जिस परीक्षा में बेहतर रिजल्ट वहीँ परिणाम होगा मान्य विद्यार्थियों पर बोर्ड परीक्षाओं के दबाव को कम करने के लिए लिया गया फैसला
कैथल (सच कहूं/कुलदीप नैन)। HBSE Board News: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने विद्यार्थियों पर बोर्ड परीक्षाओं के दवाव को कम करने के लिए बोर्ड की परीक्षाएं दो बार करवाने का फैसला किया है। यह फैसला विद्यार्थियों पर बोर्ड परीक्षाओं के दबाव को कम करने के लिए लिया गया है। इसके लिए बोर्ड ने बाकायदा पत्र जारी किया है। यह पत्र सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के पास भेजा गया है। Haryana Board
विद्यार्थियों को तनाव मुक्त बनाने के में लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के वे तहत शिक्षा बोर्ड से संबंधित प्रदेश के ने सभी राजकीय, गैर राजकीय विद्यालयों, गुरुकुलों, विद्यापीठ में विद्यार्थियों की वर्ष में दो बार मुख्य वार्षिक परीक्षा का आयोजन करवाने का निर्णय लिया गया है। अधिकारियों की ओर से अब खंड स्तर पर भी यह पत्र भेजा गया है। अब तक बोर्ड की परीक्षाओं में केवल एक बार ही विद्यार्थियों को परीक्षा देनी होती थी।
अभ्यर्थी अपनी सुविधानुसार परीक्षा दे सकता है | Haryana Board
आम तौर पर, बोर्ड फरवरी/मार्च के महीने में एकमात्र वार्षिक परीक्षा आयोजित करता रहा है। लेकिन, एकल वार्षिक परीक्षा इस वर्ष से ही दोहरी हो जाएगी और दूसरी परीक्षा उसी वर्ष जून/जुलाई में आयोजित की जाएगी। जून-जुलाई माह में होने वाली यह वार्षिक परीक्षा दूसरी वार्षिक परीक्षा कहलाएगी। अब माध्यमिक/माध्यमिक-सह-पूर्व-मध्यम कक्षा में अध्ययनरत कोई भी अभ्यर्थी अपनी सुविधानुसार अध्ययन किये गये सभी विषयों की परीक्षा प्रथम या द्वितीय वार्षिक परीक्षा के अंतर्गत अथवा अपने विषयों को प्रथम एवं द्वितीय परीक्षा में विभाजित करके दे सकता है।
इसके अलावा, यदि कोई छात्र अपनी पहली परीक्षा में अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है, तो ऐसी स्थिति में वह दूसरी वार्षिक परीक्षा के तहत दोबारा अपने विषय/विषयों की परीक्षा दे सकता है। जिन विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम प्रथम वार्षिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहेगा तो ऐसी परिस्थिति में परीक्षार्थी द्वितीय वार्षिक परीक्षाओं में फ्रेश कैटेगरी में स्वयंपाठी परीक्षार्थी के रूप में आवेदन कर सकें।
कोई परीक्षार्थी प्रथम परीक्षा के समय अनुपस्थित रहने की स्थिति में भी दूसरी वार्षिक परीक्षा हेतु निर्धारित किए गए शैड्यूल में प्रायोगिक परीक्षा में पुनः भाग ले सकेगा। प्रथम व द्वितीय वार्षिक परीक्षा में भाग लेने वाले परीक्षार्थियों का अंतिम परिणाम दोनों प्रयासों में विषयवार अर्जित किए गए सर्वोत्तम अंकों को मानते हुए तैयार किया जायेगा। यानी इसका सीधा सीधा फायदा विद्यार्थी को होगा।
शिक्षा विभाग की तरफ से पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमे वर्ष में दो बार परीक्षा करवाने को लेकर निर्देश जरी किये गये है। विद्यार्थियों पर परीक्षा के दबाव को कम करने के लिए विभाग की तरफ से ये निर्णय लिया गया है। इससे बच्चो को फायदा होगा और वो बेहतर परिणाम हासिल कर सकेगे। डॉ विजय लक्ष्मी , जिला शिक्षा अधिकारी, कैथल
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