ITR Filing Avoid Top Mistakes: नई दिल्ली (एजेंसी)। आयकर रिटर्न यानि ITR भरना भारतीयों के लिए एक जिम्मेदार नागरिक की तरह उनकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। यदि आयकरदाता समय पर और सटीक जानकारी के साथ अपनी आईटीआर सब्मिट करता है तो वह अनावश्यक परेशानियों, दंड और कानूनी प्रक्रियाओं से बच सकता है। ITR भरते समय इन शीर्ष गलतियों से बचना जरूरी है, जोकि इस प्रकार हैं: Income Tax Returns
निर्धारित सीमा से चूक
सबसे आम गलतियों में से एक है, ITR दाखिल करने की समय सीमा से चूकना। आयकरदाताओं के लिए नियत तिथि, आमतौर पर 31 जुलाई होती है। यदि आयकरदाता इस अवधि में आईटीआर भरने में देरी करता है तो देरी की अवधि के आधार पर 1,000 रुपये से 10,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। और तो और देरी से आईटीआर भरने वालों को कुछ कटौतियों से भी वंचित होना पड़ सकता है, साथ ही आयकर विभाग की ओर से कड़ी जांच का सामना करना पड़ सकता है।
गलत जानकारी शेयर करना
नाम, पैन नंबर और बैंक विवरण जैसी व्यक्तिगत जानकारी में गलत जानकारी देना कठिन परेशानियों का कारण बन सकती हैं। इन गलतियों के परिणामस्वरूप अस्वीकृत रिटर्न या रिफंड प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है। इन समस्याओं से बचने के लिए सुनिश्चित करें कि सभी व्यक्तिगत जानकारी सही ढंग से दर्ज की जाए।
गलत फॉर्म का चयन | Income Tax Returns
आईटीआर भरने के लिए उचित फॉर्म का चयन अनिवार्य है। अलग-अलग फॉर्म अलग-अलग तरह के करदाताओं के लिए होते हैं, जो उनकी आय के स्रोतों पर निर्भर करते हैं। गलत फॉर्म भरने से आवेदन स्वीकार नहीं किया जा सकता है या दोबारा भरकर जमा करना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, ITR-1 वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए है, जबकि ITR-4 पेशेवरों और छोटे व्यवसायों के लिए होता है।
आय के सभी स्रोतों के बारे में बताना
बचत खातों, सावधि जमा और किराये की आय से मिलने वाले ब्याज के बारे में बताना या सभी आय स्रोतों की जानकारी न बताना आम गलती है। इन आय का खुलासा न करने पर जुर्माना और जांच दोनों हो सकती है। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी आय स्रोतों की विस्तृत रिपोर्टिंग देना सुनिश्चित करें।
फॉर्म 26 AS को नजरअंदाज करना
फॉर्म 26 AS में आपके Pan के विरुद्ध काटे गए और जमा किए गए सभी टैक्स का विवरण होता है। कई करदाता इस फॉर्म को अनदेखा कर देते हैं, जिससे रिपोर्ट की गई आय और वास्तविक TDS के बीच गलतियां हो जाती हैं। दाखिल करने से पहले फॉर्म 26 AS की समीक्षा करने से सटीकता सुनिश्चित करने और बेमेल से बचने में मदद मिल सकती है।
गलत कटौतियाँ और छूट
कटौतियों और छूटों पर गलत दावों के परिणामस्वरूप रिफंड कम हो सकता है या टैक्स की देयताएँ बढ़ सकती हैं। धारा 80C, 80D और अन्य के तहत उपलब्ध कटौतियों को खुद जानें और सुनिश्चित करें कि सभी दावा की गई कटौतियाँ वैध हैं और आवश्यक दस्तावेजों द्वारा समर्थित हैं।
ITR का वैरीफिकेशन न करना
फाइल करने के बाद, प्रक्रिया को पूरा करने के लिए ITR का वैरीफिकेशन करना महत्वपूर्ण है। कई करदाता इस चरण की उपेक्षा करते हैं, जिससे उनका रिटर्न अमान्य हो जाता है। सत्यापन आधार OTP, नेट बैंकिंग या CPC कार्यालय को हस्ताक्षरित भौतिक प्रति भेजकर इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जा सकता है। Income Tax Returns
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