ठेकेदार ने सिविल अस्पताल के सभी रास्तों को बनाया ‘पार्किंग’

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Ludhiana News : सिविल अस्पताल में एमरजैंसी से मुख्य गेट तक के रास्ते में खड़ी कारें व मोटरसाईकिल।

मुख्य गेट से लेकर अस्पताल के एमरजैंसी, जच्चा-बच्चा विभाग व मोर्चरी तक तुरंत पहुंचना असंभव | Ludhiana News

लुधियाना (सच कहूँ/जसवीर सिंह गहल)। Ludhiana News: महानगर के स्थानीय शहर के तरह ही यहां के सिविल अस्पताल में भी वाहन पार्किंग की समस्या गंभीर रूप धारण कर चुकी है, जिसके चलते अस्पताल के मुख्य गेट से लेकर विभिन्न विभागों तक एमरजैंसी परिस्थतियों में पहुंचना लगभग असंभव हो जाता है। सिविल अस्पताल में आए दिन सैंकड़ों मरीज एमरजैंसी हालत में पहुंचते हैं, जिनको मुख्य गेट से लेकर एमरजैंसी तक पहुंचने के लिए सोच-सोच कर पैर रखना पड़ता है, क्योंकि अस्पताल के सभी रास्तों पर कारें व मोटरसाईकिलें खड़ी की होती हैं। Ludhiana News

जिस कारण पूरा दिन अस्प्ताल की सीमा में आने जाने का रास्ता न मिल पाने की वजह से वाहनों के हॉर्न का शोर सुनाई देता रहता है, जिससे लोगों को परेशानी होती है। वहीं मुख्य गेट से दाखिल होते ही ओपीडी, ब्लड बैंक को जाने के लिए पैदल जाना भी मुश्किल होता है। इसके अलावा मुख्य गेट से एमरजैंसी, जच्चा-बच्चा विभाग, मोर्चरी व नशा छुड़ाओ केन्द्र की तरफ जाने के लिए भी रास्ते में खड़े वाहनों में से निकलना पड़ता है। कुल मिलाकर अस्पताल में हर रास्ते पर गाड़ियां व मोटरसाईकिलों का हर समय जमावड़ा लगा रहता है। ऐसे में एमरजैंसी हालातों में मरीजों को लाना-ले जाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं। Ludhiana News

प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्पताल की पार्किंग 65 लाख रूपये में ठेके पर है। ठेकेदार के कारिन्दों द्वारा चालकों से अस्पताल के गेट पर ही वाहन के दाखिल होते समय पार्किंग फीस तो हासिल कर ली जाती है, लेकिन यातायात में कोई बाधा न आए, इसके लिए किसी भी वाहनों को पुख्ता जगह पर पार्क नहीं करवाया जाता। वाहन चालक का जहां भी छाया में जगह मिलती है, वह अपने वाहन को पार्क कर चले जाते हैं, जिससे सभी मुख्य रास्तों पर जाम जैसी स्थिति बनी रहती है। ऐसे में किसी को परेशानी का सामना करना पड़ेगा न तो इस बात से ठेकेदार या उसके कारिन्दों को कोई मतलब होता है व न ही वाहन मालिकों को कोई इस बात की चिंता होती है।

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विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आसपास के लोगों के अनेकों वाहन भी कई-कई दिनों तक सिविल अस्पताल की सीमा में पार्क हो रहे हैं। अगर देखा जाए तो अस्पताल में रोजाना मरीजों के परिजनों के वाहनों की ही संख्या अधिक होती है, जिसे कंट्रोल करना ही बड़ी चुनौती है।

पार्किंग ठेके पर है न कि अस्पताल के रास्ते

संपर्क किए जाने पर सिविल सर्जन डॉ. जसबीर सिंह औलख ने कहा कि ठेकेदार को अस्पताल की पार्किंग ठेके पर दी गई है न कि अस्पतालके रास्ते। अगर ठेकेदार द्वारा वाहनों को अस्पताल के रास्तों में पार्क किया जाता है तो यह बिल्कुल भी सही नहीं। उन्होंने कहा कि मामला उनके ध्यान में आ गया है। जांच करवाकर जल्द ही बनती कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। Ludhiana News

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