Isro News: नई दिल्ली (एजेंसी)। अभी जो क्षुद्रग्रह धरती के नजदीक आ रहा है, उसके 13 अप्रैल 2029 को पास से गुजरने की संभावना हैं। पृथ्वी पर बड़ा संकट मंडरा रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार अंतरिक्ष से एक बड़ी आफत धरती की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। एक विशालकाय क्षुद्रग्रह हमारे ग्रह की ओर बढ़ रहा है। चिंता की बात यह है कि यह परेशानी इतनी विकट है कि इससे निपटने के लिए नासा, इसरो और यूरोप के वैज्ञानिक एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके पृथ्वी से टकराने की भी संभावना है। इस दृश्य को कई देशों में लोगों द्वारा देखा भी जा सकेगा।
वैज्ञानिकों के अनुसार 13 अप्रैल, 2029 को क्षुद्रग्रह 99942 अपोफिस पृथ्वी के बहुत करीब से गुजरेगा और उस वक्त हमारे ग्रह पृथ्वी की सतह से इसकी दूरी 32,000 किलोमीटर से भी कम होगी। भविष्य में होने वाली इस घटना ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है क्षुद्रग्रह हालांकि ग्रहों की तुलना में बहुत छोटे होते हैं और उनका आकार अनियमित होता है। कई बार वे पृथ्वी के करीब आ जाते हैं। इस क्षुद्रग्रह का आकार लगभग 375 मीटर (लगभग 1,230 फीट) चौड़ा बताया जा रहा है। यह यूरोप, अफ्रीका और एशिया के कुछ क्षेत्रों से रात में नंगी आँखों से दिखाई देगा। अप्रैल 2029 में जब अपोफिस पृथ्वी के पास से गुजरेगा, तो पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण इसके मार्ग को महत्वपूर्ण रूप से बदल देगा, जिससे इसके भविष्य के मार्ग की भविष्यवाणी करना कठिन है। डेटा के आधार पर, खगोलविदों ने अनुमान जताया है कि 2029 में अपोफिस के उड़ने से इसका मार्ग इतना बदल सकता है कि 2068 में पृथ्वी से इसकी टक्कर हो सकती है।
अपोफिस की खोज 2004 में की गई | Isro News
2004 में पहली बार अपोफिस की खोज की गई थी। अपोफिस को 19 जून 2004 को अमेरिका के किट पीक नेशनल आॅब्जर्वेटरी में देखा गया था। शुरूआती अवलोकनों से संभावना जताई गई थी कि यह 2029, 2036 या 2068 में पृथ्वी से टकरा सकता है। विनाशकारी प्रभाव की संभावना के कारण क्षुद्रग्रह का नाम मिस्र के विनाश के देवता’ के नाम पर रखा गया था। लेकिन, बाद के अवलोकनों के तहत, कम से कम अगली सदी तक अपोफिस के पृथ्वी से टकराने का कोई खतरा नहीं है। फिर भी 2029 में अपोफिस के पास से गुजरने की संभावना प्रबल हो गई है।
नासा व इसरो की टीम जुटी
दुनिया भर की अंतरिक्ष एजेंसियां और वैज्ञानिक संस्थान अपोफिस के उड़ान के दौरान इसका अध्ययन करने की तैयारी कर रहे हैं। वे दूरबीनों की मदद से जमीन से इसका निरीक्षण करने और अंतरिक्ष यान का उपयोग करके इसे नजदीक से देखने की योजना बना रहे हैं।