नई दिल्ली (एजेंसी)। विशेष न्यायाधीश अमिताभ रावत द्वारा बुधवार को एक आदेश पारित गया जिसके बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। Arvind Kejriwal
इससे पहले आप नेता को तिहाड़ सेंट्रल जेल से अदालत में पेश किए जाने के तुरंत बाद सीबीआई ने यह आवेदन दायर किया था। आबकारी नीति मामले में सुनवाई के लिए सीबीआई बुधवार सुबह ही केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट लेकर आई। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल भी थीं। मंगलवार को सीबीआई ने तिहाड़ जेल में ही आप सुप्रीमो से पूछताछ की थी और आबकारी नीति मामले के बारे में उनका बयान दर्ज किया।
आप के वकील ने एक्स पर लिखा, ‘‘मोदी सरकार की गंदी चालों से डर लगता है कि अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से रिहा कर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को उसी मामले में उन्हें गिरफ्तार करने को कहा है, जबकि वे जांच में शामिल होने के करीब एक साल बाद गिरफ्तार हुए हैं। इससे पता चलता है कि भाजपा की प्रतिशोधी मानसिकता में कोई बदलाव नहीं आया है। जोकि शर्मनाक है। ’’ Arvind Kejriwal
धारा 45 की दो शर्तों की पूर्ति पर अपनी संतुष्टि दर्ज करनी चाहिए थी | Arvind Kejriwal
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की जमानत के लिए निचली अदालत द्वारा पारित आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि निचली अदालत को आदेश पारित करने से पहले कम से कम धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 की दो शर्तों की पूर्ति पर अपनी संतुष्टि दर्ज करनी चाहिए थी।
न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन की अवकाश पीठ ने आज आदेश पारित करते हुए कहा कि निचली अदालत ने दस्तावेजों और दलीलों का उचित मूल्यांकन नहीं किया। न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और एसवीएन भट्टी की अवकाश पीठ ने कहा कि अंतिम आदेश पारित किए बिना केजरीवाल की जमानत पर अंतरिम रोक लगाने का उच्च न्यायालय का निर्णय ‘असामान्य’ था। केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच किए गए आबकारी घोटाले के धन शोधन मामले में जेल में हैं। Arvind Kejriwal
Female Foeticide: सावधान! विचलित कर सकती है ये घटना!