पेट्रोल-डीजल व इलेक्ट्रिक कारों के मुकाबले हाइब्रिड कारों में आग लगने का खतरा ज्यादा | Hisar News
हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। Extreme Heat: भीषण गर्मी के इस दौर में सड़क पर दौड़ती गाड़ियों में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। हाल ही के दिनों में आगजनी की कई घटनाओं में इंसान दम तोड़ते देखे गए हैं। पर वास्तव में गाड़ियों में आग क्यों लग रही है? इस तरफ किसी का ध्यान नहीं है। इलेक्ट्रिकल फेल्योर या शॉर्ट सर्किट, आॅयल या गैस लीक, पेट्रोल-डीजल या सीएनजी कारों में इंजन का ओवरहीट होना, आग लगने की घटना के पीछे सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। Hisar News
कारों में आगजनी की बढ़ती घटनाएं चिंतनीय हैं, इसके बावजूद भी नेशनल हाइवे अथॉरिटी या राज्य सरकारों की तरफ से आग बुझाने के लिए भी कोई विशेष विकल्प उपलब्ध नहीं है। जब भी कोई ऐसी घटना होती है तो दमकल विभाग का ही सहारा लेना पड़ता है, लेकिन तब तक गाड़ी व गाड़ी में मौजूद इंसान दम तोड़ जाते है। आॅटो इन्सुरेंस इजेड की एक अध्ययन के अनुसार पेट्रोल-डीजल और इलेक्ट्रिक कारों के मुकाबले हाइब्रिड कारों में आग लगने का खतरा ज्यादा रहता है।
अमेरिकी संस्था की इस स्टडी में नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड द्वारा 2020 से रिकॉल किए गए वाहनों के उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर विश्लेषण किया गया, जिसमेंं बताया गया है कि प्रति 1 लाख यूनिट्स बेचे गए वाहनों में सबसे ज्यादा हाइब्रिड कारों में आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। वहीं दूसरे स्थान पर गैसोलिन यानी पेट्रोल और तीसरे स्थान पर इलेक्ट्रिक वाहन रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों में ओवरचार्जिंग और हाई-ट्रेंप्रेचर के कारण बैटरी में आग लगने का खतरा होता है। ऐसे कुछ मामले हाल के दिनों में भारत में भी देखे गए हैंं।
वायरिंग व बैटरियों में फॉल्ट जिम्मेदार | Hisar News
कारों में आग लगने के लिए आमतौर पर शॉर्ट सर्किट या वाहन के वायरिंग में किसी तरह की फॉल्ट को जिम्मेदार माना जा रहा है, पर इसके अलावा भी कुछ अन्य कारण हैं। पुराने वाहनों में बैटरियां के फॉल्ट के चलते आग लगते हुए देखा गया है, जिससे दुर्घटना होने पर उनमें आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं लंबे रास्तों पर देर तक वाहन चलाने से टायर और रोड के बीच घर्षण होने से गाड़ियों के इंजन ज्यादा गर्म हो जाते हैं। ऐसी घटनाएं ज्यादातर एक्सप्रेस-वे पर देखने को मिली हैं। एक्सप्रेस-वे के निर्माण में कंक्रीट या सीमेंट का इस्तेमाल ज्यादा होता है। ये सड़कें टायर से घर्षण के दौरान ज्यादा हीट उत्पन्न करती हैं। ऐसी स्थिति में टायर के स्ट्रक्चर को तेजी से डैमेज करता है। ऐसे में टायर फटने की संभावना बढ़ जाती हैं।
चलता-फिरता बम है आफ्टर मार्केट सीएनजी किट
अकसर लोग आॅफ्टर मार्केट से अपनी कारों में सीएनजी किट लगवा लेते हैं। जो बेहद खतरनाक है। क्योंकि कार कंपनियां गाड़ियों को सभी मानकों के अनुसार तैयार करती हैं। इसमें कार के वजन से लेकर, शेप-डिजाइन इत्यादि सबकुछ शामिल होता है। दूसरी ओर आफ्टर मार्केट में सीएनजी किट फिटिंग के दौरान इन सभी मानदंडों का प्रयोग नहीं किया जाता। यही एक सबसे बड़ी वजह बनती है, जब भी कोई सीएनजी कार के साथ दुर्घटना होती है तो उसमें आग लगने की ज्यादा संभावनाएं होती है। Hisar News
ऐसे करें बचाव
चलती कार में यदि धुएं की गंध आ रही हो तो तुरंत अपने वाहन को सड़क के किनारे रोक लें। तत्काल प्रभाव से कार का इंजन बंद करते हुए गाड़ी से बाहर निकल जाएं। यदि दरवाजे जाम हों तो विंडो तोड़कर बाहर निकलने या निकालने का प्रयास करें। इस दौरान कार का बोनट खोलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, इसमें आग हो सकती है। कार में फायर एक्सटिंगुइशर जरूर रखें। इस दौरान पुलिस के टोल फ्री नम्बर 112 या फायर ब्रिगेड के टोल फ्री नंबर 101 पर सूचना दें।
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