जब तक सूरज चांद रहेगा शेर सिंह तेरा नाम रहेगा के नारों से गूंजा गांव पीलीमंदोरी
- पोतियों ने दिया दादा की अर्थी को कंधा, नम हुई आंखें
भट्टूकलां (सच कहूँ/मनोज सोनी)। Fatehabad News: जीते जी रक्तदान तो मरणोंपरांत नेत्रदान व देहदान (Body Donation) कर डेरा सच्चा सौदा के सेवादार समाज में मानवता की अनुकरणीय मिसाल पेश कर रहे हैं। देहदानी की कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है भट्टू कलां ब्लॉक के गांव पीलीमंदोरी निवासी प्रेमी शेर सिंह इन्सां 64 वर्षीय का। शेर सिंह पिछले कुछ दिनों से खराब स्वास्थ के चलते अपनी स्वांसों रूपी पूंजी पूरी कर कुल मालिक के चरणों में जा विराजे।
उनके बेटे मानवता भलाई केंद्र के सेवादार सुखनाम इन्सां, रमेश इन्सां ने बताया कि उनके पिता ने अपने जीते जी मरणोपरांत शरीरदान (Body Donation) का फार्म भरा हुआ था। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा को पूर्ण करते तथा पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे मानवता भलाई के कार्यों में से अमर सेवा (चिक्तिसा व शोध कार्यों के लिए मरणोपरांत शरीरदान) के तहत उनका शरीर मेडिकल शोध के लिए सरस्वती आयुर्वेद हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज मोहाली को दान कर दिया।
85 मैंबर कमेटी सेवादार बहन संतोष इन्सां ने बताया कि शेर सिंह इन्सां ने अपने पूरे परिवार को पूज्य गुरूजी की प्रेरणानुसार इन्सानियत की राह में लगाया। अपने परिवार को मानवता भलाई के हर कार्य में अग्रणी रखा। उनकी अंतिम यात्रा के समय ब्लॉक के प्रेमी सेवक मोनू इन्सां ने परिजनों व साध-संगत के साथ विनती भजन बोलकर व शेर सिंह इन्सां अमर रहे के नारे लागाकर पूरे सम्मान के साथ गांव के मुख्य बस स्टैंड तक उन्हें विदा किया।
शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर विंग के जिम्मेवार भाई कृष्ण इन्सां ने बताया कि ब्लॉक भट्टूकलां का यह पहला शरीरदान है। बता दें कि सचखंड वासी शेर सिंह इन्सां ने सन 1974 में पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज से नाम की अनमोल दात प्राप्त की थी।
पोतियों ने दिया अर्थी को कंधा | Body Donation
बेटा-बेटी एक सम्मान मुहिम के तहत शेर सिंह की पोतियों नेहा, निकिता, सुखप्रीत, हिमांशी ने अर्थी को कंधा दिया। पार्थिव शरीर को रिश्तेदारों सहित बड़ी संख्या में ब्लॉक की साध-संगत, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर विंग के सेवादारों के अलावा क्षेत्रवासियों द्वारा शरीरदानी के निवास स्थान भांभू भवन पीलीमंदोरी से शेर सिंह इन्सां अमर रहे, और शरीरदान महादान के नारों से अंतिम विदाई दी। इस मौके पर आनंद इन्सां, करण इन्सां, बीरबल,रामस्वरूप, महेंद्र, रामकुमार, बजरंग, हंसराज, जोगेंद्र, बंटी, नरेंद्र, मंगतू राम, कुलदीप, मांगेराम, भागीरथ, अमर सिंह, राम सिंह, जय प्रकाश, गुरदेव, अशोक, पूर्णसिंह, कुलदीप, जगदीश, सुखनाम, रमेश, पोता साहिल सहित रिश्तेदारों व ग्रामीणों ने नम आँखों से अंतिम विदाई दी।
शेर सिंह ने गांव के लिए एक ऐसा काम कर दिया जो सदियों तक स्मरणीय रहेगा। धन्य हैं आपके पूज्य गुरुजी, जिनकी पावन प्रेरणा का अनुसरण इस भांभू परिवार ने यह नेक कार्य किया।
– धर्मवीर गोरछिया सरपंच।
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