Modi 3.0 Cabinet: हरियाणा (Haryana) में इस बार बीजेपी को 5 सीटों पर सफलता मिली हैं, वहीं 5 सीट कांग्रेस के पास गई है, बता दें कि कुछ माह बाद ही प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने हैं, ऐसे में हरियाणा से केंद्र में एक सांसद का मंत्री बनना तय माना जा रहा हैं। दरअसल हरियाणा में लोकसभा चुनाव परिणाण घोषित होने के बाद लोगों के मन में एक बड़ा सवाल उठ रहा हैं कि एनडीए की सरकार बनने के बाद बीजेपी के किस सांसद को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता हैं।
2019 में हरियाणा के दो सांसद केंद्र की सरकार में मंत्री थे, इनमे गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह और फरीदाबाद से सांसद कृष्णपाल गुर्जर शामिल थे। दोनों ही इस बार जीते भी हैं, मगर नवनिर्वाचित दोनों सांसदों की मंत्री बनने की दौड़ इतनी आसान नहीं होने वाली हैं। बता दें कि राव, गुर्जर के अलावा पूर्व सीएम मनोहर लाल और धर्मबीर सिंह भी केंद्रीय मंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं, हालांकि हरियाणा के दो सांसदो को जब मंत्री बनाया गया था, तो उस दौरान बीजेपी अकेले ही बहुमत में थी। गठबंधन के दलों का दबाव नहीं होता था।
वहीं इस बार स्थियां बदली हुई नजर आ रही हैं, केंद्र में एनडीए की सरकार बनने जा रही हैं, बीजेपी पर एनडीए में शामिल घटक दलों के सदस्यों को भी मंत्री बनाने का दबाव होगा। उधऱ, चार महीने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने जा रहे है, ऐसे में संभव हैं कि इस बार केंद्र में दो के बजाय किसी एक सांसद को मंत्री पद से नवाजा जाए।
मंत्री बनने की दौड़ में शामिल है ये सांसद | Modi 3.0 Cabinet
मनोहर लाल: मनोहर लाल हरियाणा में साढे नौ साल तक सीएम रहे हैं, संघ पीएम नरेंद्र मोदी और शाह से काफी घनिष्ठता हैं, पीएम मोदी के कहने पर उन्होंने सीएम की कुर्सी छोड़ दी थी, हालांकि उनके सीएम रहते ही बीजेपी के खिलाफ राज्य में सत्ता विरोधी लहर बनी हुई हैं, 4 महीने बार राज्य में फिर चुनाव होने हैं। बीजेपी नहीं चाहेगी कि उनकी वजह से राज्य में फिर से पार्टी के खिलाफ नाराजगी बढे, ऐसी स्थिति में संभव हैं कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व फिलहाल उन्हें केंद्र में मंत्री बनाने में परहेज करें।
राव इंद्रजीत: बता दें की राव इंद्रजीत छठी बार सांसद बने हैं, अहीरवाल बेल्ट में उनका दबदबा हैं। भिवानी-महेंद्रगढ़ के अहीरवाल बेल्ट में धर्मबीर को जिताने में उनकी भूमिका काफी अहम रही है। अहीरवाल बेल्ट में 14 विधानसभा क्षेत्र हैं, राज्य सरकार बनाने में इस बेल्ट की भूमिका अहम होती हैं, विधानसभा चुनाव को देखते हुए राव इंद्रजीत को केंद्र के मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता हैं, मगर इस बार उनका दबदबा कुछ कम हुआ हैं, वह लड़खड़ाते हुए ही जीते हैं, दरअसल पैतृक इलाके में उन्हें कम वोट मिले हैं।
कृष्णापाल गुर्जर: लगातार 3 जीत हासिल करने वाले कृष्णापाल गुर्जर 2014 और 2019 की केंद्र की सरकार में मंत्री रहे हैं, पीएम मोदी के साथ उनकी अच्छी दोस्ती हैं, मोदी के साथ उन्होंने संगठन में काम भी किया हैं, इस बार उनका काफी विरोध था, इसके बावजूद वह अपनी सीट जीतने पर कामयाब रहे, ऐसे में इस बार भी वे मंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं, हालांकि विधानसभा चुनाव में जातीय व क्षेत्रीय समीकरण को देखते हुए मंत्री बनना उनका मुश्किल हो सकता हैं।
धर्मबीर सिंह: जीत की हैट्रिक लगाने वाले धर्मबीर सिंह भी मंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं, हरियाणा में जाट बिरादरी से आने वाले बीजेपी के वे इकलौते सांसद हैं, लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ जाट बिरादरी की नाराजगी साफ तौर पर देखी गई हैं, जाट बेल्ट में बीजेपी को एक भी सीट नही मिली हैं, आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी जाटों की नाराजगी नहीं झेलना चाहती हैं, इसलिए जाटों को बीजेपी से जोड़ने के लिए धर्मबीर को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता हैं।