सरसा (सच कहूँ न्यूज)। वह जीव बहुत ही भागों वाले होते हैं, जो सतगुरु से सच्ची प्रीत लगाकर उसे अंतिम समय तक पूरे दृढ़ विश्वास के साथ निभाते हैं। ऐसी ही महान सख्शियत थे, गुरु सत्मस्त ब्रह्मचारी (जीएसएम) सेवादार आत्मा सिंह इन्सां (84), जो कि सोमवार को अपनी स्वासों रूपी पूंजी पूरी कर कुल मालिक के चरण कमलों में सचखंड जा बिराजे। आत्मा सिंह इन्सां अपने आखिरी समय तक पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां पर दृढ़ विश्वास के साथ-साथ मानवता भलाई व राम-नाम के सिमरन में लगे रहे। Sirsa News
उनके भतीजे अजमेर सिंह इन्सां (स्पोर्ट्स इंचार्ज शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थान) ने बताया कि आत्मा सिंह इन्सां का जन्म सन् 1940 को गांव जंडवाला, जिला फरीदकोट (पंजाब) में माता गुरदयाल कौर व पिता सरमुख सिंह के घर हुआ। वह दसवीं पास थे। वह तीन भाईयों में सबसे बड़े थे। पिता के देहांत के बाद उन्होंने ही अपने छोटे भाईयों का पालन पोषण किया।
उन्होंने अपने पूरे परिवार को डेरा सच्चा सौदा के साथ जोड़ा | Sirsa News
नवम्बर 1972 को उन्होंने पूजनीय परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज से नाम की अनमोल दात प्राप्त की। उन्होंने अपनी पूरी आयु मानवता की सेवा में लगा दी। उन्होंने अपने पूरे परिवार को डेरा सच्चा सौदा के साथ जोड़ा। उनका पूरा परिवार मानवता भलाई के कार्यों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेता है। इसके बाद वह रूहानी सत्संगों में आते रहे व सेवा और सिमरन में अपना समय लगाकर प्यारे सतगुरु जी से अनमोल खुशियों के खजाने प्राप्त करते रहे।
जुलाई 1989 को उन्होंने गुरू सत्मस्त ब्रह्मचारी सेवादार के के तौर पर सेवा शुरु की। सन् 1991 से लेकर आत्मा सिंह इन्सां की ज्यादातर सेवा की ड्यूटी श्री गुरुसर मोडिया में ही रही। वह अपने आखिरी समय तक लगातार मानवता की सेवा व राम-नाम के सिमरन में लगे रहे। वह बहुत ही मिलनसार स्वभाव के मालिक थे। आत्मा सिंह इन्सां मधुर स्वभाव के धनी थे। आत्मा सिंह इन्सां का अंतिम संस्कार सोमवार को उनके पैतृक गांव जंडवाला, जिला फरीदकोट (पंजाब) में किया गया। इस मौके पर उनके परिजन, रिश्तेदार, डेरा सच्चा सौदा की प्रबंकीय कमेटी के सदस्य व साध-संगत ने उनको भावभीन्नी श्रद्धांजलि अर्पित की। Sirsa News
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