तमिलनाडु में रॉटवीलर नस्ल के कुत्ते ने एक पांच वर्षीय बच्ची को बुरी तरह से नोच डाला। यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं। रॉटवीलर के अलावा पिटबुल कुत्तों का आतंक भी चर्चा में रह चुका है। हैरानी की बात यह है कि आवारा कुत्तों के काटने की खबरों के बीच पालतू कुत्तों (Pet Dogs) और आवारा कुत्तों के हमलों की भी खबरें आ रही हैं। कुत्तों के इस मामले को लेकर कोई सख्त नियम न होने के कारण घटनाएं हो रही हैं। राज्य सरकारों को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और कड़े प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है।
भले ही केंद्र सरकार ने 23 खतरनाक नस्ल के कुत्तों पर प्रतिबंध लगाने के लिए राज्यों को पत्र लिखा है, लेकिन राज्यों ने इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिला प्रशासन और नगर पालिकाओं ने अपने स्तर पर अवश्य कदम उठाए हैं। कुछेक शहरों ने अपने स्तर पर कुछ नस्लों के कुत्तों को पालने पर प्रतिबंध लगा दिया है और सामान्य कुत्तों का पंजीकरण भी अनिवार्य कर दिया है। यह आवश्यक है कि किसी का शौक पड़ोसी के बच्चों के लिए जान का खतरा न बन जाए।