विनिर्माण और सेवा वितरण के मामले में भारत की वैश्विक छवि में सुधार हुआ।
इन रणनीतिक कार्यों और अपने नेतृत्व की दृष्टि के माध्यम से, रतन टाटा ने न केवल टाटा समूह की उपस्थिति को विश्व भर में फैलाया, बल्कि भारत की छवि को महज एक विकासशील देश से बदलकर पर्याप्त औद्योगिक क्षमताओं के साथ एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति बनाने में भी मदद की। हालांकि रतन टाटा को देश का सबसे दूसरा बड़ा सम्मान से नवाजा जा चुका है। पर वास्तव में देखे तो रतन टाटा देश के बड़े सबसे सम्मान भारत रत्न के भी हकदार हैं। केंद्र सरकार को इस सम्मान के लिए भी विचार करना चाहिए। भारत देश की राष्ट्रपति राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू ने उनके निधन पर कहा कि भारत ने एक ऐसे आइकॉन को खो दिया है,जिन्होंने कॉरपोरेट ग्रोथ के साथ राष्ट्र निर्माण और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का मिश्रण किया।
पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की विरासत को आगे बढ़ाया है। के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने कहा कि टाटा एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। उनका योगदान बोर्ड रूम से कहीं आगे तक गया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि रतन टाटा दूरदृष्टि वाले व्यक्ति थे। उन्होंने बिजनेस और परोपकार दोनों पर कभी न मिटने वाली छाप छोड़ी है। उनके परिवार और टाटा कम्युनिटी के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। उद्योगपति गौतम अडानी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि भारत ने एक महान और दूरदर्शी व्यक्ति खो दिया है। टाटा ने मॉडर्न इंडिया के पाथ को रिडिफाइन किया। टाटा सिर्फ एक बिजनेस लीडर नहीं थे, उन्होंने करुणा के साथ भारत की भावना को मूर्त रूप दिया। आनंद महिंद्रा ने कहा कि मैं रतन टाटा की अनुपस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं। टाटा को भुलाया नहीं जा सकेगा। क्योंकि महापुरुष कभी नहीं मरते। हमेशा भारतीय नहीं विश्व के लोगों के दिल में जिंदा रहेंगे।