कोरोना काल में फर्जी बिल बनाकर किया था 7 करोड़ का घोटाला | Kaithal News
कैथल (सच कहूं/कुलदीप नैन)। Kaithal News: कैथल जिले में कोरोना काल के समय में सफाई नाम पर जो घोटाला हुआ था उसमें एंटी करप्शन ब्यूरो की बड़ी कारवाई कैथल में देखने को मिली। प्रदेश भर से लगभग 10 टीमें जांच में लगी हुई थी जिन्होंने फील्ड में उतरकर जगह-जगह छापेमारी की। करोड़ों रुपए का सफाई घोटाला करने वाले कई ठेकेदार व अधिकारी कर्मचारी गिरफ्तार किए हैं। वहीं बाकियों की गिरफ्तारी के लिए विजिलेंस टीम कई ठिकानों पर दबिश दे रही। एंटी करप्शन ब्यूरो पिछले 4 साल से मामले की जांच कर रही थी। Kaithal News
एसीबी की टीम ने एक्सईएन, जेई व एक लेखाकार सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें चार ठेकेदारों को भी गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपियों ने फर्जी बिल बनाकर 7 करोड़ रुपए का घोटाला किया था। एसीबी ने रोहतक में कार्यरत एक्सईएन नवीन, पिहोवा में कार्यरत जेई जसबीर, नारनौल में कार्यरत लेखाकार कुलवंत सहित गांव फतेहपुर निवासी ठेकेदार अभय संधू, गांव फरियाबाद निवासी दिलबाग, पूंडरी निवासी अनिल और राजेश को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अभी आठ आरोपियों की ओर गिरफ्तारी किया जाना बाकी है।
10 में से सिर्फ 3 करोड़ के हुए काम | Kaithal News
इस मामले में 2021 में आई 16 करोड़ों रुपये की राशि मंजूर हुई थी जिसमे से 10 करोड़ की राशि गांव में सफाई पर खर्च होनी थी। इसमें से आरोपियों ने गांवों में तीन करोड़ रुपये के तो काम करवाए जबकि सात करोड़ रुपये की राशि का खुद गबन कर गए। गबन की गई राशि कागजों में तो खर्च हुई दिखाई गई, लेकिन गांव में सफाई नहीं हुई | अधिकारी कर्मचारियों ने फर्जी बिल तैयार कर विभिन्न फर्मों को राशि जारी कर दी। पहले इसकी जाँच एडीसी द्वारा की जा रही थी लेकिन बीच में जाँच रोककर विजिलेंस को दी गयी। पूरे मामले में एसीबी के डीजीपी अभिताभ ढिल्लों व अंबाला के एसपी कुशल के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई है। जबकि इस मामले में डीएसपी पवन और ओमप्रकाश भी जांच कर रहे हैं।
एसीबी की टीम लम्बे समय से डाटा एकत्रित करने में लगी हुई थी। गाँव गाँव जाकर पूछताछ की जा रही थी कि कहा किस तालाब की सफाई हुई, कहा नहीं हुई , कितने पैसे का गबन हुआ। ये सारा डाटा जब इक्कठा हो गया तब जाकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। एसीबी की टीम के अनुसार जिप के पूर्व डिप्टी सीईओ जसविंद्र इसके मुख्य आरोपी हैं। इन आरोपियों ने फर्जी बिल बनाकर राशि पास करवाई थी और बाद में गांवों में काम न करवा उसे अपने खातों में डाल दिया था। Kaithal News
शक के दायरे में
तत्कालीन समय के सीईओ, एसडीओ , जेई , एक्शन, क्लर्क सभी शक के दायरे में है क्योकि सभी के साइन होने के बाद ही कोई बिल पास होता है इसलिए एसीबी सभी को शक की निगाह से देखते हुए कार्रवाई में शामिल कर रही है
वर्ष 2020-2021 में सरकार की ओर से जिला परिषद के माध्यम से गांवों में सफाई के लिए जारी की गई विशेष ग्रांट में 15 लोगों ने करीब सात करोड़ रुपये का गबन किया है। इस मामले में अभी तक पंचायती राज के एक्सईएन, जेई व लेखाकार और ठेकेदार सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
महेंद्र सिंह, एसीबी जांच अधिकारी
विधायक लीला राम ने उठाया था मुद्दा | Kaithal News
इस मामले में भाजपा सरकार के मौजूदा विधायक लीला राम ने शिकायत दर्ज करवाते हुए अधिकारी और कर्मचारियों पर आरोप लगाए थे कि अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते बिना काम करवाए फर्जी बिल तैयार कर फर्मों के खाता में राशि डाली दी गई।
किसने कितने का किया घोटाला
नवीन के खाते में 78 लाख रुपए, जसबीर के खाते में 26.89 लाख रुपए, दिलबाग ढुल के खाते में 1 करोड़ 62 लाख रुपए, अभय संधू 47 लाख , अनिल के खाते में 67 लाख , राजेश के खाते 41 लाख रूपए फर्जी तरीके से गए।
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