किस तट से टकराएगा समुंद्री तूफान, क्या उत्तरभारत में भी दिखाई देगा असर?
मौसम डेस्क, संदीप सिंहमार।
Cyclonic Storm: भारत के अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में मई महीने में शुरू होने वाले दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान बारिश के साथ-साथ मौसमी घटनाएं भी होती रहती है। इस दौरान कभी समुद्री चक्रवातों का सामना करना पड़ता है तो कभी तूफान के साथ भारी बारिश के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। पर अक्सर सावन का महीना बीत जाने के बाद समुद्री चक्रवातों से छुटकारा मिल जाता है। ऐसा पहली बार होने जा रहा है की भादो के महीने में इस समुद्री चक्रवात तबाही मचाने आ रहा है। इस बात की पुष्टि खुद भारत मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने की है।
इन दिनों में चक्रवात आने को मौसम वैज्ञानिक एक कुदरटी घटना मान रहे हैं। यह चक्रवात अरब सागर में सक्रिय भी हो चुका है। आसना चक्रवात आज यानी शुक्रवार को गुजरात के कच्छ व साथ लगते पाकिस्तान के तट से टकरा सकता है। इन दिनों पहले से ही देश के अधिकांश हिस्सों में इन दिनों दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय है। इस वजह से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार से लेकर दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र तक में भारी से बहुत भारी बारिश हो रही है।
मूसलाधार बारिश की वजह से गुजरात में हालात बेहद खराब हो चुके हैं।भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की ओर से नए संकट की चेतावनी दी गई है। आईएमडी ने अरब सागर में चक्रवाती तूफान’आसना’ के एक्टिव होने की आशंका जताई है। मौसम वैज्ञानिक अरब सागर में इस समय चक्रवाती तूफान के सक्रिय होने पर हैरानी जताते हुए इसे रेयर मौसमी घटना बता रहे हैं,क्योंकि इन दिनों में कभी भी चक्रवाती तूफान नहीं आते। चक्रवात की आशंका के बीच गुजरात को अलर्ट मोड पर रखा गया है। Cyclonic Storm
टकराने के बाद कोस्टल एरिया से दूर हो जाएगा तूफान | Cyclonic Storm
पहले से ही भारी बारिश का सामना कर रहे गुजरात पर अब नया खतरा मंडराने लगा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अरब सागर में कच्छ और पाकिस्तान से लगते तटवर्ती इलाकों चक्रवात डेवलप हो रहा है, जो शुक्रवार को तटवर्ती इलाकों से टकराएगा। हालांकि एक बार पूरी तरह से डेवलप होने के बाद यह कमजोर हो जाएगा और कोस्टल एरिया से दूर होता जाएगा। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि अरब सागर में उठने वाला चक्रवात उतना मजबूत या विनाशकारी नहीं है, लेकिन इसका असर गुजरात के कुछ हिस्सों में तबाही का कारण बन सकता है।
इस मौसम में चक्रवात सामान्य नहीं
भारत मौसम विभाग व निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के अनुसार इस महीने में अरब सागर में चक्रवात उठने की घटना सामान्य नहीं है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि इस महीने में चक्रवात नहीं आते हैं, लेकिन ऐसे बहुत ही कम मामले हैं। यह सामान्य मौसमी घटना नहीं है। आमतौर पर बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में मानसून से पहले मार्च, अप्रैल, मई या फिर मानसून के बाद अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर में चक्रवाती तूफान आते हैं। लेकिन इस बार अगस्त के अंतिम दिनों में चक्रवाती तूफान आने की संभावना बढ़ गई है। इस बेमौसमी चक्रवात को लेकर मौसम विभाग ने हैरानी जताते हुए अलर्ट भी किया है।
चिंता में गुजरेगा आज का दिन | Cyclonic Storm
मौसम विभाग के अनुसार अरब सागर में सबसे पहले 24 अगस्त को चक्रवाती तूफान की पहली झलक दिखाई दी थी। चक्रवात कम रफ्तार के साथ तट की तरफ लगातार बढ़ रहा है और इसके 30 अगस्त को पूरी तरह से चक्रवाती तूफान में बदल जाने की संभावना है। यह दक्षिण-पश्चिम से पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। इससे कच्छ के साथ ही सौराष्ट्र का इलाका प्रभावित होगा। चक्रवात की वजह से गुजरात में मूसलाधार बारिश होने की आशंका और बढ़ गई है। ऐसे में प्रदेश में अभी और तबाही मच सकती है। आज का दिन गुजरात व साथ लगते तटीय इलाकों पर भारी पड़ सकता है। इस चक्रवात का थोड़ा असर उत्तर भारत विशेषकर साथ लगते राजस्थान में भी देखा जा सकता है। Cyclonic Storm
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