Hokato Sema Wins Bronze Medal:आपको जानकर बड़ी खुशी होगी, कि पैरालंपिक में होकाटो होतोजे सेमा ने इतिहास रच दिया है. वह देश के लिए पेरिस पैरालंपिक 2024 में मेडल लाने वाले 27वें एथलीट बन गए हैं. 40 वर्षीय होकाटो ने मेंस शॉट पुट एफ57 इवेंट में अदम्य साहस का परिचय देते हुए, होकाटो होतोजे ने 14.65 मीटर थ्रो के साथ इवेंट में तीसरा स्थान प्राप्त किया हैं। जिसके साथ उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल को अपने नाम कर लिया हैं। हांलाकि नागालैंड के रहने वाले होकाटो की कहानी बहुत ही दर्दनाक है, परंतु हालातों की प्रवाह न क रते हुए ,उन्होंने जीतोड़ मेंहनत की। और आज अपने देश के लिए मेडल लाकर एक इतिहास रच दिया हैं। Paralympics 2024
भारतीय सेना में भी रह चुके हैं होकाटो| Paralympics 2024
बतां दे कि होकाटो का जन्म 24 दिसंबर 1983 को नागालैंड के एक साधारण से परिवार में हुआ था। वहीं उनके अंदर बचपन से ही देश सेवा का जज्बा था। मात्र17 वर्ष की उम्र में ही होकाटो ने भारतीय सेना को जॉइन कर लिया था। जिस दौरान वे एक स्पेशल फोर्स का हिस्सा बने। वहीं उनकी ड्युटी एलओसी पर लगी थी। जिसके चलते 14 अक्तूबर 2002 को एक हमले के दौरान लैंड माइन पर पैर पड़ने के कारण उनका बायां पैर चला गया। इसके बाद भी हार न मानते हुए, होक ाटो ने 2016 में मेहज 32 वर्ष की उम्र में एथलीट्स को अपनाया, और उन्होंने जीजान लगाकर शॉट पुट की तैयारी की।
शॉट पुट एफ57 फाइनल में दिखाया कमाल| Paralympics 2024
होकाटो ने पैरालंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतकर एक मिसाल कायम की। उन्होंने मेंन्स शॉट पुट एफ57 कैटेगरी के फाइनल मुकाबले में कमाल ही कर दिया। जिसमें उन्होंने बेस्ट थ्रो 14.65 मीटर दूर फैं का। यह उनका बहुत अच्छा प्रदर्शन रहा। वहीं दूसरी ओर ईरान के याशिन खोसरवी खिलाड़ी ने 15.96 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड मेडल पर कब्जा किया, तो वहीं ब्राजील के थिआगो पॉलिनो ने 15.06 मीटर की दूरी तक थ्रो करके सिल्वर मेडल को अपने नाम किया। जिसके साथ पैरालंपिक में होकाटो तीसरे स्थान पर रहे।
भारत ने प्राप्त किया 17वां स्थान
आपको बडी खुशी होगी की दूसरे देशों के साथ भारत ने भी पैरालंपिक खेलों में बहुत अच्छा प्रर्दशन दिखाया। जिसमें भारतीय टीम मेडल टैली के दौरान17वें स्थान पर रही। वहीं भारत ने कुल 27 मेडलों को अपने नाम किया हैं. जिसमें भारत के 6 गोल्ड मेडल शामिल हैं. तो वहीं चीन मेडल टैली में टॉप पर रहा, उसने 83 गोल्ड, 64 सिल्वर और 41 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं, वही अब तक चीन ने कुल 188 मेडलस अपने नाम किए हैं। तो ब्रिटेन भी100 मेडलों के साथ दूसरे नंबर पर रहा। उसने 42 गोल्ड मेडलस जीते हैं। वहीं यूएसए ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।