Budharwali: भीषण गर्मी के बावजूद बुधरवाली में उमड़ी साध-संगत, तस्वीरें अपने आप में खुद बयां करती…

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Budharwali: भीषण गर्मी के बावजूद बुधरवाली में उमड़ी साध-संगत, तस्वीरें अपने आप में खुद बयां करती... छाया: सुशील कुमार

Budharwali: बुधरवाली, लखजीत इन्सां। एमएसजी डेरा सच्चा सौदा व मानवता भलाई केन्द्र मौजपुर धाम बुधरवाली में राजस्थान की साध-संगत ने पवित्र एमएसजी सत्संग भंडारा धूमधाम से मनाया। भीषण गर्मी के बावजूद भंडारे में भारी संख्या में साध-संगत ने शिरकत की। साध-संगत के आगमन के मद्देनजर पानी व छाया के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए थे, ताकि गर्मी के मौसम में किसी को कोई परेशानी न हो। पावन भंडारे की शुरूआत बेशक रविवार सुबह 11 बजे हुई, लेकिन साध-संगत का शनिवार सांय से ही आना अनवरत जारी रहा। इस अवसर पर मानवता भलाई कार्यों के तहत जरूरतमंद परिवारों के 76 बच्चों को कपड़े वितरित किए गए। Budharwali

एमएसजी सत्संग भंडारे में उपस्थित साध संगत बड़ी-बड़ी स्क्रीनों के माध्यम से सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने फरमाया कि मनुष्य जीवन का असली मकसद उस शक्ति ताकत को प्राप्त करना है जो सब कुछ बनाने वाली है। मनुष्य कलियुग के अनुसार कर्म करता जा रहा है। भूल गया अपने उद्देश्य को, भूल गया अपने मकसद को, भूल गया कि इस शरीर में बेइंतिहा खुशियां हासिल कर सकता है। जीभा के स्वाद में, इन्द्रियों के भोग विलास में क्षणिक आनंद को पाकर मस्त हुआ बैठा है और उस परमानन्द से बहुत दूर हो गया है। गुरू जी ने फरमाया कि
परमानन्द, ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब की भक्ति इबादत से ही मिलता है।

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तो उसमें (परमानन्द) में क्या है? हम ये आपको गारंटी देते हैं कि जो ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब की धुर का बाणी, अनहद नाद, बांग-ए-इलाही, मैथड़ आफ मेडिटेशन से प्राप्त की हुई गॉड्स वॉइस एंड लाइट, वो जो आवाज है, वो जो रोशनी है, वो जिसे हम परमानंद कह रहे हैं, दुनिया में चाहे किसी को कोई भी स्वाद पसंद हो, अगर आप परमानन्द से जुड़ते हैं, जो आपको स्वाद पसंद हैं, उसकी तुलना में परमानन्द में अरबों-खरबों गुणा ज्यादा आपको स्वाद आएगा और हर किसी को आएगा और वो स्वाद परमानेंटली है। जिस परमानन्द की हम बात कर रहे हैं उसे अगर चख लिया जाए, उसे पा लिया जाए, महसूस कर लिया जाए, एक बार वो राम-नाम का स्वाद जीभा पर चढ़ गया तो ताउम्र रहेगा और ऐसी खुशियां देता रहेगा जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की होगी। Budharwali

पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु की भक्ति इबादत करें तो उससे आपके बिजनेस व्यापार, खेती-बाड़ी में भी फायदा होगा और शरीर का भी बहुत फायदा होगा व आत्मिक सुख मिलेगा। पतझड़ में बहार लगती है कब? शरीर तंदुरूस्त और दिमाग खुश हो जाता है। जब दिमाग में आत्मबल परिपूर्ण होगा तो आपकों पतझड़ भी बहार लगेगी। मुझे गुरु जी ने फरमाया कि सत्संग में आने के बाद सुने गए वचनों को मानने से जो खुशी मिलती है वह कहने सुनने से परे है। गुरुजी ने फरमाया कि परमपिता परमात्मा को आप देख भी सकते हैं और सुन भी सकते हैं इसके लिए आपको भक्ति करनी होगी।

एक जुनून लगन पैदा करना होगी ताकि की गई भक्ति से उस प्रभु परमात्मा को देखकर आप उसकी रहमतों से मालामाल हो जाएंगे। प्रभु परमात्मा से मिलने के बाद व्यापार में उन्नति होगी तंदुरुस्ती आएगी। गुरु जी ने फरमाया कि परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज ने भक्ति मार्ग को और आसान करते हुए ऐसा गुरु मंत्र साध संगत को दिया जिसका एक-एक घंटा लगातार 2 महीने जाप करने से मानव प्रभु परमात्मा के दर्शन दीदार को कर सकता है। इसलिए सत्संग को सुनना अति जरूरी है सत्संग के साथ अगर सेवा व परमार्थ किया जाए तो जीवन का आनंद ही कुछ और है। सेवा और परमार्थ के सहारे प्रभु परमात्मा की ओर तेजी से बढ़ा जा सकता है। Budharwali

पावन भंडारे में कविराजों ने भक्तिमय भजनों के माध्यम से सतगुरु जी की महिमा का गुणगान किया। भजनों की मनमोहक धुनों पर बच्चे, बुजुर्ग, युवा सहित हर आयुवर्ग के श्रद्धालुओं ने नाचकर अपनी खुशी का इजहार किया। इस अवसर पर सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन अनमोल वचन साध-संगत ने पूरे श्रद्धाभाव से एकाग्रचित होकर श्रवण किए। इस अवसर पर पूज्य गुरु जी द्वारा अप्रैल महीने में भेजी गई चिट्ठी एक बार फिर साध-संगत को पढ़करवहीं साध-संगत को पूज्य गुरु जी द्वारा नशों के खिलाफ जागरूक करने के लिए गाए गए सॉन्ग ‘मेरे देश की जवानी’ और आशीर्वाद मांओं का भी चलाए गए, जिन पर साध-संगत ने नाचकर अपनी खुशी का इजहार किया। सुनाई गई। पवित्र भंडारे की समाप्ति पर आई हुई साध-संगत को सेवादारों ने कुछ ही मिनटों में लंगर-भोजन खिला दिया।गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक पूजनीय सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने सन् 1948 के अप्रैल माह में डेरा सच्चा सौदा की स्थापना करने के पश्चात मई महीने में पहला सत्संग फरमाया था। इसलिए साध-संगत मई महीने को पवित्र एमएसजी सत्संग भंडारा माह के रूप में मनाती है।

जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध करवाने का मिला संदेश

पावन भंडारे के अवसर पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन सान्निध्य में चलाई जा रही फूड बैंक मुहिम के महत्व को दर्शाती डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से दिखाया कि किस तरह डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत द्वारा खुद व्रत रखकर उस दिन के राशन को फूड बैंक में जमा करवाते हैं और फिर राशन को जरूरतमंदों लोगों को दिया जाता है। इसके साथ ही आमजन से भी अपने आसपास के जरूरतमंदों की मदद का आह्वान किया गया।

नशों के खिलाफ गीतों से किया जागरूक

पूज्य गुरु जी द्वारा नशों के खिलाफ जागरूक करने के लिए गाए गए गीत ‘मेरे देश की जवानी’ और ‘आशीर्वाद मांओं का’ भी सुनाए गए। इन गीतों से प्रभावित होकर लाखों की संख्या में लोग नशे छोड़ चुके हैं। युवाओं सहित हर आयु वर्ग के श्रद्धालुओं के अलावा आमजन द्वारा भी ये गीत बहुत पसंद किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर करोड़ों लोग इन गीतों को देख और सुन चुके हैं।