Reliance Industries Job Cut: रिलायंस से 42,000 कर्मचारी बाहर! अगर सबसे बड़ी कंपनियाँ छंटनी कर रही हैं तो…!

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Reliance Industries Job Cut: रिलायंस से 42,000 कर्मचारी बाहर! अगर सबसे बड़ी कंपनियाँ छंटनी कर रही हैं तो...!

Reliance Industries Job Cut: नई दिल्ली (एजेंसी)। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने 2023-24 के वित्तीय वर्ष में अपने कर्मचारियों की संख्या में 42,000 की कटौती की है, जोकि पिछले साल की तुलना में उसके कुल कर्मचारियों की संख्या का 11% है, यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई है। Shaadi.com के संस्थापक अनुपम मित्तल (Shaadi.com founder Anupam Mittal) ने इसे ‘खतरनाक’ करार तो दिया ही साथ ही आश्चर्य भी जताया है कि इस मामले पर कोई शोर क्यों नहीं मचा। Reliance Industries Ltd

रिपोर्ट में बताया गया है कि मुकेश अंबानी की कंपनी कथित तौर पर अपनी कंपनी की लागत दक्षता में सुधार करना चाहती है, जिसका खुदरा विभाग पर काफी असर पड़ेगा। रिलायंस इंड्रस्ट्रीज लि. के कुल कर्मचारियों की संख्या 2022-2023 में 3.89 लाख से घटकर 2023-24 में 3.47 लाख हो गई। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि नई नियुक्तियों में 1.7 लाख की कमी आई है, जोकि एक तिहाई से अधिक है।

मीडिया रिपोर्ट में एक प्रमुख ब्रोकिंग फर्म के विश्लेषक के हवाले से कहा गया है, ‘‘रिलायंस में कारोबार की नई लाइनें अब परिपक्व हो गई हैं और उन्हें डिजिटल प्राथमिकताओं से भरपूर समर्थन मिला है। अब वे बेहतर ढंग से संचालन को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के चरण में हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि जब नए व्यावसायिक अवसर सामने आएंगे और रणनीति में बदलाव होगा, तो संख्या (कर्मचारियों की संख्या) नहीं बढ़ेगी। वे लागत प्रबंधन और दक्षता को कैसे आगे बढ़ाया जाए, यह अच्छी तरह समझते हैं।’’ Reliance Industries Ltd

मित्तल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, ‘‘42000 निष्कासित, यह मामला ‘शांत खबर’ क्यों है? आर्थिक और राजनीतिक हलकों में गंभीर खतरे की घंटी बजनी चाहिए।’’

क्या कहते हैं अनुपम मित्तल | Reliance Industries Ltd

एक यूजर ने बताया, ‘‘यह ज्यादातर खुदरा क्षेत्र से था, ज्यादातर अंशकालिक या अनुबंध कर्मचारियों की जरूरत के आधार पर। उन्होंने अन्य क्षेत्रों में 1.7 लाख जोड़े। शायद वे बदलाव ला रहे हैं। हालांकि, इसे राजनीतिक ध्यान देने की क्या जरूरत है? यह उनका व्यावसायिक निर्णय है।’’

इसका मित्तल ने जवाब दिया, ‘‘मेरा मतलब यह है कि अगर हमारी सबसे बड़ी कंपनियाँ कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं, तो नौकरी की स्थिति और भी खराब हो जाएगी। हमें पहले से ही हर साल 8-10 मिलियन नई नौकरियों की जरूरत है। मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि उन्हें रिलायंस के साथ इस मुद्दे को उठाने की जरूरत है, बल्कि मैं कह रहा हूँ कि हमें एक ऐसी साहसिक योजना की जरूरत है जो कारगर हो।’’

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