26 को राहुल गांधी तो 28 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएंगे हिसार
हिसार (सच कहूँ/डॉ. संदीप सिंहमार)। Hisar News: हरियाणा विधानसभा चुनाव रोचक मोड में पहुंचने वाला है। इस चुनाव में सभी राजनीतिक दल अपने-अपने सीटें बढ़ाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी जहां हरियाणा प्रदेश में हैट्रिक लगाना चाहती है, वहीं 10 साल से सत्ता के इंतजार में बैठी कांग्रेस पार्टी सत्ता वापसी का तरीका ढूंढ रही है। इसके अलावा लंबे समय से सत्ता से बाहर चल रही इंडियन नेशनल लोकदल भी अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ रही है। जननायक जनता पार्टी भी अपनी किस्मत आजमा रही है। पर इस विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस पार्टी में ही सीधा मुकाबला दिखाई देगा। Hisar News
इंडियन नेशनल लोकदल व जननायक जनता पार्टी को सत्ता से दूर रहना पड़ सकता है। अभी चुनाव में अपने-अपने पार्टी के उम्मीदवारों को बल प्रदान करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने स्तर प्रचारकों को जहां मतदान में उतार दिया है, वहीं कांग्रेस पार्टी भी जमकर चुनावी प्रचार कर रही है। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, देश के गृहमंत्री अमित शाह चुनावी प्रचार की कमान संभालेंगे तो
वहीं कांग्रेस पार्टी की तरफ से सोनिया गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित विभिन्न दिग्गज अब चुनावी मैदान में पसीना बहाते नजर आएंगे। हिसार में रैली के दिन भी निश्चित हो गए हैं 26 सितंबर को जहां लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बरवाला की कपास मंडी में चुनावी रैली को संबोधित करेंगे, वहीं हिसार में 28 सितंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने के लिए मैदान में उतरेंगे। Hisar News
रैलियों से माहौल बदलने का होगा प्रयास | Hisar News
दरअसल दोनों पार्टियों के दिग्गज नेताओं की रैली के बाद माहौल बदलना तय है। पर कांग्रेस में भाजपा में से सत्ता की बाजी कौन मारेगा? अभी तक इस पर सस्पेंस बना हुआ है। हरियाणा में राजनीतिक नुकसान की भरपाई के लिए दिग्गजों का आगे आना एक महत्वपूर्ण है। इससे राजनीतिक गतिविधियां बढ़ने और संभावित रूप से विवादास्पद मुद्दों को संभालने के लिए अनुभवी हाथों की आवश्यकता का संकेत मिलता है।
अपने व्यापक अनुभव और राजनीतिक परिदृश्य की समझ के साथ, अनुभवी लोग अक्सर पॉलिटिकल डैमेज कंट्रोल के लिए एक रणनीतिक और अनुशासित दृष्टिकोण लाते हैं। उनकी भागीदारी अस्थिर स्थितियों को स्थिर करने, पार्टी की एकजुटता सुनिश्चित करने या पार्टी की स्थिति या सार्वजनिक धारणा को प्रभावित करने वाली विशिष्ट शिकायतों को दूर करने के उद्देश्य से हो सकती है।
राजनीतिक माहौल जीवंत दिखाई देगा | Hisar News
हरियाणा में राजनीतिक माहौल बहुत जीवंत है और यहां अक्सर कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। राजनीतिक नुकसान की भरपाई के लिए दिग्गजों का आना आम तौर पर इस बात का संकेत देता है। राजनीतिक दलों के भीतर संभावित गुटबाजी या असंतोष, जिसे एकजुट मोर्चा बनाने के लिए प्रबंधित करने की आवश्यकता है, इसीलिए चुनावी रैलियां आयोजित की जाती है।
बयान बनेंगे मुद्दे,लोगों में होगी चर्चा
पार्टी सदस्यों द्वारा दिए गए बयान या कार्य, जिनसे सार्वजनिक आक्रोश या असंतोष उत्पन्न हो सकता है, तथा जिसके समाधान के लिए अनुभवी राजनीतिज्ञों की आवश्यकता होती है।चुनावों से पहले पार्टी की छवि को सुरक्षित रखने के लिए दिग्गजों का आगे आना एक चाल हो सकती है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि किसी भी संभावित नुकसान को रोका जा सके और पार्टी की प्रतिष्ठा बहाल हो सके। अनुभवी राजनेताओं की मौजूदगी जनता और पार्टी के सदस्यों को भी आश्वस्त कर सकती है, जिससे यह संदेश जाता है कि सक्षम हाथ प्रतिक्रिया प्रयास को आगे बढ़ा रहे हैं।
उनका प्रभाव और नेटवर्क अक्सर पीड़ित गुटों को शांत करने, शांति वार्ता करने या असंतुष्टों को मनाने में मदद करते हैं। हरियाणा की सामाजिक-राजनीतिक जटिलता को देखते हुए, क्षति नियंत्रण की भूमिका में अनुभवी लोग स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि उनकी भागीदारी कैसे सामने आती है और क्या यह सफलतापूर्वक मौजूदा मुद्दों को कम करने, स्थिरता प्रदान करने और राजनीतिक सद्भाव बनाए रखने में सफल होती है?
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