Himachal News: मॉनसून डेस्क, सच कहूँ/संदीप सिंहमार। उत्तर भारत के राज्यों में औसतन रूप से कम बारिश होने के बाद भी हिमाचल प्रदेश में अब बादलों ने तांडव मचा दिया है। कुल्लू,मंडी और शिमला के रामपुर में बादल फटने से देर रात्रि से ही तबाही का मंजर देखा जा सकता है। दरअसल बुधवार रात्रि को हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश शुरू हुई। तीन जिलों में बादल फटने से इमारतें, स्कूल व पॉवर स्टेशन भी बह गए। रामपुर के समेज गांव के कई घर बारिश के पानी की भेंट चढ़ गए। हिमाचल सरकार के अपडेट के अनुसार इस भारी बारिश के कारण हुई भूस्खलन में अब तक 50 से अधिक लोग लापता है। हिमाचल सरकार ने रेस्क्यू अभियान के लिए एनडीआरएफ के साथ-साथ वायु सेना से भी मदद मांगी है। प्रारम्भिक तौर पर स्थानीय प्रशासन अपनी ओर से रेस्क्यू अभियान चला रहा है। पर अभी भी ऐसे इलाके भी हैं,जहां सड़क मार्ग से संपर्क टूटने के बाद वहाँ पहुंच पाना मुश्किल बना हुआ है।
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सीएम में बुलाई इमरजेंसी मीटिंग | Himachal News
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंत्रिमंडल व अधिकारियों की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है,ताकि समय रहते रेस्क्यू अभियान को तेज किया जा सके। उधर मंडी की चौहारघाटी में 3 मकान भूस्खलन की चपेट में आ गए। इसमें 3 परिवारों के 11 लोग लापता हैं। यहाँ से रेस्क्यू टीम ने 2 शव बरामद कर लिए किए हैं, जबकि 9 का अभी भी सुराग नहीं लग पाया है। यहां फायर ब्रिगेड और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू बचाव अभियान में जुटी हुई है। इसी प्रकार कुल्लू के बागीपुल से भी लोग लापता हैं।
मंडी की डिप्टी कमिश्नर अपूर्व देवगन ने करसोग और पधर उपमंडल के सभी सरकारी,प्राइवेट स्कूल,आंगनबाड़ी केंद्र, वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर बंद करने के आदेश दिए हैं। ताकि भारी बारिश के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बच्चों को बचाया जा सके। मनाली में ब्यास नदी का जल स्तर बढ़ने के बाद आलू मैदान में पानी भर गया। इसके साथ यहां ताश के पत्तों की तरह सब्जी मंडी की 5 मंजिला बिल्डिंग ढग गई। बारिश भी तबाही में कुल्लू के मलाणा घाटी में मलाणा-1 और मलाणा-2 पावर हाउस में जलभराव होने से बिजली व्यवस्था ठप्प हो गई। जब तक जलस्तर काम नहीं होगा तब तक बिजली व्यवस्था को सुचारू नहीं किया जा सकता। पानी के बहाव में सड़के बहने के कारण बचाव कार्यों में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।बादल फटने से बांध ओवरफ्लो हो रहे हैं, जिससे कई घरों को भी नुकसान हुआ है।
पार्वती व ब्यास नदी भी खतरे के निशान से ऊपर | Himachal News
ब्यास व पार्वती नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसे देखते हुए नदी के किनारे रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है। देर रात्रि को हुई तेज बारिश में हिमाचल प्रदेश में हुई तबाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की प्रदेश को आपस में जोड़ने वाली 150 से अधिक सड़कों को नुकसान पहुंचा है। किसी सड़क मार्ग पर पेड़ उखड़ कर गिर गए हैं तो कोई सड़क मार्ग पानी के बहाव में ही बह गया। भूस्खलन होने के कारण चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग को भी फिलहाल बंद कर दिया गया है। उधर दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटकों पर आगामी आदेशों तक रोक लगा दी गई है। जितने पर्यटक हिमाचल प्रदेश में है, उन्हें सुरक्षित स्थानों की ओर भेजा जा रहा है।