Organ Transplant Rules foreigners : नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आग्रह किया कि केंद्रीय गृह और विदेश मंत्रालय अंग प्रत्यारोपण के लिए भारत आने वाले विदेशी नागरिकों को कानूनी प्रक्रिया के बारे में जागरूक करें। Organ Transplant Rules
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह कदम देश में विदेशी नागरिकों से जुड़े कथित वाणिज्यिक लेन-देन में वृद्धि के बीच उठाया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने 19 जून को गृह और विदेश मंत्रालयों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘अंग प्रत्यारोपण के लिए भारत आने वाले इन विदेशी नागरिकों के लिए भारत में अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया को विनियमित करने वाले विशिष्ट दिशा-निदेर्शों और कानूनी आवश्यकताओं को समझना आवश्यक है।’’ Organ Transplant Rules
चंद्रा ने दोनों मंत्रालयों से अनुरोध किया है कि अंग प्रत्यारोपण कानूनों से संबंधित जानकारी हवाई अड्डों पर प्रमुख स्थानों पर और व्यापक पहुंच के लिए आव्रजन ब्यूरो के वेब पोर्टल पर प्रदर्शित की जानी चाहिए।
नियम और विनियम | Organ Transplant Rules
पत्र में कहा गया है कि भारत में अंग और ऊतक दान और प्रत्यारोपण मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (THOTA), 1994 के तहत विनियमित है। यह कानून मानव अंगों या ऊतकों में किसी भी व्यावसायिक सौदेबाजी को प्रतिबंधित करता है। हालांकि, यह किसी भारतीय को अपने अंगों को किसी करीबी रिश्तेदार- पति या पत्नी, बेटा, बेटी, पिता, माता, भाई, बहन, दादा, दादी, पोते या पोती को दान करने की अनुमति देता है।
विदेशी दाताओं या प्राप्तकर्ताओं को अंग या ऊतक प्रत्यारोपण के लिए प्राधिकरण समिति से पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, भारत में मूल देश के दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी को फॉर्म 21 के अनुसार दाता और प्राप्तकर्ता के बीच संबंधों को प्रमाणित करना आवश्यक है।
नाम प्रतीक्षा सूची रजिस्ट्री में शामिल किया जाएगा
‘‘इस मामले में, प्रत्यारोपण के लिए मृतक दाता से अंग की आवश्यकता वाले विदेशी मरीज भी अपने इलाज करने वाले अस्पताल के माध्यम से भारत में पंजीकरण करवा सकते हैं, जिसके बाद उनका नाम प्रतीक्षा सूची रजिस्ट्री में शामिल किया जाएगा। हालांकि, ऐसे मामलों पर तभी विचार किया जाएगा, जब पूरे देश में उस अंग को लेने के लिए कोई भारतीय मरीज उपलब्ध न हो।’’ Organ Transplant Rules
सतर्कता बढ़ाई गई अप्रैल में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और विदेश मंत्रालय (एमईए) से चिकित्सा उपचार और प्रत्यारोपण के लिए भारत आने वाले विदेशी रोगियों का विवरण साझा करने के लिए कहा था। नेशनल ऑर्गन टिश्यू ट्रांसप्लांटेशन ऑर्गनाइजेशन (NOTTO) के निदेशक डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि विदेशी लोग ज्यादातर निजी अस्पतालों में आते हैं और निजी अस्पतालों का यह कर्तव्य है कि वे ऐसे रोगियों को देश में आने से पहले शिक्षित करें।
उन्होंने कहा कि “यह ठीक से नहीं किया जा रहा है”। इसीलिए “भारतीय उच्चायोगों, आव्रजन ब्यूरो और विदेश मंत्रालय से विदेशी रोगियों को शिक्षित करने के लिए ये संदेश प्रदर्शित करने का अनुरोध किया गया है।’’ केंद्रीय स्वास्थ्य और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ताओं को भेजे गए प्रश्नों का उत्तर नहीं मिला। पिछले साल केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने संसद को बताया था कि अक्टूबर 2023 तक लगभग 504,000 विदेशी नागरिक चिकित्सा उपचार के लिए भारत आ चुके हैं। Organ Transplant Rules
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