Rs 2000 Notes: मुम्बई। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि 2000 रुपये मूल्य के 97.96 प्रतिशत नोट बैंकों के पास वापस आ गये हैं। लेकिन अब भी 7261 करोड़ रुपये के नोट लोगों के पास हैं।
अभी भी जमा करने का मौका | Rs 2000 Notes
इसके अलावा लोग अपने बैंक खातों में राशि जमा करने के लिए देश के किसी भी डाकघर से आरबीआई के किसी भी निर्गम कार्यालय में 2000 रुपये के नोट भेज सकते हैं. बैंक नोटों को जमा/विनिमय करने वाले 19 आरबीआई कार्यालय अहमदाबाद, बेंगलुरु, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना और तिरुवनंतपुरम में हैं। नवंबर, 2016 में 1000 रुपये और 500 रुपये के बैंक नोट को चलन से हटाने के बाद 2000 रुपये के बैंक नोट लाए गये थे।
31 मार्च तक 500 रुपये के सर्वाधिक 5.16 लाख नोट मौजूद
आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च तक मात्रा के हिसाब से 500 रुपये के सर्वाधिक 5.16 लाख नोट मौजूद थे, जबकि 10 रुपये के नोट 2.49 लाख संख्या के दूसरे स्थान पर है। रिपोर्ट के मुताबिक 2023-24 में चलन में मौजूद बैंक नोटों के मूल्य और मात्रा में क्रमश: 3.9% और 7.8% की वृद्धि हुई। जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह वृद्धि क्रमशः से 7.8% और 4.4% रही थी।
2000 के नोट को वापस लेने के बारे में रिपोर्ट का कहना है कि 2016 में नोटबंदी के बाद शुरू किए गए इस मूल्यवर्ग के लगभग 89% नोट 4 साल से अधिक समय से चलन में थे, लिहाजा उन्हें बदलने की जरूरत थी। इसके अलावा उन नोट का लेन-देन में आमतौर पर इस्तेमाल नहीं होता था।
2000 रुपये के 26000 से अधिक नकली नोट जब्त वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, इस वापसी का नकली नोटों की पहचान पर भी असर पड़ा है। इस दौरान 2000 रुपये के 26000 से अधिक नकली नोट पकड़े गए जबकि एक साल पहले 9,806 नक़ली नोट चिह्नित किए गए थे, हालांकि 500 रुपये के पकड़े गए नक़ली नोटों की संख्या एक साल पहले के 91,110 से घटकर 85,711 रह गई। वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक जनता के पास मौजूद 2000 रुपये के कुल 3.56 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोटों में से 97.7% 31 मार्च तक वापस कर दिए गए थे।
ई-रुपया का कुछ बकाया मूल्य 234.12 करोड़ रुपये पायलट आधार पर पेश की गई केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा CBDC यानी ई रुपया का कुल बकाया मूल्य 234.12 करोड़ रुपये आंका गया है जबकि मार्च 2023 में यह 16.39 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2023-24 में आरबीआई ने मुद्रण पर 5,101 करोड़ रुपये खर्च किए जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 4,682 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। रिजर्व बैंक ने लोगों के बीच मुद्रा के उपयोग को लेकर एक सर्वेक्षण भी किया, इसमें 22,000 से अधिक उत्तरदाताओं ने संकेत दिए कि डिजिटल भुगतान के तरीके लोकप्रिय होने के बावजूद नकदी अब भी प्रचलित है।