EY Pune Employee Succumbs: पुणे (एजेंसी)। पुणे में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की काम के बोझ तले दबकर मौत होने का मामला प्रकाश में आया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केरल की चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की पुणे में पेशेवर सेवा फर्म EY इंडिया में अपनी पहली नौकरी ज्वाइन करने के करीब चार महीने बाद मौत हो गई। रिपोर्ट में उनकी मां ने आरोप लगाया है कि अत्यधिक काम के बोझ से दबी युवती शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से थक चुकी थी, जिससे उसकी मौत हो गई। Pune News
रिपोर्ट के अनुसार EY इंडिया में कथित विषाक्त कार्य संस्कृति के कारण अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत के खिलाफ कई उद्योग पेशेवरों ने आवाज उठाई है। कई लोगों ने अन्ना सेबेस्टियन की मां अनीता ऑगस्टीन द्वारा ए इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को लिखे गए पत्र को भी फिर से शेयर किया है, जिसमें पेरायिल की मां अनीता ऑगस्टीन ने EY इंडिया में अपनी बेटी के अनुभव साझा किए हैं।
उनकी बेटी एक मेधावी छात्रा थी जो हमेशा अव्वल आती थी
उन्होंने लिखा है कि उनकी बेटी एक मेधावी छात्रा थी जो कॉलेज और स्कूल की परीक्षाओं में हमेशा अव्वल आती थी। उसने सीए की परीक्षा भी डिस्टिंक्शन के साथ पास की थी। हालांकि, अन्ना को ‘कंपनी में शामिल होने के तुरंत बाद चिंता, नींद न आना और तनाव’ का अनुभव होने लगा। ऑगस्टीन ने यह भी बताया कि कैसे उसने अपनी बेटी को अत्यधिक कार्यभार से पीड़ित देखा और कैसे उसने ईमानदारी से अपने वरिष्ठों की अनुचित अपेक्षाओं को पूरा करने की कोशिश की। Pune News
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि अन्ना को सीने में दर्द रहने लगा, जिसका कारण डॉक्टरों ने व्यस्त कार्यक्रम बताया। काम में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए, एनी ने रात में देर से सोकर और घंटों तक अथक परिश्रम करके अपने काम को मैनेज करने की पूरी कोशिश की। वह अपने दीक्षांत समारोह के दिन भी काम करने में कामयाब रही और अपने माता-पिता के साथ भी दिन नहीं बिता पाई, अनीता ने पत्र में दावा किया।
अन्ना के अंतिम संस्कार में ए से कोई भी शामिल नहीं हुआ | Pune News
अनीता ने पत्र में लिखा, ‘‘शनिवार, 6 जुलाई को मैं और मेरे पति अन्ना के सीए दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए पुणे पहुँचे। चूँकि वह पिछले एक सप्ताह से देर रात (लगभग 1 बजे) अपने पीजी में पहुँचने पर सीने में जकड़न की शिकायत कर रही थी, इसलिए हम उसे पुणे के अस्पताल ले गए। उसका ईसीजी सामान्य था और हृदय रोग विशेषज्ञ हमारे डर को दूर करने के लिए आए, उन्होंने हमें बताया कि उसे पर्याप्त नींद नहीं मिल रही थी और खाना भी समय पर नहीं खा रही थी। उन्होंने एंटासिड दवाएं लिखीं, जिससे हमें भरोसा हुआ कि यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है। हालांकि हम कोच्चि से आए थे, लेकिन वह डॉक्टर से मिलने के बाद काम पर जाने पर अड़ी रही, उसने कहा कि उसे बहुत काम करना है और उसे छुट्टी नहीं मिलेगी।’’
अनीता ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि ईवाई कंपनी से कोई भी उसकी बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ और इस त्रासदी के बारे में उससे बात करने की भी जहमत नहीं उठाई। जब अनीता ने अपनी बेटी के सीनियर से संपर्क करने की कोशिश की तो कंपनी के अधिकारियों की ओर से कोई जवाब नहीं आया। Pune News
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