गाजियाबाद (सच कहूँ/रविंद्र सिंह )। आज से लागू होने वाले तीन नए कानून के तहत गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस भी कार्रवाई शुरू करेगी। रविवार को पुलिस लाइन स्थिति परमजीत हॉल में पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने आज से लागू होने वाले तीन नए कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर अधिकारियों और थाना प्रभारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि लागू होने वाले तीनों नए कानूनों के तहत थाना प्रभारी प्रभावी तरीके से कार्रवाई करेंंगे। कार्यशाला के दौरान पुलिस कमिश्नर के निर्देशन में एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेश कुमार पी, एडिशनल पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था कल्पना सक्सेना,डीसीपी ग्रामीण विवेक चंद यादव, एडीसीपी ट्रैफिक वीरेंद्र कुमार, एडीसीपी प्रोटोकॉल आनंद कुमार आदि अधिकारी व सभी थाना प्रभारी उपस्थित हुए।
तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 से लागू हो जाएंगे। इंडियन पीनल कोड की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होगा। नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थी, उनमें भी बदलाव होगा। जैसे हत्या के लिए लगाई जाने वाली धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी। ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी। हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएगी। वहीं दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी। जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय ने कहा कि यह दंड संहिता से न्याय संहिता की ओर एक कदम है। कार्यशाला में अपराधी को दण्ड एवं पीड़ित को न्याय के विशेष प्रावधानों का उल्लेख है। कानून में संशोधन के दौरान महिलाओं की सुरक्षा और न्याय को प्राथमिकता दी गई है। आतंक और संगठित अपराध के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं।
वैज्ञानिक और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के महत्व को नए कानून में स्पष्ट किया गया है। कार्यशाला के दौरान सहायक पुलिस आयुक्त कार्यालय द्वारा ई-साक्ष्य एप और एनसीआरबी संकलन एप के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने कहा नए कानूनों के लागू होने से लोगों को इसका लाभ मिलेगा और निश्चित समय अवधि में लोगों को न्याय मिल पाएगा। यह कानून त्वरित न्याय की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगे। आज से इन कानूनों को देशभर में लागू किया जाना है। कानूनों को लागू करने में पुलिस के सामने चुनौतियां जरूर रहेंगी, लेकिन पुलिस विभाग पिछले लंबे समय से इसके लिए तैयारियों में जुटा हुआ है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला के उप निदेशक डॉ राजेन्द्र सिंह ने नये कानूनों के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में साक्ष्य संकलन, घटना स्थल की फोटो, वीडियोग्राफी, डीएनए सैम्पलिंग, नारकोटिक्स और ड्रग्स सब्सटेंस के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी साझा की। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अखिलेश कुमार एवं सहायक अभियोजन अधिकारियों मुकेश मिश्र एवं रवि गुप्ता ने नये कानूनों ( भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023) के क्रियान्वयन पर अपना वक्तव्य दिया। इनके द्वारा नये लागू हो रहे प्रावधानों-प्रक्रियाओं से विस्तार पूर्वक अवगत कराया गया और जीरो-एफआईआर, ई-एफआईआर के बारे भी जानकारी दी गई।