शीर्ष अदालत ने 1 जून तक दी अंतरिम जमानत, 2 जून को करना होगा सरेंडर
- कोर्ट बोली: केस अगस्त 2022 में, गिरफ्तारी मार्च 2024 में; डेढ़ साल ईडी कहां थी?
नई दिल्ली (एजेंसी)। Arvind Kejriwal: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित धनशोधन के एक मामले में जेल में बंद आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी। इसके बाद सांय 7 बजकर 26 मिनट पर केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आए।
इससे पूर्व न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत का आदेश पारित किया। केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करने को कहा गया है। केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले में 40 दिन से तिहाड़ जेल में बंद थे। अदालत ने दोपहर 2 बजे एक लाइन में फैसला सुनाया। हालांकि, उनके वकील ने 4 जून तक की रिहाई का अनुरोध किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया एक जून को खत्म हो जाएगी। कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को जमानत राशि के साथ 50,000 रुपए का जमानत बांड भरना होगा और तिहाड़ जेल से रिहाई के लिए इतनी रकम का मुचलका देना होगा।
ट्रायल कोर्ट जाने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, ‘‘गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर बहस अगले सप्ताह जारी रहेगी। 20 मई से शुरू होने वाली गर्मी की छुट्टियों से पहले याचिका पर फैसला सुनाने का प्रयास करेगी।’’जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा, ‘‘केजरीवाल की अंतरिम जमानत की शर्तें ‘आप’ नेता संजय सिंह की जमानत पर लगाई गई शर्तों के समान होंगी। बता दें कि संजय सिंह को एक अप्रैल को इसी मामले में जमानत दी गई थी। कोर्ट ने संजय सिंह की जमानत के लिए तीन शर्तें रखी थीं।
ये है पूरा मामला | Arvind Kejriwal
ईडी ने आबकारी नीति केस में केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। ईडी ने 22 मार्च को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 28 मार्च तक ईडी रिमांड पर भेजा, जो बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ाई गई। कोर्ट ने 1 अप्रैल को उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया और ये मियाद बढ़ती रही।
इन शर्तों का करना होगा पालन | Arvind Kejriwal
- केजरीवाल सीएम दफ्तर और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे।
- आवश्यक न होने तक फाइल पर साइन नहीं करेंगे।
- अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगे।
- आबकारी नीति केस से जुड़ी फाइल नहीं देखेंगे, गवाह से बात नहीं करेंगे और अपनी भूमिका पर टिप्पणी नहीं करेंगे
- दिल्ली से बाहर जाने पर जांच एजेंसी को बताएंगे और अपनी लाइव लोकेशन शेयर करेंगे।
विरोध में ईडी ने दी ये दलीलें | Arvind Kejriwal
- चुनाव प्रचार जमानत का आधार नहीं हो सकता, क्योंकि ये कोई मौलिक या कानूनी अधिकार नहीं हो सकता।
- जमानत देने से गलत मिसाल कायम होगी।
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