New criminal laws: नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। भारत ने बीते सोमवार को आपराधिक कानूनों में नए बदलावों के साथ नए कानून लागू किए, जिसके बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कहा कि इससे देश में न्याय व्यवस्था और भी बेहतर होगी। नए कानूनों को मोदी के पिछले कार्यकाल के दौरान दिसंबर में संसद द्वारा अनुमोदित किया गया था, जिसमें सरकार ने कहा था कि उनका उद्देश्य ‘न्याय देना है, दंड नहीं’। यह कहता है कि इनकी आवश्यकता थी क्योंकि औपनिवेशिक कानून एक सदी से भी अधिक समय से आपराधिक न्याय प्रणाली के मूल में थे। प्रमुख परिवर्तनों में से एक है, भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को जेल में डालने के लिए ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के तहत अधिनियमित किए जाने के बाद अक्सर दमन के उपकरण के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले राजद्रोह कानून को बदलना।
यौन उत्पीड़न से निपटने वाले कानूनों को मजबूत किया गया है, जबकि समलैंगिकता को अपराध बनाने वाले पिछले कानून को हटा दिया गया है। अन्य प्रमुख बदलावों में पुलिस द्वारा संदिग्ध को हिरासत में रखने की अवधि को 15 दिन से बढ़ाकर 60 दिन करना और कुछ विशेष मामलों में 90 दिन करना शामिल है।
नए कानून लागू हो जाने के बाद न्याय प्रक्रिया आॅनलाइन हो जाएगी। इसके साथ ही नए कानून के लागू हो जाने के बाद तारीख पर तारीख के चक्कर से आजादी मिलेगी। इंडियन पीनल कोड की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होगा। नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थीं, उनमें भी बदलाव होगा। जैसे हत्या के लिए लगाई जाने वाली धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी। ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी। हत्या प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब 109 कहलाएगी।
धारा 376 अब धारा 63 होगी| New criminal laws
वहीं दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी। नए कानूनों में आपराधिक न्याय प्रणाली में तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ जाएगा। नए आपराधिक कानून से 3 वर्ष में न्याय मिलेगा। तीन वर्ष के भीतर पीड़ित को न्याय मिल सकेगा। शिकायत दायर करने के 3 दिनों में एफआईआर दर्ज करनी होगी। यौन उत्पीड़न के मामले में 7 दिनों में जांच पूरी करनी होगी। भगोड़े अपराधियों पर 90 दिनों के भीतर केस दर्ज होगा। इसके साथ आपराधिक मामलों की सुनवाई 45 दिनों में पूरी होगी। गैंगरेप में 20 साल का कारावास या आजीवन सजा का प्रावधान है। नाबालिग के गैंगरेप में आजीवन सजा या मौत की सजा होगी।
7 साल या उससे अधिक सजा के मामलों में फॉरेंसिक जांच होगी
यौन संबंध के लिए झूठ बोलना भी अपराध माना जाएगा। पीड़िता का बयान महिला अधिकारी की उपस्थिति में होगा। भारत के साथ अन्य देशों में भी अपराधी की संपत्ति जब्त होगी। अगले 50 सालों में हर संभव तकनीकी बदलाव किए जाएंगे। 7 साल या उससे अधिक सजा के मामलों में फॉरेंसिक जांच होगी। नए कानून के लागू हो जाने के बाद पुलिस कार्रवाई की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। अदालत में आॅडियो-वीडियो पेश करने का प्रावधान होगा। पूरे देश में एक समान न्याय प्रणाली की व्यवस्था होगी।
मॉब लिंचिंग के मामलों में 7 वर्ष की सजा होगी। एसिड हमलों में कम से कम दस वर्ष से आजीवन कारावास तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि नए कानूनों के संबंध में पूर्ण रूप से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सभी को इस विषय में जागरूक कर कानूनी जानकारी दी जा रही है। वर्तमान समय की परिस्थिति के अनुसार ही सरकार की ओर से पुराने कानूनों में संशोधन करते हुए नए कानून बनाए गए हैं। उम्मीद है कि जनमानस के लिए नए कानूनों बहुत उपयोगी रहेंगे और आम जनता को न्याय प्राप्त होगा।