मुजफ्फरनगर (सच कहूँ/राहुल कुमार प्रजापति)। Muzaffarnagar News: बंदरों और कुत्तों की समस्या के निस्तारण की मांग को लेकर लोगों के साथ ज्ञापन देने के लिए नगरपालिका परिषद् जाने के दौरान पांच मिनट के लिए सड़क पर जिले के प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी ने अपनी गाड़ी क्या छोड़ी कि पांच मिनट में ही वो गायब हो गई। इस दौरान समाजसेवी वापस लौटे तो गाड़ी चोरी होने पर हंगामा खड़ा हो गया। पुलिस भी सूचना पर पहुंची। सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो पता चला कि ट्रेफिक पुलिसकर्मी उनकी गाड़ी को लेकर पुलिस लाइन लेकर गये हैं। इस पर समाजसेवी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे राजनीतिक द्वेष में हुई कार्यवाही बताते हुए गाड़ी वापस लेने से इंकार कर दिया। बाद में मान मनौवल के बाद उन्होंने गाड़ी वापस प्राप्त कर ली। Muzaffarnagar News
प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी लगातार लोगों की समस्याओं को प्रमुखता से उठा रहे है। उनके द्वारा बुधवार को बंदरों और कुत्तों की समस्या के निस्तारण की मांग को लेकर नगरपालिका परिषद् में ज्ञापन देने का कार्यक्रम तय किया था। इसके लिए वो कुछ लोगों के साथ टाउनहाल जाने के लिए निकले थे। इसी बीच वो कुछ कार्य से कोर्ट रोड पहुंचे और खादी एवं ग्रामोद्योग की दुकान के पास ही उनके द्वारा सवेरे अपनी ब्रेजा कार संख्या यूपी 12 एएच 0045 को पार्क कर दिया था और गाड़ी लॉक कर वो कचहरी चले गये। करीब पांच मिनट बाद ही वो वापस आये तो उनकी गाड़ी गायब थी। यह देखकर चोरी की संभावना पर उन्होंने पुलिस को सूचित कर दिया। Muzaffarnagar News
कुछ ही देर में पुलिस कर्मी भी मौके पर आ गये तो वहीं कार चोरी होने की खबर पर उनके समर्थन में भारत लोक सेवक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केपी चौधरी, बुजुर्ग समाजसेवी डॉ. ओमपाल सिंह वर्मा, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से फैजुररहमान, महर्षि कश्यप चौक समिति से नवीन कश्यप, काली नदी किसान समिति के राधेश्याम कश्यप सहित अन्य काफी संख्या में लोग भी पहुंच गये थे। प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी ने पुलिस कर्मियों को बताया कि उन्होंने गाड़ी पार्क की थी, गाड़ी में ही उनके कागज और कुछ रुपये तथा भारत रत्न संविधान निर्माण भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा भी रखी हुई थी। पुलिसकर्मियों ने छानबीन करते हुए सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो पता चला कि प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी की गाड़ी को ट्रेफ्रिक पुलिस कर्मी टो करके पुलिस लाइन ले गये हैं। Muzaffarnagar News
इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई। मीडिया कर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पालिका के चेयरमैन कक्ष में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर का चित्र नहीं होने के कारण उन्होंने वहां पर तस्वीर लगाने की मांग पूर्व में की थी और बंदरों व कुत्तों को पकड़ने के लिए ज्ञापन दिया था, लेकिन पालिका ने कोई कार्य नहीं किया तो ऐसे में वो आज ज्ञापन देने पालिका जा रहे थे और डॉ. अम्बेडकर की तस्वीर पालिकाध्यक्ष कार्यालय कक्ष में लगाने का प्रोग्राम भी तय किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और खुफिया विभाग को उनके कार्यक्रम की जानकारी थी। ऐसे में अचानक ही उनकी गाड़ी को उठा लेना कोई राजनीतिक साजिश है। उन्होंने पुलिस लाइन से अपनी कार लेने से इंकार किया तो पुलिस में हड़कम्प मच गया।
बाद में टीआई ने उनको मनाया और विभागीय कर्मचारियों की गलती को स्वीकार किया। इसके उपरांत प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी ने अपनी गाड़ी को स्वीकार किया। प्रशासनिक अधिकारी लगातार मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मेरठ प्रांत संयोजक फैजुर रहमान से मनीष चौधरी समाजसेवी मनीष चौधरी को मनवाने के लिए अपने स्तर से सहयोग की मांग करते रहे उनका कहना है कि जब उनके जैसे व्यक्ति के साथ पुलिस कर्मियों का ऐसा आचरण है तो आम आदमी के साथ ये क्या करते होंगे। आगामी दिनों में वो जनता के साथ मिलकर इस तरह के अत्याचार के खिलाफ भी आवाज उठायेंगे। इस अवसर पर आसपास के व्यापारियों भी मनीष चौधरी के साथ खड़े दिखाई दिए। Muzaffarnagar News
यह भी पढ़ें:– अब भ्रष्टाचार और परिवारवाद से मुक्त होकर तरक्की कर रहा है भारत: नरेन्द्र मोदी