जाखल (सच कहूँ/तरसेम सिंह)। Ghaggar River: हिमाचल की शिवालिक की पहाड़ियों में लगातार हो रही भारी बरसात से पंचकुला, चंडीगढ़ कर रास्ते जाखल क्षेत्र से होकर गुजरने वाली घग्घर नदी में पानी की आवक बढ़ने लगा है। नदी में पीछे से जलस्तर में एकाएक बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। नदी बाढ़ के कारण जहां विकराल रूप धारण करती है तो हजारों एकड़ फसलों को अपनी चपेट में ले लेती है वही इसको जीवन दायिनी भी कहा जाता है पिछले वर्ष आई बाढ़ के बाद अब तक घग्गर नदी सूखी हुई थी लेकिन अब हिमाचल, पंचकूला, चंडीगढ़ इत्यादि इलाकों में बरसात होने से इसमें बरसाती पानी बहने से तटीय किसान खुश हैं। Jakhal News
क्योंकि घग्घर नदी के जल से उन्हें खेतो में सिंचाई करने में आसानी होगी। वहीं अगर पीछे लगातार बरसात होगी तो भविष्य की स्थिति को मद्देनजर रखकर, बाढ़ आशंका को भांपते हुए किसान चिंतित भी है। पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश से बरसाती पानी घग्घर नदी के जरिए जाखल क्षेत्र में पहुंचना शुरू हो गया है। नदी की जल क्षमता से फिलहाल जलस्तर अपेक्षाकृत कम है, वहीं प्रशासनिक अधिकारी बाढ़ के उचित प्रबंधन को लेकर पहले से ही एक्टिव है। हर प्रकार के प्रबंधों में लगे हुए है।
बीते वर्ष बाढ़ आने के कारण भयभीत है लोग | Jakhal News
बीते वर्ष जुलाई महीने में नदी में भारी मात्रा में पानी की आवक हुई थी। जिससे नदी व नदी के सहायक रंगोई नाले के तटबंध टूटने से जाखल क्षेत्र में बाढ़ आ गई थी, जबकि बाढ़ के वक्त जाखल शहर में पानी प्रवेश करने से गनीमत रही थी। उस वक्त सिंचाई विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी और ग्रामीणों के हाथ पांव फूल गए थे। बाढ़ से किसानों की हजारों एकड़ फसले बर्बाद हो गई थी। इससे ग्रामीणों को बड़ी क्षति झेलनी पड़ी थी। उस समय सभी ने दिन-रात एक कर कई दिनों की कड़ी मशक्कत से बिगड़े हालातो पर काबू पाया था।
ऐसे में हालांकि फिलहाल क्षेत्र से गुजरती घग्गर नदी में जलस्तर अभी न के बराबर है, लेकिन बीते वर्ष आई बाढ़ के मंजर को याद कर लोग सिहर उठते है। ऐसे में खासकर नदी के तट क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा बाढ़ आशंका के मद्देनजर बाढ़ से निपटान हेतु जिला प्रशासन से समुचित व्यवस्थाओं की मांग की गई हैं। वहीं जाखल के लोगों द्वारा भी नदी के शहरी भाग को पक्का करने का सुझाव दिया गया हैं।
पानी देखने पहुंचने लगें लोग | Jakhal News
किसान नदी में पानी आने का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में अब नदी में पानी आने से घग्घर नदी क्षेत्र के धान उत्पादक किसान पंपिंग कर धान की फसल में पानी लगाने लगे हैं। वहीं चांदपुरा साइफन हेड पर लोग नदी में पानी की आवक को देखने पहुंचने लगे हैं। लोग जहां पर सेल्फी लेते दिखाई दे रहे है।
कितना है घग्घर में जलस्तर
घग्गर नदी में पीछे से पानी बढ़ने के चलते सिंचाई विभाग की सोमवार शाम की रिपोर्ट में खनौरी पंजाब में 895 क्यूसेक पानी बह रहा है जबकि चांदपुरा साइफन हेड पर 1810 क्यूसेक जलस्तर मापा गया है, जो रविवार सुबह की अपेक्षा अधिक है। Jakhal News
फिलहाल बाढ़ को लेकर जरा भी चिंता नहीं
सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता पवन नैन ने कहा कि अभी जितने पानी की आवक नदी में हो रही है, उससे चिंता की जरा भी बात नहीं है। वहीं भविष्य में भी जैसे-जैसे नदी में पानी की आवक होगी, उसे विभिन्न चैनलों के जरिए प्रवाहित किया जाएगा। घग्घर नदी में पानी की आवक होने से धान उत्पादक किसानों को काफी राहत मिलेगी। ऐसे में नदी में पानी की आवक होने से किसान काफी उत्साहित हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
पहाड़ी क्षेत्र में भारी बरसात होने से जलस्तर में वृद्धि हुई है। चांदपुरा साइफन हेड पर जलस्तर नदी की क्षमता से अपेक्षाकृत कम है। जहां पर नदी में जहां पानी का स्तर दो हजार क्यूसेक से भी कम है, जबकि घग्नघर नदी की क्षमता 22 हजार क्यूसेक के करीब है। सावन माह में क्षेत्र में वर्षा काफी कम होने से धान की फसल प्रभावित हो रही थी। ऐसे में घग्गर नदी में जल प्रवाह होने से घग्घर तटीय किसानों के लिए धान की फसल हेतू अमृत समान है।
-संजीव सिंगला, एसडीओ सिंचाई विभाग टोहाना।
यह भी पढ़ें:– वित्त विधेयक पारित होने के बाद आ सकता है वक्फ संशोधन विधेयक