विजिलेंस जांच में खुलासा: 2007 में हुई थी 9998 अध्यापकों की भर्ती, अनुभव सर्टीफिकेट के मिले थे सात नंबर
- बठिंडा के नौ अध्यापकों खिलाफ केस दर्ज, चार महिलाएं शामिल
बठिंडा (सच कहूँ/सुखजीत मान)। Bathinda News: फर्जी अनुभव और रूरल सर्टिफिकेट के आधार पर साल 2007 में शिक्षा विभाग में बतौर टीचिंग फैलेज की सरकारी नौकरी प्राप्त करने के मामले में बठिंडा जिले के 9 अध्यापकों के खिलाफ धारा 420 सहित अन्य धाराओं के तहत बठिंडा के थाना सिविल लाइन में केस दर्ज किया गया। इनमें चार महिलाएं भी शामिल हैं। Bathinda News
अध्यापकों की पहचान सुखदर्शन सिंह निवासी गांव जस्सी पाऊ वाली, खुशविंदर सिंह निवासी गांव भुच्चो खुर्द, किरनदीप कौर निवासी गुरु गोबिंद सिंह नगर बठिंडा, दविंदर कौर निवासी जुझार सिंह नगर, सर्बजीत सिंह निवासी गांव भाईरूपा, जगरूप सिंह निवासी गुरु तेग बहादुर नगर, मनजिंदर कौर निवासी बाबा दीप सिंह नगर, सुरिंदर कौर निवासी गांव बरगाड़ी, दविंदर सिंह निवासी परसराम नगर बठिंडा के तौर पर हुई है। Bathinda News
फिलहाल किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इन सभी आरोपितों ने अपने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी प्राप्त की है। साल 2007 में शिक्षा विभाग की तरफ से प्रदेश के 20 जिलों में 9998 टीचिंग फैलज की भर्ती के लिए जिला स्तर पर संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी एलिमेंटरी चेयरमैनशिप में भर्ती की गई थी। इस भर्ती में अनुभव सर्टिफिकेट के ज्यादा से ज्यादा सात अंक होने के चलते उम्मीदवारों की तरफ से बड़े स्तर पर मिलीभगत कर फर्जी अनुभव सर्टिफिकेट पेश कर नौकरी हासिल की गई। Bathinda News
कमेटी के समक्ष पेश होकर करवाएं सर्टिफिकेट जांच | Bathinda News
इसके बाद उक्त फर्जी अनुभव सर्टिफिकेट का मामला शिक्षा विभाग के ध्यान में आने के बाद 6 अगस्त 2009 को फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी हासिल करने वाले उम्मीदवारों की सूची अखबारों में प्रकशित कर उन्हें पंजाबी यूनिवर्सिटी में अपना पक्ष रखने का मौका विभाग द्वारा गठित स्पेशल जांच कमेटी के समक्ष दिया गया। 11 अगस्त से लेकर 13 अगस्त 2009 तक उम्मीदवारों की तरफ से जांच कमेटी के समक्ष पेश होकर अपने सर्टिफिकेट जांच करवाए गए।
जांच कमेटी ने उक्त सर्टिफिकेट की जांच करने के बाद 22 अक्टूबर 2009 को फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी हासिल करने वाले उम्मीदवारों को नौकरी से निकालने की सिफारिश शिक्षा विभाग से की गई थी, लेकिन उक्त उम्मीदवारों ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में अलग-अलग पटीशन दायर कर उक्त रिपोर्ट को चुनौती दी गई थी। चार बार पक्ष रखने का दिया मौका जिसके बाद हाईकोर्ट के आदेशों पर सरकार ने डायरेक्टर शिक्षा विभाग एलिमेंटरी पंजाब साधु सिंह रंधावा की चेयरमैनशिप में बनाई गई कमेटी के समक्ष दोबारा से उक्त सभी उम्मीदवारों को 4 बार अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया, जिसमें 563 उम्मीदवारों में से 457 उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए और कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में उक्त लोगों पर एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की।
विजिलेंस ब्यूरो पंजाब को सौंपी गई जांच | Bathinda News
उक्त मामले की जांच विजिलेंस ब्यूरो पंजाब को सौंपी गई। विजिलेंस ब्यूरो ने भी अपने स्तर पर जांच करने और शिक्षा विभाग की तरफ से गठित जांच कमेटियों की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित जिले के पुलिस अधिकारियों को उक्त आरोपित लोगों पर मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे। विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर बठिंडा पुलिस ने जिले के 9 अध्यापकों पर मामला दर्ज किया है।
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