Lungs Problem: आज के इस दौर में फेफड़ों में कई तरह की बीमारियां देखी जा रही है, उन्हीं में से एक है फेफड़ो का कैंसर…बता दें कि फेफड़ों के कैंसर के लिए सबसे आम जोखिम कारक तंबाकू के धुएं और रेडॉन गैस के संपर्क में आना हैं।
क्या आपके फेफड़ों में एक से ज्यादा नोड्यूल हो सकते हैं? Lungs Problem
बता दें कि अगर फेफड़ों में नोड्यूल होता हैं, तो वो कैंसर और नॉनकैंसर्स दोनों ही हो सकता हैं, सीटी स्कैन से आप नोड्यूल का पता आराम से लगा सकते हैं। फेफड़ों के नोड्यूल की बायोप्सी का सुझाव दिया जा सकता हैं, फेफड़ों का कैंसर अक्सर फेफड़ों और छाती में लिम्फ नोड्स में फैलता हैं तो उसे सर्जरी के जरिए ठीक किया जा सकता हैं, कौन से लिम्फ नोड्स कैंसर है वह शुरूआती जांच के बाद ही पता चल सकता हैं।
फेफड़ो में कैसे पाई जाती हैं गांठें?
फेफड़ों में गांठें 3 अलग-अलग तरह की पाई जाती हैं, जिसका पता स्कैन करके लगाया जा सकता हैं, फेफड़ों के कैंसर के जब शरीर पर लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे सीटी स्कैन और स्क्रीनिंग की सलाह दी जाती हैं।
फेफड़ों में क्यों होती हैं गांठें?
- फेफड़ों में गांठ बनने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे फेफड़ो के टिश्यूज का डैमेज होना।
- फेफड़ों में जलन या वायु प्रदूषण।
- रुमेटॉइड गठिया और सारकॉइडोसिस जैसी बीमारियों से होने वाली सूजन की स्थिति।
- हिस्टोप्लाजमोसिस और टीबी के संक्रमण।
- फेफड़ों के कैंसर के लिए सबसे आम जोखिम कारक तंबाकू के धुएं और रेडॉन गैस के संपर्क में आना हैं।
फेफड़ों में नोड्यूल के लक्षण
थकान, भूख न लगना, रात को पसीना आना, बुखार, वजन घटना और खांसी जिसमें थूक आता हैं शामिल हैं। अगर आपको भी अपने शरीर में ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको सबसे पहले एक्स-रे और सीटी-स्कैन करवाना चाहिए, फेफड़े का ऐब्सेस ठीक होने के पहले कई सप्ताह के लिए एंटीबायोटिक्स लेने पड़ते हैं।
अस्वीकरण: लेख में दी गई जानकारी आपकी सामान्य जानकारी के लिए प्रदान की गई हैं, सच कहूँ इसकी पुष्टि नहीं करता है।