Life imprisonment for Kalanwali’s rapist father सरसा (सच कहूँ न्यूज)। 15 साल की नाबालिग बेटी को डरा-धमकाकर दुष्कर्म कर गर्भवती करने के आरोपित पिता को फास्ट ट्रेक कोर्ट ने दोषी करार देने के बाद वीरवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रवीण कुमार की अदालत ने दोषी पिता को एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। उप जिला न्यायवादी पलविंद्र सिंह ने बताया कि न्यायाधीश की ओर से जुर्माना ना अदा करने पर एक साल अतिरिक्त साधारण कैद की सजा सुनाई है। Sirsa News
दोषी पर दया दिखाना होगा न्याय का मजाक उड़ाना: विशिष्ट न्यायाधीश
न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि दोषी ने अपनी ही 15 साल की बेटी के साथ जिस जघन्य कृत्य को किया है, उस नाबालिगा को अपने पिता द्वारा दिए गए आघात और दर्द की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराधियों को कम सजा देकर नहीं छोड़ा जा सकता है। वर्तमान समय में जब महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे है। ऐसे अपराध मानव गरिमा के साथ-साथ समाज के लिए भी अपमानजनक है। इसमें कम सजा देना विशेष रूप से महिलाओं के साथ अन्याय है।
इसलिए दोषी पर किसी भी तरह की दया दिखाना न्याय का मजाक उड़ाना होगा। विशिष्ट न्यायाधीश ने सर्वोच्च न्यायालय की ओर से शाम नारायण बनाम एनसीटी दिल्ली राज्य 2013(3) आरसीआर(आपराधिक)102 मामले में नाबालिग लड़कियों पर दुष्कर्म के मामलों में सजा की मात्रा से संबंधित कानून का सारांश देते हुए कहा कि न्यायालय को मासूम और असहाय लड़कियों पर दुष्कर्म के जघन्य अपराध के मामलों में समाज द्वारा न्याय के लिए की जाने वाली जोरदार आवाज को सुनना चाहिए और उचित सजा देकर जवाब देना चाहिए। Sirsa News
यह था मामला | Sirsa News
कालांवाली थाना में 31 दिसंबर 2019 को इस संबंध में मामला दर्ज किया गया था। दोषी की चार संतानें है। जिसमें बड़ा बेटा विवाहित है तथा छोटा बेटा अविवाहित। बड़ी बेटी मां के साथ अलग कमरे में सोती थी। जबकि छोटी बेटी पिता के साथ ही सोती थी। दोषी ने उसे डरा धमकाकर कई बार दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। घटना का पता उस दिन चला जब पेट में दर्द होने पर पीडि़ता को उसकी मां चिकित्सक के पास दिखाने ले गई। जांच के दौरान चिकित्सक ने मां को बताया कि उसकी बेटी सात माह की गर्भवती है।
पीडि़ता की मां ने मामले की जानकारी पुलिस को दी थी। उप जिला न्यायवादी पलविंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने जांच के बाद 15 दिसंबर 2019 को उक्त मामले में कोर्ट में चालान पेश किया। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 25 गवाह पेश किए गए। जिसमें तीन गवाह न्यायालय की अनुमति से 311 सीआरपीसी के तहत पेश किए गए। लगभग साढ़े पांच साल चली अदालती कार्रवाई के बाद आखिरकार न्यायालय ने बुधवार को आरोपित पिता को अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए गवाहों व सबूतों के आधार पर दोषी करार देते वीरवार को सजा सुनाई। Sirsa News
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