कैथल (सच कहूँ/कुलदीप नैन)। Doctors Strike: जिलेभर के सरकारी अस्पतालो के चिकित्सक वीरवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। हड़ताल के कारण सुबह के समय अस्पताल में पहुंचे मरीजों को दिक्कतें झेलनी पड़ी। इसके साथ ही नर्सिंग ऑफिसर ने भी दो घंटे तक हड़ताल की। उनकी हड़ताल सुबह आठ बजे शुरू हुई जो 10 बजे तक जारी रही। हड़ताल के चलते एनएचएम के चिकित्सकों ने ओपीडी संभाली। Kaithal News
उन्होंने मरीजों का इलाज शुरू किया। वहीं, नर्सिंग ऑफिसर ने भी सुबह के समय दो घंटे तक हड़ताल की। जिला नागरिक अस्पताल में 16 में 12 डॉक्टर छुट्टी पर रहे। जिला नागरिक अस्पताल की बात करे तो रोजाना 1200 से 1500 मरीज चैकअप के लिए आते है। नागरिक अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे कुछ लोगो ने कहा कि उन्हें हड़ताल के चलते परेशानी हुई तो वाही कुछ लोगो ने कहा कि उन्हें इलाज करवाने में कोई दिक्कत नहीं आई।
अपनी पत्नी को नागरिक अस्पताल में पहुंचे घोघडिया निवासी विनोद ने कहा कि वे अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए आये थे। यहाँ आकर पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर गए है। फिलहाल अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाया। अभी इंतजार कर रहे है।
अपने गाँव के कुछ लोगो द्वारा किये हमले के बाद नागरिक अस्पताल में दाखिल नंद सिंह खेडा के गोपी ने बताया कि वह दो दिन से अस्पताल में दाखिल है उसे अब तक सिर्फ एक इंजेक्शन दिया गया है। आज डॉक्टरो की हड़ताल बता रहे है सुबह से कोई डॉक्टर उसके चेकअप के लिए नहीं आया। न ही कोई दवाई दी गयी। Kaithal News
नागरिक अस्पताल में पहुंचे एक दम्पति को जब काफी देर तक इधर उधर घुमने पर भी इलाज प्राप्त नहीं हुआ तो वे थककर नीचे जमीन पर ही बैठ गए। बुजर्ग दम्पति ने कहा एक तो बुढ़ापा ऊपर से इलाज नहीं हो पा रहा इस कारण वे परेशान है।
ये है डॉक्टरों की मांगे | Kaithal News
एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. ललित जांगड़ा ने बताया कि हमारी 4 मुख्य मांगें हैं, जिनमें पीजी बॉन्ड 50 लाख से कम करना और एसएमओ की सीधी भर्ती नहीं करने की है। इसके साथ ही एसीपी और भत्ते केंद्र सरकार के बराबर देने और विशेषज्ञ डॉक्टरों को अलग से कैडर बनाने की मांग है। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में अलग से कैडर बनाने की घोषणा की थी। सरकार ने स्वीकृति मिलने के बाद इसकी फाइल अफसरों के टेबल पर घूम रही है।
जिले में डॉक्टरों का टोटा
जिले के सरकारी अस्पतालों में 149 डॉक्टरों के पद है, जिन पर महज 43 डॉक्टर काम कर रहे हैं। सिविल अस्पताल में रोजाना 1200 से 1400 ओपीडी होती है। वहीं जिले के सीएचसी व पीएचसी लेवल पर औसतन 3300 के करीब ओपीडी होती है। डॉक्टरों की कमी के चलते मरीज इलाज के लिए तरस रहे हैं। काफी समय से डॉक्टरों के रिक्त पद नही भरे गए।
सिविल सर्जन डॉ. रेनू चावला ने बताया कि हड़ताल के चलते एनएचएम के तहत लगे डॉक्टरों को ड्यूृटी पर लगाया गया। इसके तहत किसी भी प्रकार की परेशानी मरीजों को नहीं हुई। Kaithal News
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