Indian Railways: रेलवे स्टेशन के जीर्णोद्धार का कार्य अंतिम चरण में
हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। अमृत भारत योजना के तहत करीब 32 करोड़ रुपए की लागत से हनुमानगढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन के जीर्णोद्धार का कार्य अंतिम चरण में हैं। प्रथम श्रेणी यात्रियों की सुविधा के लिए बन रहे एसी प्रतीक्षालय का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। दीवारों के रिनोवेशन का कार्य तकरीबन 80 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। शैड लगाने व बिजली फिटिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। एफओबी का फाउंडेशन का कार्य हो चुका है, ऊपर का कार्य शेष है। जल्द ही जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण होने पर यात्रियों को बेहतर सुविधाएं रेलवे स्टेशन पर मिलनी प्रारंभ हो जाएंगी। यात्रियों को खाने-पीने की सुविधा रेलवे स्टेशन पर ही उपलब्ध होगी। Indian Railways
स्टेशन मास्टर नगेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर जीर्णोद्धार कार्य करीब-करीब पूर्ण होने के कगार पर है। वर्तमान में यात्रियों के लिए सेकंड क्लास प्रतिक्षालय का शौचालय बनाया गया है। प्रतिक्षालय में फर्श लगाने का कार्य चल रहा है। फर्श लगाने का कार्य पूर्ण होने के बाद यह शौचालय यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा। पे एंड यूज का शौचालय यात्रियों के लिए खोल दिया गया है।
प्लेटफार्म नम्बर दो पर भी अस्थाई शौचालय बना हुआ है जो यात्रियों के काम आ रहा है। पानी की सुविधा के लिए चार वाटर कूलर लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि शाम को ट्रेन आने के समय टेम्पो की भीड़ लगने की समस्या को लेकर आरपीएफ को कहा गया है। आरपीएफ स्टाफ की ओर से व्यवस्था बनाने के लिए टेम्पो चालकों से समझाइश की जाती है। स्टैंड का काम अभी नहीं हुआ है। स्टैंड का काम होने के बाद टेम्पो क्रमवार लगाए जा सकेंगे।
सिर्फ कमीशनबाजी की तरफ ध्यान | Indian Railways
उधर, पूर्व पार्षद रामसिंह सिद्धू ने आरोप लगाया कि भारत सरकार की ओर से दिए गए 32 करोड़ रुपए का दुरुपयोग हो रहा है। रेलवे अधिकारी किसी भी काम की जांच नहीं करते। सिर्फ कमीनशबाजी की तरफ ध्यान दिया जा रहा है। रेलवे स्टेशन परिसर में बनाए गए पार्क में घटिया स्तर की ईंटें लगाई गई हैं। कुछ समय पहले जो निर्माण कार्य रेलवे स्टेशन पर हुआ था वह तोड़ दिया गया। दोबारा उस जगह फिर निर्माण कर दिया। इस तरह शैड बना दिए जिससे दम घोंटू क्षेत्र बन गया है। कई जगह ऐसा निर्माण कर दिया जिसकी जरूरत नहीं थी।
अधिकारियों-कर्मचारियों में किसी प्रकार का देशप्रेम व समर्पण भाव नहीं है। यह पैसा यात्रियों की सुविधा के लिए मिला था जबकि इसका इस्तेमाल अधिकारी की सुविधा के लिए हो रहा है। यात्रियों की जगह कर्मचारियों की सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है। सरकारी कार्यालयों के सामने शैड बनाए जा रहे हैं। सेकंड एंट्री तो बन गई लेकिन उसका गेट रेलवे क्वार्टरों की तरह खोल दिया जबकि गांधीनगर की तरफ खोलना चाहिए था। Indian Railways
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