Home Loan: अगर आप 40 की उम्र पर ले रहे हैं होम लोन तो नोट कर लें बैंक की बताई 5 टिप्स, कभी बोझ नहीं लगेगा कर्ज

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Home Loan: अगर आप 40 की उम्र पर ले रहे हैं होम लोन तो नोट कर लें बैंक की बताई 5 टिप्स, कभी बोझ नहीं लगेगा कर्ज

Home Loan Tips: आपकोंं बतां दें कि एचडीएफसी ने अपनी वेबसाइट पर दी जानकारी में बताया कि वर्तमान समय में बैंकों में अधिकतम 30 वर्ष तक के लिए ही होम-लोन दिया जाता है। उसी दौरान अगर आपकी आयु 40 वर्ष या उससे भी अधिक है,तो बैंक द्वारा आपकी रिटायरमेंट की आयु को देखते हुए, बैंक से आपको 30 साल की अवधि वाला होम लोन नहीं दिया जाएगा। परंतु यदि आपका क्रेडिट स्कोर ठीक चल रहा है, या कोंई सरकारी नौकरी आदि पर आप है, तो आप लोन चुकाने के लिए रिटायरमेंट के बाद भी अवधि बढ़ाने को लेकर लेंडर से बात कर सकते हैं। उसी के साथ कोशिश ये भी करें कि जितनी ज्यादा अवधि वाला लोन आप ले सकते हैं, और आपको वही होम-लोन लेना चाहिए। Home Loan

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क्या हैं जॉइंट होम लोन| Home Loan

बता दें कि यदि आप और आपका लाइफपार्टनर दोनों कोई व्यवसाय करते हैं। तो आप दोंनो मिलकर जॉइंट होम लोन ले सकते हैं। इससे लोन के अमाउंट को लेकर अधिकारिकता बढ़ जाती हैं। जिसकी मदद से आपकी ईएमआई का बोझ भी काफी हद तक कम हो जाता हैं। अपनी पत्नी को सह-आवेदक बनाने से ब्‍याज की दर कम लगेगी और आप जॉइंट होम लोन की सहायता से ज्यादा टैक्‍स बचा सकते हैं।

कैसे करे अधिक डाउन पेमेंट | Home Loan

अगर आप भी होम लोन का बोझ कम करना चाहते हैं, तो आपको अपनी डाउन पेमेंट अधिक होनी चाहिए। जिससे आपक ी किश्ते काफी कम समय में पूरी होने के साथ आपकी ब्याज दर भी कम हो जाती हैं। कभी भी अधिक डाउन पेमेंट देने के लिए खुद के साथ जबरदस्‍ती नहीं करनी चाहिए। वहीं अपने मेडिकल या इमर्जेन्सीज के लिए बचाए गए फंड्‌स में से डाउन पेमेंट न करें। जिससे आपको इमर्जेन्सीज के वक्त मुसीबत का सामना न करना पड़े।

कैसे चुने अच्छा होम-लोन प्रोवाइडर

आपको बता दें कि वर्तामन समय बहुत सारे होम-लोन प्रोवाइडर हैं। जिस दौरान आपको पता होना चाहिए , कि आपके लिए कौन सा होम-लोन बेहतर होगा। इसके लिए आपको पहले ठीक से रिसर्च करनी चाहिए। साथ ही एक अच्छा लेंडर चुनने के लिए सिर्फ ब्याज दर को ही नहीं देखना चाहिए, बल्कि कई पैरामीटर पर विचार-विमर्श करना चाहिए। वहीं आपको लेंडर की रेप्युटेशन और क्रेडिबिलिटी के साथ-साथ ,घर चुनने में सलाह देने की लेंडर की क्षमता और रीपेमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी आदि के बारे में भी पता होना चाहिए। आपको हमेशा एक ऐसा लेंडर चुनना चाहिए ,जो आपसे कम से कम फार्मेलिटीज और पेपरवर्क करवाता हों।

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